जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के मंगलवार को घोषित नतीजों में रात 9:30 बजे तक मतगणना के आंकड़ों के लिहाज से नेशनल कॉन्फ्रेंस-पीडीपी सहित सात दलों के गुपकार गठबंधन ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के मुकाबले अच्छी बढ़त हासिल कर ली है। हालांकि, बीजेपी के लिए भी नतीजे कई मायनों में बेहद खास और उत्साहजनक हैं। राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार की ओर से निष्क्रिय किए जाने के बाद हुए पहले चुनाव में जहां पार्टी ने कश्मीर घाटी में भी तीन सीटों पर जीत हासिल की है तो वह पहली बार जम्मू-कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने चुनाव अधिकारियों के हवाले से बताया कि बीजेपी ने 65 सीटों पर जीत हासिल की है तो जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को 54 सीटें हासिल हुई हैं। वहीं, पीडीपी को 25 सीटों पर जीत मिली है। कांग्रेस के उम्मीदवार 20 सीटों पर जीतने में कामयाब रहे तो वहीं 39 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है।
पीटीआई की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, गुपकार गठबंधन 82 सीटों पर जीत जीत हासिल कर चुका है और 30 पर बढ़त बनाए हुए है। इसके बाद बीजेपी है जिसने 52 सीटें जीत ली है और 18 पर बढ़त बनाए हुए है। 38 निर्दलीय उम्मीदवार जीत हासिल कर चुके हैं, जबकि करीब इतने ही दूसरी सीटों पर आगे चल रहे हैं। जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़ते हुए अच्छा प्रदर्शन किया है। पार्टी 7 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है, जबकि 5 अन्य पर जीत हासिल कर चुकी है। कांग्रेस 19 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है तो 9 अन्य पर आगे चल रही है।
डीडीसी चुनाव के लिए 2178 उम्मीदवार मैदान में हैं। डीडीसी की 280 सीटों के लिए आठ चरण में चुनाव कराए गए। केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों में प्रत्येक में 14 सीटें हैं। डीडीसी चुनाव को क्षेत्र में भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के बीच मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है। पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला चुनाव है।
पहले चरण का मतदान 28 नवंबर को हुआ था और आठवें एवं अंतिम चरण का मतदान 19 दिसंबर को हुआ। कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए इन चुनावों में 57 लाख पात्र मतदाताओं में से 51 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। कश्मीर केन्द्रित मुख्य धारा की सात राजनीतिक पार्टियों ने गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनाव लड़ा था। इन पार्टियों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी शामिल हैं।
शुरुआत में कांग्रेस भी पीएजीडी का हिस्सा थी, लेकिन बाद में उसने गठबंधन से दूरी बना ली क्योंकि भाजपा ने विपक्षी दलों को ”गुपकर गैंग कहते हुए निशाना साधा था।” पिछले सात चरण में कांग्रेस अकेले ही चुनाव में उतरी लेकिन ऐसा समझा जाता है कि पीएजीडी के साथ उसकी सहमति थी।