Sunday, December 22, 2024
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नेहरू गांधी परिवार की 10 वी सदस्य प्रियंका गांधी वाड्रा,लोकसभा लड़ेंगी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार लोकसभा चुनाव में  दो सीटों रायबरेली और वायनाड पर अपनी जीत हासिल की है. जिसके बाद राहुल गांधी ने यूपी की रायबरेली सीट से सांसद बने रहने का फैसला लिया है. इसके साथ ही उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया. वहीं कांग्रेस ने इस बार वायनाड की सीट पर कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को उपचुनाव लड़ाने का एतिहासिक फैसला लिया है. ये पहली बार हो रहा है जब सालों से राजनीतिक में सक्रिय रहने वाली प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारा गया है.

आपको बता दें कि प्रियंका गांधी के चुनावी मैदान में उतरने से पहले गांधी परिवार के 9 लोग सांसद तक पहुंच चुके हैं. गांधी परिवार के जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, मेनका गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वरुण गांधी देश की संसद का हिस्सा बन चुके हैं.  मेनका गांधी और वरुण गांधी दोनों ही बीजेपी पार्टी में रहकर संसद तक पहुंचे हैं. लेकिन इस बार मेनका गांधी सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव में हार गईं, वहीं वरुण गांधी को बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया. साल 2019 में वे पीलीभीत से सांसद थे. जानें गांधी परिवार के कौन-कौन से सदस्य कितनी हार राजनीति में पहुंचे.

गांधी परिवार में सबसे पहला नाम आता है जवाहर लाल नेहरू का. उन्होंने सबसे पहले यूपी की इलाहाबाद की फूलपुर सीट से तीन बार चुनाव जीता और सांसद बने.यहां से वे साल 1952, 1957 और 1962 के चुनाव में जीते.

फिरोज गांधी ने साल 1952 और 1957 में रायबरेली सीट से चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर का आगाज किया. साल 1942 में उनकी शादी इंदिरा गांधी हुई.

 

साल 1967 में इंदिरा गांधी ने यूपी की रायबरेली सीट से चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत की. साल 1971 और 1977 में एक बार फिर वो यहां से सांसद बनीं. 1977 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी के लोकसभा निर्वाचन को रद्द कर दिया, जिसके बाद 1977 में आपातकाल  के बाद दोबारा हुए चुनाव में इंदिरा रायबरेली से हार गई. इसके बाद साल 1978 में कर्नाटक की चिकमगलूर सीट से लोकसभा वे उपचुनाव जीतीं. इसके बाद साल 1980 में दो सीटों से चुनाव जीतीं.

संजय गांधी की बात करें तो साल 1980 में संजय गांधी ने अमेठी लोकसभा सीट पर उन्होंने जीत दर्ज की. लेकिन बाद में उनकी मृत्यु हो गई और 1981 में उपचुनाव हुआ.

राजीव गांधी: संजय गांधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी 1981 में पहली बार अमेठी से उपचुनाव जीतकर सांसद चुने गए. वे 1984, 1989 में भी सांसद चुने गए. 1984 में उन्होंने संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी को मात दी. 1991 में भी राजीव गांधी अमेठी से सांसद चुने गए, लेकिन चुनाव नतीजों से पहले ही उनकी हत्या कर दी गई.

सोनिया गांधी ने 1999 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा. वे 1999 में बेल्लारी और अमेठी से चुनाव लड़ीं और दोनों सीट से जीत हासिल की. सोनिया ने बेल्लारी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी 2004 में रायबरेली सीट से चुनाव जीतीं. 2006 में वे इस्तीफा देकर दोबारा इसी सीट सांसद चुनी गईं. सोनिया 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली से सांसद चुनी गईं. 2024 में सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुनी गईं.

मेनका गांधी 1984 लोकसभा चुनाव में अमेठी से राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद वे वीपी सिंह के जनता दल पार्टी से जुड़ीं और उन्होंने 1989 में पीलीभीत से अपना पहला चुनाव जीता. इसके बाद मेनका 1996, 1998, 1999, 2004 में पीलीभीत से सांसद चुनी गई हैं. 2009 में वे आंवला सीट से चुनाव जीतीं. इसके बाद 2014 में मेनका गांधी फिर पीलीभीत से चुनाव जीतीं. 2019 में उनकी सीट बदल दी गई और उन्हें सुल्तानपुर से टिकट दिया गया. मेनका ने सुल्तानपुर से चुनाव जीता. 2024 में वह इसी सीट से चुनाव हार गईं.

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