Tuesday, November 12, 2024
Uncategorized

【LIVE VIDEO】 मंत्रियों ने दौड़ लगाई जान बचाने

सोमवार (दिसंबर 28, 2020) को बंगाल के नेताजी इंडोर स्टेडियम में टीएमसी मंत्रियों को ठेका मजदूरों के विरोध का सामना करना पड़ा। नाराज मजदूरों ने कॉन्फ्रेंस के बीच ही कुर्सियाँ पटकनी, फ्लेक्स बोर्ड फाड़ने शुरू कर दिए। मजदूरों का कहना था कि लंबे समय से उन्हें यह नहीं बताया जा रहा है कि उन्हें उनकी सैलरी आखिर कब मिलेगी।
स्टेडियम में मजदूरों का रोष कल (दिसंबर 28, 2020) बैठक के दौरान देखने को मिला। यह बैठक राज्य के वरिष्ठ मंत्रियों ने मजदूरों की माँग सुनने के नाम पर बुलाई थी। इस पर मजदूरों ने कहा कि वो इस बैठक में तभी शामिल होंगे जब उनकी डिमांड को मानने का आश्वासन दिया जाएगा। इस बैठक में राज्य शहरी मंत्री फिरहाद हकीम, ऊर्जा मंत्री सोभन देब चट्टोपाध्याय और श्रम मंत्री मोलोय घटक मौजूद थे।

कार्यक्रम में मोलोय घटक जैसे ही अपनी स्पीच बंद करने चले, तभी स्टेडियम का माहौल बिगड़ गया। मजदूरों ने कहा कि इस बैठक में वो सैलरी पर बातचीत की अपेक्षा कर रहे थे। मगर जब उन्होंने देखा कि सारी बात खत्म होने के बाद भी कोई इस पर बात नहीं कर रहा तो सभी मजदूरों ने नेताओं के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसे देख सभी मंत्री जल्दी जल्दी में स्टेडियम से भाग निकलने में सफल हुए।
एक मजदूर ने इस दौरान कहा, “आपको हमारी मासिक 13,500 मजदूरी देनी होगी।” दूसरे ने कहा, “हमें लगा था कि आज हमारी सैलरी मिल जाएगी। फिर आखिर ऐसा क्यों नहीं हुआ।”

सोशल मीडिया पर सामने आई वीडियो में देख सकते हैं प्रदर्शनकारियों को आश्वासान देने की बजाय ये राज्य नेता मंच छोड़कर भागते नजर आए थे। इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक राज्य शहरी मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, “डिमांड ऐसी पूरी नहीं की जा सकेंगी। अगर हम मुख्यमंत्री को बताएँगे तो वो जरूर सुनेंगी।”
वहीं घटक ने कहा, “हमारे पास आज घोषणा के लिए कुछ नहीं है। हमें मालूम है इन्हें पिछले 6 माह से कमीशन नहीं मिल रहा। हम इनकी डिमांड पर गौर कर रहे हैं, लेकिन ऐसे प्रदर्शन ठीक नहीं।”

 

बता दें कि ये विरोध प्रदर्शन सेल्फ एंप्लॉडय लेबर ऑर्गनाइजेशन के मजदूरों द्वारा किया गया था, जिसे वामपंथी काल में अस्तित्व में लाया गया। इसका मकसद असंगठित श्रमिकों से सोशल सेक्योरिटी स्कीम में तय राशि को निकलवाना था। मजदूरों ने इस पर बताया कि उनको असंगठित श्रमिकों से पैसे निकालने के लिए कमीशन मिला। पूरे राज्य में ऐसे लगभग 6,500 कर्मचारी हैं। इनका कहना है कि उनका पैसा मार्च-अप्रैल से रोक दिया गया था, जिससे उन्हें कमीशन भी नहीं मिल रहा। अब इनकी माँग है कि न्यूनतन मजदूरी फिक्स की जाए जबकि मंत्री कह रहे हैं कि वो तभी माँग सुनेंगे जब प्रदर्शन वापस लिया जाएगा।
भाजपा बंगाल ने इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर की है। उन्होंने ऐसी घटना के पीछे भ्रष्टाचार, फर्जी वादे और बढ़ती बेरोजगारी को जिम्मेदार बताया है। साथ ही कहा कि यह सब बंगाल में हर तरह से बढ़ रहा है।

Leave a Reply