Friday, July 26, 2024
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10 इस्लामिक फतवे, महिलाओं के लिए,साथ वालो को दूध पिलाये,औरतें केले और ककड़ी ना खाएं

पहले ये जान लें कि फतवा है क्या…
इस्लाम से जुड़े किसी मसले पर कुरान व हदीस के अंतर्गत जो हुक्म जारी किया जाता है उसे फतवा कहते हैं। फतवा केवल मुफ्ती ही जारी कर सकता है और मुफ्ती बनने के लिए शरिया कानून, कुरान और हदीस का अध्ययन जरूरी है। ऐसे न जाने कितने विवादित फतवे मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ आए हैं।
दरअसल, मुस्लिम महिलाओं के कामों को गैर मजहबी कह कर उन्हें समुदाय से अलग करने की बातें की जाती हैं। ऐसे में इस तरह के फतवे या फरमान लोगों को सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि आखिर ये लोग होते कौन हैं हमारे लिए कोई फैसला लेने वाले?दुनिया के अजीबोगरीब फतवे

 

1.अपने ऑफिस सहयोगी के साथ ये करें महिलाएं
साल 2007 में मिस्र की अल अजहर यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ हदीस के हेड की ओर से अजीबोगरीब फतवा जारी किया गया था। उन्होंने कहा था कि जो महिलाएं ऑफिस में काम करती हैं। उन्हें अपने मेल कलीग्स को खुद का दूध पिलाना चाहिए। फतवे के अनुसार, मर्दों को अपनी छाती का दूध दिन में कम से कम पांच बार पिलाना चाहिए। इसके पीछे उनका मानना था कि ऑफिस में काम करने वाली महिलाएं अगर ऐसा करती हैं, तो उनके बीच मां–बेटे का रिश्ता कायम हो जाएगा। इसके चलते वे आपस में शारीरिक संबंध नहीं बनाएंगे।

 

2. सोशल मीडिया पर इस फतवे का खूब उड़ा मजाक
इस्तांबुल में मुकाहिद सिहाद हाल ने फतवा जारी करते हुए चेतावनी दी थी कि जो शख्स अश्लील काम करता है, उनके मरने के बाद उनका हाथ गर्भवती हो जाता है और वो अपने अधिकारों की मांग करता है। ऐसे में उनके फतवे का सोशल मीडिया पर यूजर्स ने खूब मजाक उड़ाया था।

3. महिलाएं केले और खीरे को ना छुएं
इंग्लैंड के एक मौलाना ने फतवा जारी करते हुए औरतों को सलाह दी थी कि उन्हें खीरा और केला नहीं छूना चाहिए। मौलाना का मानना था कि उनको छूने से महिलाओं के मन में गंदे विचार आते हैं इसलिए इन फलों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर ही महिलाओं को देना चाहिए।
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4. बफे का खाना हराम है
साल 2014 में सऊदी अरब में स्टैंडिंग कमेटी ऑफ काउंसिल ऑफ सीनियर स्कॉलर्स, शेख सलेह बिन अब्दुला अल फावजान ने कहा था कि रेस्टोरेंट में बफे का खाना हराम होता है, क्योंकि इसमें खाने की क्वालिटी का पता नहीं चलता, इसलिए ये पूरी तरह से बैन है।
5.समोसा भी इस्लाम के खिलाफ
जो भारत का सबसे पुराना स्नैक्स है समोसा, उसको भी सोमालिया में बैन कर दिया गया था, क्योंकि साल 2011 में सोमालिया पर कब्जा करने वाले आतंकी संगठन अल शबाब ने लोकप्रिय स्नैक्स समोसे के खिलाफ फतवा निकाला था। इसमें कहा गया कि इस्लाम में समोसा खाना हराम है। अल शबाब ने तीन तरफा समोसा की तुलना ईसाई होली ट्रिनिट्रि के प्रतीक से की थी
6. कद्दू है हिंदू और टमाटर इसाई
इन फतवों ने तो सब्जियों को भी नहीं छोड़ा, मिस्र के इस्लामिक एसोसिएशन ने सब्जियों को भी धर्म में बांट दिया था। इस फतवे के जरिए सलाफी शेख ने टमाटर को ईसाई धर्म का बताया था। इसमें कहा गया कि टमाटर के दो हिस्से काटने पर उसमें क्रॉस की तरह आकृति दिखती है, जो मुसलमानों के लिए सही नहीं है। इसके बाद ककड़ी और केले को लेकर भी फतवा जारी किया और सलाह दी कि सीताफल को सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही खाएं।
7.कुर्सी पर न बैंठें मुस्लिम महिलाएं
साल 2014 में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने एक फतवा जारी किया था। उसने महिलाओं के कुर्सी पर बैठने को लेकर फतवा जारी किया था। उसने कहा कि महिलाओं को कुर्सी पर नहीं बैठना चाहिए क्योंकि महिलाएं जब इस तरीके से मूव करती हैं तो ये मर्दों को उत्तेजित करता है।
8.भूखा पति अपनी बीवी को काटकर खा सकता है
इन फतवों में निर्दयता भी कूटकूट कर भरी है। सऊदी अरब के शाही इमाम मुफ्ती शेख अब्दुल अजीज ने एक ऐसा फतवा जारी किया था, जिससे उन्हें काफी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा था। उन्होंने फतवा दिया कि अगर कोई शौहर भूखा है तो वो भूख मिटाने के लिए अपनी पत्नी के अंगों को काट कर खा सकता है। अगर पत्नी का शरीर पति की भूख मिटा सकता है, तो उस पत्नी के लिए गौरव की बात होती है।

9. फुटबॉल मैच देखने पर लगाया प्रतिबंधउ9
2015 में एक सऊदी अरब में एक मौलाना ने महिलाओं के फुटबॉल मैच देखने के खिलाफ फतवा जारी कर दिया। उसका कहना था कि महिलाएं फुटबॉल मैच नहीं बल्कि फुटबॉल खिलाड़ियों की नंगी टांगे देखते हैं।

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10. सेक्स के लिए बदन के सारे कपड़े निकाल देना तलाक के बराबर
2006 में, शरिया या इस्लामी कानून अल-अजहर विश्वविद्यालय के संकाय के पूर्व डीन रशद हसन खलील ने एक फतवा जारी कर दिया था कि नग्न होने पर यौन संभोग में शामिल होने वालों का विवाह अमान्य करार दे दिया जाएगा। इसलिए कोई भी कपल सेक्स करने के लिए अपने बदन से सारे कपड़े नहीं निकाल सकता।

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