Sunday, July 13, 2025
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1000 ईसाईयों को शुद्ध कर वापस सिख बनाया,ईसाई मिशनरियों ने धोखाधड़ी कर,लालच और बहका कर कन्वर्ट किया था

भोले-भाले लोगों को लालच देकर बनाया गया था ईसाई; अब लौटे अपने धर्म में, 1000 सिखों ने छोड़ी ईसाईयत

उत्तर प्रदेश की पीलीभीत से एक घर वापसी की खबर सामने आई है।

उत्तर प्रदेश की पीलीभीत से एक घर वापसी की खबर सामने आई है। जिले में एक बड़ा धार्मिक आयोजन हुआ, जिसमें पहले ईसाईयत अपना चुके 1000 सिख परिवारों ने फिर से सिख धर्म में वापसी की। मंगलवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित प्रेसवार्ता में इस जानकारी को साझा किया गया।

ऑल इंडिया सिख पंजाबी वेलफेयर काउंसिल और लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से बताया गया कि यह धर्मांतरण प्रलोभन, अंधविश्वास और मूलभूत सुविधाओं के अभाव के चलते कराया गया था।

काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि पीलीभीत जिले के नेपाल सीमा से सटे गांवों जैसे बैल्हा, टाटरगंज उर्फ सिंघाड़ा, वमनपुरी आदि में बड़ी संख्या में राय सिखों की आबादी है। यहां करीब 12 ग्राम सभाओं में 22 हजार के करीब लोग रहते हैं। इनमें से वर्ष 2020 से अब तक लगभग 3000 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया, जिनमें अधिकांश राय सिख थे।

धर्मांतरण का मुख्य कारण था गरीबी, अशिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी। इन्हीं कमजोरियों का फायदा उठाकर लोगों को धन, इलाज और सरकारी योजनाओं का झांसा दिया गया। काउंसिल की जांच में पाया गया कि कुछ मामलों में लोगों से धर्म परिवर्तन के बदले 50 हजार रुपये और इलाज का वादा किया गया, लेकिन बाद में उन्हें धोखा दिया गया।

प्रेसवार्ता के दौरान पीड़िता संत कौर और उनके पति रतन सिंह ने बताया कि उन्हें बीमारी ठीक करने और पैसों का लालच देकर धर्म बदलवाया गया। बाद में पैसे नहीं दिए गए, और जब विरोध किया गया तो रतन सिंह के साथ मारपीट भी की गई।

हरपाल सिंह जग्गी ने बताया कि फरवरी 2025 में काउंसिल और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पीलीभीत में घर वापसी कार्यक्रम आयोजित किया। अब तक 1000 से अधिक लोगों की धर्म में वापसी कराई जा चुकी है। इसमें पीलीभीत के डीएम और एसपी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि दुधवा नेशनल पार्क के आसपास गरीब तबके के हिंदू, राय सिख और थारू जनजाति के लोग मिशनरियों के निशाने पर हैं। इन्हें धन और योजनाओं का लालच देकर ईसाई बनाया गया।

हरपाल सिंह जग्गी ने यह भी खुलासा किया कि लखीमपुर खीरी जिले में भी गौरीफंटा, तिकुनिया, निघासन जैसे क्षेत्रों में थारू समुदाय का बड़े पैमाने पर धर्मांतरण हुआ है। इन लोगों को सिख और ईसाई दोनों ही रूपों में सभा आयोजित करने के लिए प्रशिक्षित किया गया, ताकि समुदायों में भ्रम फैलाया जा सके।

इस प्रेसवार्ता में कई सिख नेताओं और गुरुद्वारा समितियों के पदाधिकारी भी मौजूद थे, जिन्होंने मिशनरी गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और घर वापसी अभियान को और तेज करने की बात कही।

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