अजमेर सेक्स बलात्कार ब्लैकमेल कांड जिसमें सभी मुस्लिम अभियुक्त थे और जिसमें सभी बलात्कार पीड़ित लड़कियां हिंदू थी उसकी कुछ बातें जो मीडिया में नहीं बताई गई
7 हिंदू लड़कियों ने शर्मिंदगी से जब उनके नंगे पिक्चर से ब्लैकमेल किए गए तब उन्होंने आत्महत्या कर लिया
3 हिंदू लड़कियों ने अपने माता-पिता और भाई के साथ सामूहिक आत्महत्या कर लिया क्योंकि उनकी नंगी तस्वीरें से जब ब्लैकमेल किया जा रहा था और कई लोगों तक उनकी तस्वीर पहुंच गई तब वह इतने शर्मसार हुए कि उन्होंने सामूहिक आत्महत्या कर लिया
8 हिंदू लड़कियां मानसिक विक्षिप्त होकर पागल हो गई थी
तीन हिंदू लड़कियों ने मरे हुए भ्रूण को जन्म दिया था और अदालत में सबूत के लिए उन भ्रूण को फॉर्मलडिहाइड में प्रिजर्व करके रखा गया था
कुछ हिंदू लड़कियों का गर्भपात इस तरह से हुआ कि वह भविष्य में कभी मां नहीं बन सकती थी
और एक बुजुर्ग बाप इंसाफ के लिए इस कांड की वजह से अपनी मानसिक विक्षिप्त पागल हो चुकी बेटी को लेकर 32 साल तक अदालत में आता था और उसने कहा कि मेरी बेटी तो इस घटना से पागल हो गई है मैं बुजुर्ग हूं लेकिन फिर भी मैं अपनी बेटी को इंसाफ दिला कर रहूंगा
400 से ज्यादा कंडोम को सबूत के लिए रखा गया था जो बाद में बुरी तरह से बदबू मारने लगे थे फिर भी उन्हें सबूत के लिए संभाल कर रखा गया था
कुल 32 साल तक मुकदमा चला
जब यह घटनाक्रम हुआ तब राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में थी आठ आरोपी कांग्रेस पार्टी के बड़े पदाधिकारी थे और धीरे-धीरे उन्होंने कई अन्य मुस्लिम लोगों को अपने गैंग में जोड़ लिया और इस तरह से हिंदू लड़कियों के बलात्कार और उनके ब्लैकमेल करने का पूरा गंदा खेल रचा गया
22 से ज्यादा हिंदू लड़कियों की कभी शादी इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि वह अजमेर कांड में पीड़ित थी और आज 50 से 55 साल की अवस्था में भी वह बगैर परिवार के एकाकी जीवन जी रही हैं
फिर भी कुछ लोग बुलडोजर न्याय का विरोध करते हैं
32 साल हो गए न्याय नहीं मिला इसीलिए मैं कहता हूं बुलडोजर न्याय के लिए सबसे जरूरी है
और उस वक्त राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने तीन पत्रकारों को जेल भेज दिया था जिन्होंने इस घटना पर एक खबर बनाई थी राजस्थान सरकार ने उनके ऊपर कई गंभीर धाराएं लगाई थी
जब तक राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में रही अजमेर के दरिंदे खुलेआम हिंदू लड़कियों का बलात्कार करते रहे और कानून उनका कुछ नहीं बिगड़ा सका क्योंकि राजस्थान की कांग्रेस सरकार उनके साथ थी
जब राजस्थान में सत्ता बदली और राजस्थान में सत्ता परिवर्तन में अजमेर बलात्कार कांड ही सबसे बड़ा मुद्दा था और भैरव सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने तब जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया मुकदमा चला बेटियों के बयान दर्ज हुए सुबह इकट्ठा किया गया और अंततः आरोपियों को सजा सुनाई गई
अजमेर रेप केस के बारे में कुछ ऐसी बातें जिनका फैक्ट चेक जेहादी जुबैर ने नहीं किया, लेकिन हमने की:
अजमेर रेप कांड के 6 दोषियों को कल 20 अगस्त को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
वे कौन थे और उन्होंने क्या किया?
1992 में, आरोपियों ने अजमेर के प्रसिद्ध मेयो कॉलेज की 100 से अधिक छात्राओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया और उनकी तस्वीरों का उपयोग करके उन्हें ब्लैकमेल किया।
लड़कियां बहुत अच्छे घरों से थी बड़े-बड़े नेताओं की बेटियां थी उद्योगपतियों की बेटियां थी सरकारी अधिकारियों की बेटियां थी
और उन्होंने चुन चुन कर हिंदू लड़कियों को ही बलात्कार के लिए चुना
वह पहले एक हिंदू लड़की का बलात्कार करते थे और उसकी नंगी तस्वीर खींचकर फिर उसे ब्लैकमेल करके कहते थे कि तुम अपनी दो-तीन और सहेलियों को हमारे पास लाओ वरना तुम्हारी नंगी तस्वीरें सब जगह बांट दी जाएगी
और जिस फोटो स्टूडियो में यह रिल्स को डेवलप करवाते थे उसे फोटो स्टूडियो का मालिक भी मुस्लिम था और उसने कई रिल्स अपने पास रख ली और वह भी इस गैंग में शामिल होकर के कई हिंदू लड़कियों को ब्लैकमेल करके बलात्कार किया
अजमेर में तो लोग यहां तक कहते हैं की सजा तो बहुत कम लोगों को मिली लेकिन इस बलात्कार कांड में 200 से ज्यादा मुस्लिम शामिल थे
मुख्य आरोपी फारूक चिश्ती अजमेर युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुका हैं। नफीस चिश्ती ने अजमेर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष का पद संभाला, जबकि अनवर चिश्ती अजमेर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संयुक्त सचिव था
जब कुछ पत्रकारों ने इस घटना पर लिखना शुरू किया तब उस वक्त की राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने उन पत्रकारों पर ही केस दर्ज करके जेल भेज दिया था
और दहशत ऐसी थी कि कोई इस घटना पर मुंह तक नहीं खोल रहा था
फिर उसी वक्त सरकार बदली और बीजेपी के भैरो सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने और उन्होंने एक SIT बनाकर इस मामले की जांच कराई और एक के बाद एक सारे सबूत सामने आते गए
एक अभियुक्त आत्महत्या कर लिया एक अभियुक्त आज तक फरार
अक्षरशः सत्य है