अबू धाबी में अब लोग सड़क किनारे नमाज नहीं पढ़ पाएंगे. पुलिस ने अब सड़क किनारे नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाने का फैसला किया है. अबू धाबी पुलिस की तरफ से कहा गया है कि सड़क पर कहीं भी गाड़ी रोककर नमाज पढ़ने पर एक हजार दिरहम का जुर्माना अदा करना पड़ेगा. अब इस पर मुरादाबाद में सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि अगर यही नियम भारत में मोदी सरकार लागू करती तो कुछ कट्टरपंथी हो हल्ला मचाने लगते.
सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय प्रवक्ता कशिश वारसी ने कहा कि इस्लामिक देशों में सड़क पर नमाज पढ़ने के जो नए नियम बनाए जा रहे हैं, वह काबिले तारीफ हैं, क्योंकि इस्लाम किसी को भी इस बात की इजाजत नहीं देता कि वह किसी भी रास्ते पर आकर नमाज पढ़ें.
कशिश वारसी ने कहा कि अबू धाबी में तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार है नहीं. अगर यही काम हमारे देश में हुआ होता तो कुछ कट्टरपंथी अब तक जमकर हंगामा कर चुके होते, लेकिन यह सब कुछ इस्लामिक मुल्क अबू धाबी में हो रहा है तो कुछ नहीं बोल रहे हैं. मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि अबू धाबी की सरकार ने लोगों को सही इस्लाम की जानकारी दी है.
दूसरे का रास्ता रोकना ठीक नहीं
इस्लाम कभी भी किसी का रास्ता रोककर नमाज पढ़ने की बात नहीं करता है. अगर आपको नमाज अदा करनी ही है तो घर और मस्जिद में पढ़िए. या फिर ऐसी जगह पढ़िए जहां पर किसी भी दूसरे के रास्ते का आवागमन खराब न हो रहा हो. आपके नमाज अदा करने से किसी भी दूसरे व्यक्तिी को परेशानी नहीं होनी चाहिए. इस्लाम दूसरे को परेशान करने का नाम नहीं है.
अबू धाबी ने पूरी दुनिया को दिया अच्छा संदेश
कशिश वारसी ने कहा कि पूरी दुनिया के अंदर इस्लाम का एक अच्छा मैसेज जाना चाहिए. मुझे इस बात की बेहद ज्यादा खुशी है कि अबू धाबी गवर्नमेंट ने यह बड़ा कदम उठाया है. पूरी दुनिया को वहां कि सरकार के द्वारा यह संदेश दिया गया है कि इस्लाम किसी को भी परेशान करने का मजहब नहीं है, बल्कि इस्लाम दूसरों को मोहब्बत और भाईचारा बढ़ाने का मजहब है.