बोधगया में हिंदुओं और बौद्धों के बीच झगड़ा दरअसल अंतराष्ट्रीय साज़िश थी। दरअसल ये इस पूरे विवाद की साज़िश एक बांग्लादेशी नागरिक ने रची थी, जिसे पाकिस्तान की संस्था ISI ने प्रशिक्षण दिया था। चीन से फंडिंग के भी सबूत मिले हैं। बांग्लादेशी नागरिक बौद्ध भिक्षु बनकर रह रहा था। पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है।
बोधगया के स्लीपिंग बुद्धा टेंपल से एक संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वह पिछले 15 दिनों से बौध भिक्षु के वेश में रह रहा था। गिरफ्तार बांग्लादेशी की पहचान पवन कांती बरूआ (62) के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के इमामी जिले के काठखाली थाना क्षेत्र के जुनुमा छड़ा गांव का रहने वाला है।
इस बांग्लादेशी नागरिक को स्लीपिंग बुद्धा टेंपल से पुलिस ने पकड़ा गया। बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ के बाद ये अरुणाचल प्रदेश चला गया। वहां उसने बौद्ध भिक्षु का वेश धारण किया। उसके पास से अरुणाचल प्रदेश से बनवाया फर्जी आधार कार्ड मिला है।
बौद्ध भिक्षु बना ISI एजेंट अरुणाचल प्रदेश में रहने के दौरान ही बिहार के कुछ समाजसेवी, नेता और दार्जलिंग के रहने वाले बौद्ध भिक्षु से संपर्क में था। पुलिस ने उनमें से एक स्वघोषित भंते विनयचार्य को गुंडागर्दी और मारपीट करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
आरोप है कि बोध गया के बहाने हिंदुओं और बौद्धों में दरार पैदा करने के लिए चीन से फंडिंग की गई है। दरअसल चीन लंबे अरसे से बोधगया में जापान का प्रभाव कम कर, बोधगया में अपना दबदबा बनाना चाहता है। इससे पहले भी चीन के एजेंट बोधगया से गिरफ़्तार हो चुके हैं।
प्रशासन इस पूरे आंदोलन की फंडिंग की जांच में जुटा है। भगवान् बुद्ध के बहाने दलितों और बाक़ी जातियों में तनाव पैदा कर वोट की फसल काटने वाले एक राजद नेता भी एजेंसियों की रडार पर हैं।
साभार 🙏 पंकज NMF News