कोई न कोई बड़ी साजिश है…आदिवासी-हिंदू आबादी 5000 और एक भी मुस्लिम नहीं, पर गांव के पते पर 3000 मुसलमान बच्चों के बन गए बर्थ सर्टिफिकेट, जानिये पूरा मामला
जमशेदपुर में चाकुलिया प्रखंड के मटियाबांन्धी गांव में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जिससे बड़ी साजिश की आशंका व्यक्त की जा रही है. दरअसल, आदिवासी और हिंदू समुदाय के इस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, लेकिन इस गांव के पते पर लगभग 3000 बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बना दिया गया. जिला प्रशासन ने जांच शुरू की है.आइये पूरा मामला समझते हैं.
आदिवासी-हिंदू आबादी वाली चाकुलिया प्रखंड के मटियाबांन्धी गांव में 3000 मुस्लिम बच्चों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनने का मामला सामने आया है.
मुस्लिम परिवार रहित गांव में 3000 मुस्लिम बच्चों के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बन गए..
मुस्लिम बच्चों के 3000 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले की जांच में जुटा जिला प्रशासन.
जमशेदपुर/आशीष तिवारी. हमारे गांव में आदिवासी, महतो और तांती हैं…एक भी मुस्लिम नहीं है तो मुसलमान बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट कैसे बन गए? ये सवाल पूछ रहे हैं जमशेदपुर के मटिबान्धी गांव के लोग और मामला सामने आने के बाद से ही हैरान हैं. गांव वालों का कहना है कोई न कोई साजिश रची जा रही है. दरअसल, हाल के दिनों में झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा बनकर सामने आया है और अब तो ऐसे-ऐसे रैकेट सामने आ रहे हैं कि लग रहा है कि जरूर कोई न कोई साजिश रची जा रही है. ऐसा जमशेदपुर से 70 किलोमीटर दूर चाकुलिया प्रखंड के गांव वालों को मानना है. बताया जा रहा है कि यहां कुछ ही महीने में 3000 मुस्लिम बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बन गए. गांव के लोगों को पता चला तो हैरान हो गए, क्योंकि पूरे गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इस आदिवासी और हिंदू वाले गांव के पते पर मुस्लिम बच्चों के प्रमाण पत्र कैसे बन गए और कैसे बन रहे हैं? सवाल यह कि बड़ी लापरवाही है या फिर कोई बहुत बड़ी साजिश?
जानकारी के अनुसार, जिले के उपायुक्त ने जांच के लिए टीम का गठन किया है और जल्द से जल्द जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं. लेकिन, इन सबके बीच बड़ा सवाल तो यही है कि 5000 की आदिवासी और हिंदू आबादी वाले गांव के पते पर 3000 मुस्लिम बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र कैसे बन गए? दरअसल, जिला प्रशासन ने जांच शुरू की तो पाया पहले चरण में लगभग 116 बच्चों के फर्जी दस्तावेज बने हैं. पूरा महकमा सकते में आ गया. आखिरकार इतनी बड़ी संख्या में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र एक ही गांव में कैसे बने हैंं, वह भी वहां जहां एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है. जानकारी सामने आने लगी तो यह आंकड़ा अब 3000 के करीब पहुंच गया है. गांव के लोग भी हैरान हैं और कह रहे हैं कि यह बड़ी साजिश है.
कैसे बन गए मुस्लिम बच्चों के बर्थ सर्टिफिकेट?
बता दें कि मटियाबांन्धी गांव जहां अधिकतर महतो और संथाल जाति के लोग रहते हैं.यहां की जनसंख्या ही लगभग 5000 है. वहां एक मुस्लिम के बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बन गए हैं. वह भी एक दो तीन नहीं बल्कि पूरे 3000. खास बात यह है कि जिस गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं हो आखिरकार उस गांव के नाम पर कैसे मुस्लिम बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बने हैं? जाहिर है यह एक बड़ी जांच का विषय है क्योंकि आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं यह सब बांग्लादेशी मुसलमान तो नहीं जिन लोगों के जन्म प्रमाण पत्र बना कर गांव में लाने की तैयारी है. कई सवाल खड़े हो रहे हैं. आखिरकार किसके OTP से यह इतना बड़ी साजिश का खेल हुआ और मुस्लिम समुदाय के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र बन गए?