एसओजी और मलवां थाने की पुलिस ने संयुक्त टीम ने 9 वर्षीय बच्चे की हत्या के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। घटना के खुलासे के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि मलवां थाना क्षेत्र में 30 जून को दोपहर 2:23 बजे मृतक की मां ने डायल 112 पर सूचना दी थी कि उनका 9 वर्षीय बच्चा, जो 29 जून से लापता था, बच्चे का चप्पल गांव सौरा के तालाब के किनारे मिला है, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तालाब और बगल के कुएं की तलाशी ली, जहां बच्चे का शव बोरी में पाया गया।
इस घटना के संबंध में थाना मलवां पर मामला दर्ज किया गया था। बुधवार को पुलिस ने मदरसे के दो मौलवियों रकीमुद्दीन और दिलनवाज नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल, सेलो टेप और रस्सी का टुकड़ा बरामद किया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी दिल नवाज पॉर्न मूवी देखने का आदी था। बच्चे को अकेला पाकर उसके साथ घिनौनी वारदात को अंजाम दिया और राज खुल न जाए, इस डर से उसे मौत के घाट उतार दिया। दोनों आरोपी गांव सौरा में एक मदरसे का संचालन करते हैं। नौ साल का मृतक बच्चा भी इसी मदरसे में पढ़ता था।
आरोपी दिलनवाज पोर्न वीडियो देखने का आदी था और उसने बच्चे के साथ गलत काम करने का प्रयास किया था, जब बच्चा रोने लगा, तो दिलनवाज ने उसका मुंह दबाकर उसे बेहोश कर दिया और बाद में उसके हाथ-पैर बांध दिए। जिससे उसकी दम घुटने से मौत हो गई। वहीं एसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि मामले में सभी पक्षों की गहराई से जांच की जा रही है और आगे और कार्रवाई की जाएगी।
पोर्न देखने का आदी हाफिज दिलनवाज ने मदरसे के 9 साल के बच्चे से किया कुकर्म, विरोध पर मारकर कुएँ में फेंका: हाथ-पैर बाँधकर मुँह में चिपका दिया था टेप
उत्तर प्रदेश की फतेहपुर पुलिस ने मदरसे के अंदर हुई 9 साल के नाबालिग छात्र की हत्या की गुत्थी सुलझा ली है। हत्या के आरोप में बुधवार (3 जुलाई) को मदरसे के ही एक हाफिज और एक मौलवी को गिरफ्तार किया गया है। हाफिज का नाम दिलनवाज है, जबकि मौलवी का नाम रकीमुद्दीन है। दोनों रिश्ते में जीजा-साले लगते हैं।
मदरसे के अंदर शनिवार (29 जून 2024) को बच्चे के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया गया था। राज खुलने के डर से दोनों आरोपितों ने मिलकर नाबालिग की हत्या कर दी थी। आरोपित दिलनवाज को पोर्न देखने की लत है। फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक IPS उदय शंकर सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मदरसे में लगभग 20 बच्चे पढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि इस मदरसे में पढ़ाने वाले हाफिज दिलनवाज ने 9 वर्षीय बच्चे के साथ कुकर्म किया था। जब बच्चे ने विरोध किया तो उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई। हत्या के बाद दिलनवाज ने मदरसे के मौलवी रकीमुद्दीन के साथ मिलकर बच्चे की लाश को ठिकाने लगा दिया। दोनों ने शव को एक बोरी में भरकर मदरसे से लगभग 400 मीटर दूर एक कब्रिस्तान के पास बने कुएँ में फेंक दिया था।
पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के साथ जिला अल्पंसख्यक कल्याण विभग इस मामले की अलग-अलग जाँच करवा रहा है। मदरसे की वैधता की भी जाँच चल रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपित हाफिज दिलनवाज पोर्न देखने का आदी है। मृतक मदरसे में उम्र में सबसे छोटा था। घटना के दिन भी दिलनवाज ने मोबाइल पर पोर्न देखी।
उन्होंने आगे बताया कि दिलनवाज ने मदरसे में पीड़ित छात्र को अकेला पाकर उससे कुकर्म किया था। कुकर्म के बाद पोल खुलने के डर से उसने रस्सी से गला घोंट कर छात्र को मार डाला था। दिलनवाज का जीजा रकीमुद्दीन इसी मदरसे में मौलवी था। उसने अपने साले को बचाने के लिए बच्चे की लाश को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया।
रकीमुद्दीन ने रातों-रात बोरी में बच्चे का शव भर करके उसे पास के कब्रिस्तान से सटे हुए कुएँ में फेंक दिया था। शव को मदरसे से कुएँ तक बाइक से ले जाया गया था। ख़ास बात ये है कि मौलवी रकीमुद्दीन ने ही छात्र के परिजनों को बच्चे के गायब होने की सूचना फोन पर दी थी। पुलिस ने दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ हत्या में प्रयोग हुई रस्सी को भी बरामद कर लिया है।
पुलिस ने शव को ले जाने के लिए इस्तेमाल की गई बाइक को भी सीज कर लिया है। बता दें कि 30 जून को मालवां थाने के एक गाँव के कुछ चरवाहों ने कुएँ में एक शव को तैरता हुए देखा था। इसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस की मौजूदगी में शव को कुएँ से निकला गया। लाश के हाथ और पैरों को बाँध दिया गया था। मुँह पर भी टेप चिपका दिया गया था।
पुलिस ने मृतक छात्र के परिजनों को बुलाया और उसकी शिनाख्त करवाई। इसके बाद परिजनों से तहरीर ले कर मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ हत्या, पॉक्सो और IPC की धारा 377 सहित कई धाराओं में मुकदमा दर्ज की है। मृत छात्र का शव अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।