विधायक अमीनुल ने आरोप लगाया कि एक बार कॉन्ग्रेस 5 साल तक सत्ता से बेदखली के बाद वापस आई थी तो उसने 1000 मुस्लिमों की हत्या करवाई थी… सत्ता में दोबारा आने के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी कम से कम 5000 मुस्लिमों का कत्ल करवाएगी।
असम के विधायक अमीनुल इस्लाम ने दावा किया है कि सत्ता में दोबारा आने के बाद कॉन्ग्रेस पार्टी कम से कम 5000 मुस्लिमों का कत्ल करवाएगी। अमीनुल इस्लाम के मुताबिक ऐसा कॉन्ग्रेस पार्टी हिन्दू वोट बैंक वापस पाने के लिए करेगी। अमीनुल इस्लाम ढिंग विधानसभा से AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट) पार्टी से विधायक हैं। इस पार्टी के मुखिया सांसद बदरुद्दीन अजमल हैं।
विधायक अमीनुल इस्लाम ने यह बयान असम के बारपेटा जिले में रैली के दौरान दिया। उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस पार्टी 2 बार से सत्ता से बाहर है। यदि वे सत्ता में वापस आएँगे तो हिंदू वोट बैंक वापस पाने के लिए कम से कम 5000 मुसलमानों को मार डालेंगे।”
अमीनुल ने यह भी आरोप लगाया कि एक बार कॉन्ग्रेस 5 साल तक सत्ता से बेदखली के बाद वापस आई थी तो उसने 1000 मुस्लिमों की हत्या करवाई थी। अमीनुल का दावा है कि ऐसा कॉन्ग्रेस खुद को मुस्लिम विरोधी पार्टी साबित करने के लिए करती है, जिस से राष्ट्रवादी उसे गले लगा लें।
अपने भाषण में MLA अमीनुल ने देश में हुई कई नरसंहारों का भी जिक्र किया और उसका जिम्मेदार कॉन्ग्रेस को बताया। ये नरसंहार साल 1979, 1983, 1993, 2002, 2008 और 2014 के थे। इन वर्षों में हुई हिंसा को नरसंहार बताते हुए अमीनुल ने कहा कि जब कॉन्ग्रेस सत्ता में थी, तब सैकड़ों मुसलमानों का क़त्ल करवाया।
इस जनसभा में AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल सहित कई अन्य नेता मौजूद थे। विधायक अमीनुल ने 40 वर्षों के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि कॉन्ग्रेस खुद को मुस्लिम विरोधी पार्टी बताते हुए राष्ट्रवादियों को खुश करने के लिए मुस्लिमों की हत्या करवाते आई है। कॉन्ग्रेस शासन में मुस्लिमों को असुरक्षित बताती हुई इस जनसभा में बारपेटा जिले के कायाकुची और धुबरी संसदीय क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी थी।
कॉन्ग्रेस का पलटवार
AIUDF विधायक अमीनुल इस्लाम के बयान पर कॉन्ग्रेस पार्टी ने पलटवार किया है। कॉन्ग्रेस ने अमीनुल इस्लाम को मुस्लिमों का असल दुश्मन कहने के साथ भाजपा और RSS का एजेंट बताया है।
कॉन्ग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने सफाई देते हुए कहा कि साल 1983 के नेली नरसंहार के दौरान असम में राष्ट्रपति शासन था और तब कॉन्ग्रेस सत्ता में नहीं थी। देबब्रत ने इस नरसंहार का आरोप भाजपा पर लगाया। कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि AIUDF के अंदर एकजुटता नहीं है। उनका दावा है कि AIUDF के एक विधायक कॉन्ग्रेस के खिलाफ बयान दे रहे जबकि दूसरे विधायक गठबंधन की वकालत कर रहे।
कॉन्ग्रेस एक वायरल ऑडियो के आधार पर यह बताना चाहती है कि AIUDF पार्टी उनसे गठबंधन करना चाहती है। हालाँकि एआईयूडीएफ विधायक ने इसका खंडन किया है और दावा किया कि वायरल ऑडियो में किसी ने उनकी आवाज की नकल की है।
बताते चलें कि AIUDF ने I.N.D.I.A. के समर्थन का एलान किया है और उसमें शामिल होने की उम्मीद भी जताई है। हालाँकि हाल ही में घोषित I.N.D.I.A. में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट को जगह नहीं दी गई है।