Delhi Jal Board Scam: दिल्ली शराब घोटाला मामला पिछले साल से लगातार चर्चा के केंद्र में बना हुआ है। इस बीच एक और कथित घोटाला के मामले ने सबको चौंका दिया है। वह है दिल्ली जल बोर्ड घोटाला। दरअसल आम आदमी पार्टी का दावा है कि सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने जल बोर्ड से जुड़े मामले में समन भेजा है। जिसमें 18 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही सीएम केजरीवाल को एक और समन भेजा गया है। वह शराब घोटाले मामले से जुड़ा 9वां समन है, हालांकि इसमें 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा गया है। लेकिन दिल्ली जल बोर्ड घोटाले को लेकर काफी चर्चा हो रही है कि आखिर यह घोटाला क्या है। तो चलिए समझते हैं कि आखिर यह घोटाला क्या है…
कब बना था दिल्ली जल बोर्ड
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल को दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया गया है। दरअसल दिल्ली जल बोर्ड 1998 में स्थापित किया गया था। जल बोर्ड दिल्ली में पानी की जिम्मेदारी देखता है। दिल्ली जल बोर्ड यानी (DJB) यमुना नदी और भाखड़ा डैम और दिल्ली के पास की नहरों जैसे स्रोतों से पानी को साफ करने और सप्लाई करने का काम करता है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि ईडी द्वारा सीएम केजरीवाल को भेजा गया समन का यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है। कथित तौर पर डीजेबी के पूर्व चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। यह ठेका इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर्स की आपूर्ति, स्थापना और परीक्षण के लिए दिया गया था। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि डीजेबी और एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिश्वत के लिए अवैध रूप से एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर का पक्ष लिया। आरोप है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ठेका लिया था। हालांकि, जगदीश कुमार अरोड़ा को इसकी जानकारी पहले से थी कि कंपनी तकनीकी मानकों को पूरा नहीं करती है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने 31 जनवरी को जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। अब सीएम केजरीवाल को समन जारी किया।
कैसे है आप का संबंध
ईडी ने मामले से जुड़ी मनी ट्रेल की जांच करते हुए आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने के बाद अरोड़ा को नकद और बैंक खाते में रिश्वत प्राप्त हुई थी। यह पैसा अलग-अलग पार्टियों को दिया गया था, जिसमें आप से जुड़े नेता भी शामिल हैं। जांच एजेंसी का यह भी आरोप है कि रिश्वत की रकम आप को चुनावी फंड के तौर पर भी दी गई थी। इसी मामले में सीएम केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है। बता दें कि यह दूसरा मामला है जिसमें केंद्रीय एजेंसी ने आप पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। हालांकि, इस समन को आने के बाद आप नेताओं का कहना है कि यह पूरी तरह से फर्जी है।
बीजेपी ने क्या कहा
हालांकि, बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने जल बोर्ड घोटाले पर कहा कि 10 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को 2 कैटेगरी में बांटा गया। पहली कैटेगरी में केवल अपग्रेडेशन होना था और दूसरी कैटेगरी में क्षमता बढ़ाने का काम होना था। 2022 में दिल्ली जल बोर्ड ने इसके ठेके दिए। जिनकी कुल वैल्यू 1,938 करोड़ रुपये के आसपास थी, जबकि इसकी अनुमानित लागत सिर्फ 1,500 करोड़ रुपए थी, इसका सीधा मतलब है कि इसमें इनके द्वारा स्वयं लगवाए गए एस्टीमेट में 30 प्रतिशत की वृद्धि कर के ठेके दिए गए। गौरव भाटिया ने आगे कहा कि इन 10 प्रोजेक्ट के लिए 10 डीपीआर बननी थी, लेकिन दो ही बनवाए गए और इसे सभी 10 पर लागू किया गया और इस तरह से मूल्यांकन बढ़ा कर और अपने लोगों को ठेका देकर 450-500 करोड़ रुपये के आसपास का यह घोटाला हुआ।