Saturday, July 27, 2024
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खून की होली खेलना चाहता था कट मुल्ला यासिर भोपाल में,मानव बम बनकर हिंदुओं की लाशें,भोपाल का जिम ट्रेनर

मध्य प्रदेश से आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्य पकड़े गए थे. जिसके बाद पुलिस जांच में HUT को लेकर बड़ा खुलासा किया है. जांच में संदिग्ध आतंकियों के मोबाइल से कई वीडियो मिले हैं. इन वीडियो में ओसामा बिन लादेन के वीडियो, नूपुर शर्मा का विवादित बयान, उदयपुर में कन्हैया को मारने वाला वीडियो, खरगोन में रामनवमी के दौरान पत्थरबाजी के वीडियो, कॉम्बैट ट्रेनिंग वीडियो, तफ़सीर-ए-जिहाद का वीडियो भी मिला है. पकड़े गए मध्यप्रदेश और तेलंगाना से 16 संदिग्ध आतंकियों में से 7 संदिग्ध आतंकी काफी पढ़े लिखे हैं.

जिसमें से रिजवी ,दानिश, करीम और अब्दुल रहमान इंजीनियर है. ये चारों सभी को गैजेट चलाना सिखाते थे. भोपाल का यासीर एक जिम ट्रेनर था, वो सभी को फिजिकल ट्रेनिंग देता था. इसी के ही साथ जुलाई 2021 में हैदराबाद में बड़ा ट्रेनिंग कैम्प भी लगाया गया था. जिसमें एयर गन के जरिए ट्रेनिंग दी गई थी.

कोर्ट ने 10 आतंकियों को 24 मई तक रिमांड पर भेजा

शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच एटीएस ने सभी आतंकियों को कोर्ट में पेश किया. जहां कोर्ट ने 16 में से 10 को 24 मई तक पूछताछ के लिए रिमांड पर सौंपा है. कोर्ट ने यासिर खान,मोहम्मद आलम, मोहम्मद अब्बास, सैय्यद सामी रिजवी, खालिद हुसैन, दानिश अली, अबुल रहमान, मोहम्मद हमीद, सलीम और जुनैद को रिमांड पर भेजा है. वहीं 6 संदिग्धों को जेल भेज दिया गया है.

गौरतलब है कि इन सदिंग्ध आंतकियों के आतंकी संगठन HUT से जुड़े होने के सबूत मिले थे. जिसके बाद एटीएस ने इनमें से 10 आतंकियों को राजधानी भोपाल से, 1 आतंकी को छिंदवाड़ा से और 5 आतंकियों को तेलंगाना से हिरासत में लिया था. जिसके बाद इन सभी आतंकियों को ANI कोर्ट भोपाल में पेश किया गया था. जहां कोर्ट ने इन सभी को 19 मई तक पूछताछ के लिए रिमांड पर भेज दिया था. जिसके बाद एक बार फिर कोर्ट ने 10 आतंकियों को 24 मई तक पूछताछ के लिए रिमांड पर भेजा है.

 

भोपाल। मध्‍य प्रदेश में ‘दारुल इस्लाम’ का ख्‍वाब देखने वाले आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) के 16 संदिग्ध आतंकियों में ज्‍यादातर की रिमांड अवधि एक बार फिर न्‍यायालय ने बढ़ा दी है। पिछले दिनों इन्हें मध्य प्रदेश और तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया था।

पूर्व में मिली रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद शुक्रवार को भोपाल की कोर्ट में इन सभी को पेश किया गया था। न्‍यायालय ने इनमें से 10 संदिग्धों को 24 मई तक पूछताछ के लिए रिमांड पर सौंपा है, जबकि छह को जेल भेज दिया गया। एटीएस ने सभी कट्टरपंथियों को अपर सत्र न्यायाधीश रघुवीर पटेल की अदालत में पेश किया था।

जिन लोगों की रिमांड मंजूर की गई है, उनमें यासिर खान, शाकिर रिजवी, दानिश अली, मोहम्मद आलम, खालिद हुसैन, मोहम्मद हमीद, मोहम्मद अब्बास, अबुल रहमान, जुनैद और सलीम शामिल हैं।

मध्‍य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा का कहना है कि ”कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुड़े सभी विषयों की जांच एसआईटी कर रही है। पूरे मामले में प्रोफेसर कलाम और जाकिर नाइक की भूमिका को भी जांच के दायरे में लिया गया है।”

फार्म हाउस में रुकते थे संदिग्ध आतंकी, पत्नियां करती थीं संदेशवाहक का काम

अधिकारिक तौर पर जो जानकारी प्राप्‍त हुई है, उसके अनुसार ये आतंकी भोपाल से लगे जंगल में रायफल चलाने की ट्रेनिंग ले चुके हैं। अब तक कुछ फार्म हाउस के नाम भी सामने आए हैं, जहां ये अक्‍सर आकर रुकते और एक दूसरे से मिलते थे, यहीं ये समय-समय पर ट्रेनिंग भी लेते थे। इस संबंध में अब तक की जो लोकेशन एवं जानकारी मिली है उसके आधार पर मध्‍य प्रदेश एटीएस इन फार्महाउस के मालिकों से भी पूछताछ करने में लगी है। इनकी पत्नियां संदेशवाहक का काम करती थीं। दुबई के बड़े कारोबारी की मदद से मध्य प्रदेश में हवाले के जरिए फंडिंग किए जाने के भी साक्ष्‍य मिले हैं।

यासिर खान मानव बम बनने को था तैयार

भोपाल का जिम ट्रेनर यासिर खान हिज्ब-उत-तहरीर के लिए मानव बम बनने को तैयार था। मध्‍य प्रदेश में इस साल होनेवाले विधानसभा चुनाव से पहले भीड़ भरे इलाके में बम फेंकर वह इस्लाम के लिए कुर्बानी देना चाहता था। इस्लाम खतरे में है, दारुल हरब को दारुल इस्‍लाम में जल्‍द बदल देना है जैसी तमाम बातों से वो परेशान रहता था। यह भी सामने आया है कि यासिर ने गिरफ्तार होने से पूर्व कई डिजिटल साक्ष्य मिटाए थे, दूसरी ओर इन आतंकियों को देश के बाहर से वॉइस नोट लगातार आ रहे थे, जोकि एटीएस की नजर में भी आ गए थे।

हथियार जुटाने में लगे थे संदिग्ध आतंकी

यह भी जानकारी सामने निकलकर आ रही है कि इस्लामिक संगठन हिज़्ब-उत-तहरीर (HuT) के संदिग्ध आतंकियों के निशाने पर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता भी थे। अपने मकसद में कामयाब होने के लिए ये आतंकी हथियार जुटाने में लगे थे, यदि कुछ दिन ओर नहीं पकड़े जाते तो हो सकता है ये अपने नापाक इरादों में कामयाब हो जाते, लेकिन पिछले दो साल से एटीएस की सर्विलांस पर हिज़्ब-उत-तहरीर के ये सभी आतंकी थे। इन्‍हें विस्फोटक खरीदने की प्लानिंग के दौरान ही एटीएस गिरफ्तार करने में सफल हो गई।

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