हराम टोली फेल हो गई झूठ फैलाने में
लोकसभा चुनाव में AI के इस्तेमाल से कॉन्ग्रेस ने BJP को बदनाम करने के लिए ली इजरायली कंपनी की मदद, लेकिन हुई फेल : OpenAI ने ब्लॉक किए सारे प्रयास
चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई ने दावा किया है कि भारत के लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए उसके प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने की कोशिश की गई। हालाँकि कंपनी ने कहा कि उसने उन कोशिशों को नाकाम कर दिया है। रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है कि कंपनी ने रूस, चीन, इजराइल और ईरान से शुरू होने वाले दुष्प्रचार फैलाने वाले अभियानों को बाधित किया है। भारत की मौजूदा सरकार, बीजेपी के खिलाफ माहौल तैयार करने और कॉन्ग्रेस के पक्ष में लोगों का मन बदलने की कोशिश करने में एक इजरायली कंपनी का हाथ पाया गया, लेकिन उसकी कोशिशों को नाकाम कर दिया गया।
अमेरिकी कंपनी ओपनएआई का दावा है कि उसने ऐसे गुप्त अभियानों को रोका है, जो भारत में चुनावों पर असर डालने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल का उपयोग करने की कोशिश कर रहे थे। ओपनएआई की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजरायल स्थित एक नेटवर्क ने ‘भारत पर केंद्रित टिप्पणियाँ बनाना शुरू कर दिया, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा पार्टी की आलोचना की गई और विपक्षी कॉन्ग्रेस पार्टी की प्रशंसा की गई।’ भारतीय चुनावों पर केंद्रित इस गतिविधि को मई में देखा गया था।
ओपनएआई की रिपोर्ट में उन अभियानों का हवाला दिया गया है, जिनमें एआई का उपयोग गुप्त अभियानों के लिए किया गया था। उन अभियानों का उपयोग जनता की राय में हेरफेर करने या राजनीतिक नतीजों को प्रभावित करने के लिए किया गया था। ओपनएआई की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हमने इन खतरनाक फर्मों को कई तरह से हमारे मॉडल का उपयोग करते हुए देखा।
रिपोर्ट में आगे दावा किया गया है कि इजरायल से संचालित अकाउंट्स के एक समूह का उपयोग गुप्त अभियानों के लिए कंटेंट बनाने और एडिटिंग करने के लिए किया गया था। यह कंटेंट एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम, वेबसाइट और यूट्यूब पर शेयर किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘मई की शुरुआत में इस नेटवर्क ने अंग्रेजी भाषा के कंटेंट के साथ भारत में दर्शकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।’
इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि ‘यह बिल्कुल साफ है कि भाजपा कुछ भारतीय राजनीतिक दलों द्वारा और/या उनकी ओर से फैलाई जा रही गलत सूचना और विदेशी हस्तक्षेप का निशाना थी और है।’ उन्होंने इसे देश के लोकतंत्र के लिए खतरनाक खतरा बताया।
ओपनएआई के टूल का उपयोग अलग-अलग भाषाओं में लेख लिखने, सोशल मीडिया अकाउंट के लिए मनगढ़ंत नाम और कुछ छोटे आर्टिकल्स लिखने के लिए किया गया। आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस टूल का दुरुपयोग करके अलग-अलग देशों के समूहों ने जनता की राय में हेरफेर करने और राजनीतिक परिणामों को प्रभावित करने की कोशिश की है। इस अभियान में रूस-यूक्रेन युद्ध, गाजा में संघर्ष, भारत में चुनाव और अमेरिका में राजनीतिक गतिशीलता जैसी भू-राजनीतिक मुद्दों को लक्षित किया जाना था।
ओपनएआई ने कहा है कि वह समय-समय पर ऐसे रिपोर्ट जारी करती रहेगी की कैसे और कहाँ उसके एआई टूल का उपयोग दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जा रहा है। कंपनी ने यह भी कहा है कि जो यूजर्स एआई टूल्स का दुरुपयोग करेंगे और कंपनी के नियमों का उल्लंघन करेंगे उनके अकाउंट्स पर बैन लगा दिया जाएगा। रूसी और इजरायली समूह द्वारा AI टूल के दुरुपयोग से किसी भी प्रकार का नुकसान अब तक नहीं देखा गया है।