Friday, September 22, 2023
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दुनिया के सबसे ईमानदार स्वघोषित मुख्यमंत्री के सबसे ईमानदार शिक्षामंत्री का कारनामा

स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि सिसोदिया को अरेस्ट करके सीबीआई ने कोई गुनाह नहीं किया है। न तो सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश की अवहेलना की है और न ही हाईकोर्ट की।

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार किया है । (Image Credit-Express)

दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका को रद करके दिल्ली की कोर्ट ने बेहद अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सिसोदिया ही दिल्ली शराब घोटाले के मास्टर माइंड हैं। उन्हें रिश्वत के तौर पर 90 से 100 करोड़ रुपये मिलने थे। अपने 34 पेज के आदेश में स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि आपराधिक षडयंत्र में सिसोदिया ही एक्टिव रोल अदा किया। स्पेशल कोर्ट का यहां तक कहना था कि सारे सबूत आम आदमी पार्टी के नेता के खिलाफ हैं। वो साफ तौर पर इशारा कर रहे हैं कि सिसोदिया करप्शन में पूरी तरह से शामिल थे।

स्पेशल जज एमके नागपाल ने कहा कि सिसोदिया को अरेस्ट करके सीबीआई ने कोई गुनाह नहीं किया है। न तो सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश की अवहेलना की है और न ही हाईकोर्ट की। सीबीआई ने सिसोदिया को तभी गिरफ्तार किया जब एजेंसी को लगा कि ये बेहद जरूरी था।

34 पेज के फैसले में बेल से इनकार कर बोली कोर्ट- सबूतों को नष्ट कर सकते हैं

34 पेज के अपने फैसले में स्पेशल कोर्ट ने कहा कि वो सिसोदिया को छोड़ने नहीं जा रही है। उसे लगता है कि सिसोदिया को जमानत मिली तो वो बाहर जाकर खेल कर सकते हैं। वो सबूतों से छेड़छाड़ करने के साथ मामले से जुड़ी अहम कड़ियों को पूरी तरह से प्रभावित कर सकते हैं। कोर्ट का कहना था कि वो 26 फरवरी को अरेस्ट हुए थे। अभी तक सीबीआई ने मामले की जांच पूरी नहीं की है। लिहाजा उन्हें नहीं छोड़ा जा सकता।

साउथ की लॉबी को फायदा पहुंचाने के लिए रचा सारा खेल

एमके नागपाल ने अपने फैसले में कहा कि दिल्ली का शराब घोटाला बड़े पैमाने पर आम लोगों को प्रभावित करता है। शराब नीति को बनाते समय सिसोदिया ने इस बात का ख्याल नहीं रखा कि ये बहुत सारे लोगों से जुड़ा है। कोर्ट का कहना था कि ये घोटाला आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। कोर्ट का कहना था कि साउथ की लॉबी को ध्यान में रखकर ये सारा खेल रचा गया। उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए नियम तोड़े मरोड़े गए। रिश्वत की रकम में से 20-30 करोड़ रुपये विजय नायर, अभिषेक बोइलपल्ली और अभिषेक अरोड़ा के मार्फत इधऱ उधर घूम रही थी।

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम ने कुछ विशेष ब्रांडों को प्रमोट करने के लिए खेल किया। वो कुछ खास शऱाब कारोबारियों को फायदा पहुंचाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने तमाम नियमों को तोड़ा मरोड़ा। साउथ की लॉबी से उनकी सांठगांठ इस मामले का सबसे अहम पहलू है।

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