Sunday, November 10, 2024
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मिल गया 338 करोड़ घोटाले का लिंक,अब ईमानदारी के शहंशाह केजरीवाल का नम्बर?

दिल्ली शराब घोटाला केस (Delhi Liquor Case) में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह के बाद अब अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का भी नाम जुड़ता दिख रहा है. दिल्ली आबकारी नीति केस की जांच की आंच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है और अब ईडी ने समन जारी कर दिया है. ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 2 नवंबर को तलब किया है. इससे पहले इसी मामले में मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में बंद हैं.
₹338 करोड़ ट्रांसफर किए जाने का लिंक मिला, काफी चीजें संदेहास्पद’: पढ़िए सुप्रीम कोर्ट ने क्यों मनीष सिसोदिया को नहीं दी जमानत, BJP बोली – अब केजरीवाल की बारी

 

शराब घोटाले में फँसे दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इस फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (AAP) पर कड़े आरोप लगाए हैं। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आप के सभी बचाव और झूठ का पर्दाफाश हो गया है। वहीं, मनोज तिवारी ने कहा कि इस फैसले से साबित हो गया है कि मनीष सिसोदिया और AAP भ्रष्ट हैं।

उन्होंने कहा कि अब AAP के शीर्ष नेताओं की गिरफ्तारी करीब है और केजरीवाल भी गिरफ्तार हो सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई की। जस्टिस खन्ना ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 338 करोड़ रुपए के इस लेनदेन का लिंक मिला है, इसीलिए हम सिसोदिया की बेल याचिका को खारिज करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी और उसकी लीडरशिप पर जोरदार हमला बोला।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विश्लेषण में कई ऐसे पहलू मिले हैं जो संदेहास्पद हैं। जैसे, 338 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाने की बात प्रतीत हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई कानूनी सवालों के जवाब सीमित तरीके से ही दिए गए हैं। फ़िलहाल तक की जाँच से प्रतीत होता है कि 338 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।

आम आदमी पार्टी के झूठ बेनकाब, सामने आ गया पैसों का कनेक्शन

दिल्ली शराब नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज किए जाने पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी की ओर से किए गए सारे बचाव सुप्रीम कोर्ट में बुरी तरह से फेल रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 338 करोड़ रुपए का मनी ट्रेल लिंक जुड़ चुका है। इस मामले में आम आदमी पार्टी पूछ रही थी कि मनी ट्रेल कहाँ है? लोगों को इस झूठ से बरगलाया जा रहा था कि मनी ट्रेल नहीं है, आरोप झूठे हैं, लेकिन वो कब तक झूठ बोलेंगे? तब तक अरविंद केजरीवाल इन लोगों का बचाव करते रहेंगे?”

मनोज तिवारी बोले, अब केजरीवाल की बारी

इस मामले में भाजपा सांसद और दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद साबित हो गया है कि मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार में पूरी तरह से डूबे हुए हैं। अब ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ से शीर्ष नेताओं की भी गिरफ्तारी एकदम करीब है। इस मामले में अरविंद केजरीवाल भी गिरफ्तार होंगे और जेल जाएंगे।

मनीष को सीबीआई ने 26 फरवरी को किया था गिरफ्तार

बता दें कि मनीष सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित एक मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई द्वारा दर्ज की गई FIR में सिसोदिया और अन्य को 2021-22 की आबकारी नीति के संबंध में ‘सिफारिश’ करने और ‘निर्णय लेने’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप लगाया गया। केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि सिसोदिया को इसलिए गिरफ्तार किया गया क्योंकि उन्होंने गोल-मोल जवाब दिए और सबूतों के सामने आने के बावजूद जांच में सहयोग करने से इनकार कर दिया।

दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि कुछ निजी कंपनियों को थोक व्यापार में 12 प्रतिशत का लाभ देने की साजिश के तहत उत्पाद शुल्क नीति लागू की गई थी, हालाँकि, मंत्रियों के समूह की बैठकों के मिनटों में ऐसी किसी शर्त का उल्लेख नहीं किया गया था। एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि थोक विक्रेताओं को असाधारण लाभ मार्जिन देने के लिए विजय नायर और साउथ ग्रुप के साथ अन्य व्यक्तियों द्वारा एक साजिश रची गई थी। एजेंसी के मुताबिक, नायर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की ओर से काम कर रहे थे।

सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज किए गए दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाएँ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने 31 मार्च और 28 अप्रैल को खारिज कर दी थी। वहीं, 3 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पिछली शराब नीति के कार्यान्वयन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले, 30 मई को हाईकोर्ट ने शराब नीति के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

मनीष सिसोदिया ने इन दोनों फैसलों को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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