आतंकवाद का कोई मजहब या धर्म नही होता,चारो आतंकवादी निकले एक मजहब एक ही धर्म के
गुजरात पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल एयरपोर्ट से इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है. गुजरात-एटीएस ने कहा कि एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी श्रीलंकाई नागरिक और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादी हैं.
आतंकियों से पूछताछ जारी
सूत्रों ने बताया, ‘गुजरात एटीएस कई दिनों से अहमदाबाद एयरपोर्ट पर बारीकी से नजर रख रही थी. वहां संदिग्धों की निगरानी और उन्हें पकड़ने के लिए चार पुलिस टीमों को तैनात किया गया था. गिरफ्तार आतंकियों से फिलहाल पूछताछ जारी है. शुरुआती जांच से पता चलता है कि पूछताछ में कई अहम और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
पिछले साल अगस्त में एटीएस ने अलकायदा से संबंधों के आरोप में राजकोट से तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पहली नजर में वे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के लिए लोगों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए एक बांग्लादेशी हैंडलर के लिए काम कर रहे थे.
गुजरात के डीजीपी विकास सहाय ने बताया कि चारों कथित तौर पर गांधीनगर में नाना चिलोदा में गिराए गए हथियार लेने थे, जिसके बाद उन्हें आगे के एक्शन के बारे में बताया जाना था. गिरफ्तारी ऐसे समय पर हुई है, जब अहमदाबाद आईपीएल के क्वॉलिफायर और एलिमिनेटर राउंड की मेजबानी कर रहा है. नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 21 और 22 मई को मुकाबले खेले जाने हैं.
एटीएस ने खंगाली फ्लाइट्स की लिस्ट
चारों आरोपियों की पहचान मोहम्मद नुसरथ (33), मोहम्मद फारिस (35), मोहम्मद नफरान (27) और मोहम्मद रासदीन (43) के तौर पर हुई है. सहाय ने बताया कि एटीएस को पहली बार 18 मई को एक इनपुट मिला था कि आईएस आतंकी श्रीलंका से अहमदाबाद जा रहे हैं, जिसके बाद एटीएस ने देश के दक्षिणी हिस्से से अहमदाबाद आने वाली सभी ट्रेनों और फ्लाइट्स की पैसेंजर लिस्ट खंगाली.
सहाय ने बताया कि ये लोग इस्लामिक स्टेट की विचारधारा के हैं और पूरी तरह कट्टरपंथी बन चुके हैं. ये लोग 19 मई की सुबह कोलंबो से चेन्नई आए और उसके बाद इन्होंने वहां से अहमदाबाद के लिए फ्लाइट ली. इनके खिलाफ यूएपीए, आईपीसी और आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज किया गया है.
बड़े हमले को देने वाले थे अंजाम
विकास सहाय ने बताया कि फरवरी 2024 से ये चारों लोग अबू नाम के शख्स के संपर्क में थे, जो पाकिस्तान में रहता है और आईएसआईएस नेता है. ये लोग सोशल मीडिया के
जरिए उसके संपर्क में थे.
अबू ने उन्हें भारत में आतंकी हमला करने के लिए प्रोत्साहित किया. वे इतने कट्टरपंथी थे कि आत्मघाती बम विस्फोट के लिए भी तैयार हो गए. पाकिस्तानी निवासी अबू ने उन्हें श्रीलंकाई मुद्रा में 4 लाख रुपये भी दिए. उनके पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनमें आईएसआईएस के साथ उनकी सक्रिय सदस्यता साबित करने वाली तस्वीरें और वीडियो हैं.
मोबाइल फोन में अहमदाबाद के पास नाना चिलोडा इलाके की तस्वीर थी, जिसमें वह जगह दिख रही थी जहां आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए गोला-बारूद छिपाया गया था. उस जगह से पाकिस्तान में बना गोला-बारूद बरामद किया गया है. साथ ही तीन पाकिस्तान मेड पिस्तौल और
20 सक्रिय कारतूस बरामद किए गए हैं.