पश्चिम बंगाल और विशेषकर नंदीग्राम के मतदाताओं की भयंकर नाराज़गी ने मजबूर कर दिया ममता बनर्जी को सच स्वीकारने के लिए।ममता बनर्जी ने स्वीकार किया कि बोनट पर खड़ी थी पाँव मुड़ गया।
(नंदीग्राम की नाराजगी ममता के झूठ पर 1)
(नंदीग्राम की नाराजगी ममता के झूठ पर 2)
(ममता बनर्जी का यू टर्न 24 घण्टे के अंदर)
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ कथिततौर पर हुई धक्का-मुक्की के आरोप को सीएम ने खुद वापस ले लिया है। उन्होंने खुद को लगी चोट के ऊपर आज एक नया बयान दिया। श्रीमती सुचेता कृपलानी अस्पताल के बेड से वीडियो मैसेज शेयर करते हुए उन्होंने अपने समर्थकों से शांत रहने की अपील की।
कल तक वह जहाँ इस बात को कह रही थीं कि कार में चढ़े रहने के दौरान कुछ लोगों ने उन्हें धक्का दिया और उनके पाँव पर गाड़ी का गेट मारा।
आज वह ये बता रही हैं कि जब वह कार के बोनेट पर थीं और हाथ जोड़ कर लोगों का अभिवादन कर रहीं थीं तभी उन्हें अचानक बहुत भार महसूस हुआ, धक्का लगा और उनका पाँव कार से कुचल गया।
दोनों बयान सुनकर जाहिर है कि ममता बनर्जी अपने पहले वाले बयान को वापस ले रही हैं और सहमति व्यक्त करती हैं कि वह एक दुर्घटना का शिकार होने के बाद घायल हो गई थीं, उन पर कोई हमला नहीं हुआ था।
ममता बनर्जी कहती हैं कि उन्हें बुरी तरह चोट लगी है और अब भी उन्हें हाथ-पाँव में दर्द हो रहा है। उन्होंने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने को कहा है। साथ ही कुछ भी ऐसा न करने को कहा है जिससे आम जन को दिक्कतें हों। ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि वह 3-4 दिन में ठीक होकर वापस प्रचार पर लौटेंगीं, लेकिन हो सकता है उनके पाँव की परेशानी कुछ समय रहे, जिसे वह मैनेज कर लेंगी और जरूरत पड़ने पर व्हीलचेयर का भी इस्तेमाल करेंगी।
बता दें कि सीएम ममता के बयान पलटने के बावजूद भी ये बयान चश्मदीदों के बयान से मैच नहीं हो रहे। कई स्थानीय उस समय उनके आस-पास थे जब वह कार का दरवाजा खोल कर लोगों का अभिवादन कर रही थीं। उनके पाँव बाहर थे। लोगों का कहना है कि इस दौरान उनकी कार लोहे के खंभे से टकराई जिससे दरवाजे पर धक्का लगा और वह जाकर ममता बनर्जी के पाँव में लग गया।
इसके अलावा राज्य पुलिस की प्राथमिक जाँच के बाद चुनाव आयोग के समक्ष जमा की गई रिपोर्ट में भी इसे दुर्घटना कहा गया है न कि हमला। स्थानीय पुलिस, चश्मदीदों के बयान के आधार पर रिपोर्ट यही कहती है कि ममता बनर्जी की कार छोटे से लोहे के खंभे से टकराई और वह चोटिल हुईं।
गौरतलब हो कि मामले की जाँच में जुटी अधिकारियों की उच्च स्तरीय टीम की प्राथमिक रिपोर्ट से कोई निष्कर्ष नहीं आया है। जाँच टीम अपना काम कर रही है। सारे चश्मदीदों से बात करके फाइनल रिपोर्ट दी जाएगी। अधिकारियों को फिलहाल भीड़ के इकट्ठा होने और हमले के सुराग नहीं मिले हैं।