Saturday, September 7, 2024
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BREAKING NEWS: दाऊद इब्राहिम के हवाले खालिस्तानी मूमेंट किया पाकिस्तान की ISI ने,कनाडा में हो सकता है बड़ा गैंगवार,ड्रग्स और हथियार का अरबों रुपया

सनसनीखेज खुलासा
पाकिस्तान की बदनाम एजेंसी ISI ने खालिस्तान मूमेंट की पूरी बागडोर अब दाऊद इब्राहिम के हाथ सौंप दी है,जिसके परिणामस्वरूप कनाडा में बड़े गैंगवार का अंदेशा है,ISI ने अपने इस्लामिक स्लीपर सेल भी पीछे खींचने का काम किया है और लगभग अब खालिस्तानी मूमेंट का उपयोग करने की तैयारी है।

NIA ने हाल ही में अपनी तफ्तीश में बड़ा खुलासा किया है कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल का संबंध भारत के मोस्ट वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी हैं।

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने पिछले दिनों वहां की संसद में खालिस्तानी (Khalistani) आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) को लेकर विवादित बयान दिया जिसके बाद भारत-कनाडा के रिश्तों में कड़वाहट आ गई, दोनों ही देशों के बीच तनाव अब बढ़ता जा रहा है।

 

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कनाडा…खालिस्तानी आतंकियों और गैगस्टर्स के लिए भारत विरोधी साजिशों का लॉन्चिंग पैड बन गया है। कनाडा की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी एजेंडा के लिए किया जा रहा है, आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के साथ कनेक्शन भी सामने आया है।

तस्दीक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के दस्तावेज भी कर रहे हैं

इस बात की तस्दीक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के दस्तावेज भी कर रहे हैं, इन दस्तावेजों से इस बात का साफ पता चलता है कि कैसे कनाडा की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी एजेंडा के लिए किया जा रहा है।

सिख रैलियों और प्रदर्शन के जरिये भी फंड किया है इकठ्ठा

बब्बर खालसा इंटरनेशनल ने कनाडा में अलग-अलग शहरों में सिख रैलियों और प्रदर्शन के जरिये भी फंड इकठ्ठा किया है और इस फंड का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने में किया गया। गौर हो कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल को ही बब्बर खालसा के नाम से जाना जाता है, ये एक खालिस्तान समर्थक (Pro Khalistan) आतंकवादी संगठन है भारत और ब्रिटेन ने इस आतंकी संगठन को प्रतिबंधित कर रखा है।

 

खालिस्तानी गुट, गैंगस्‍टर्स को शामिल कर अपना वर्चस्‍व बनाना चाहते हैं.

नई दिल्‍ली. कनाडा (Canada) में बड़ी गैंग वॉर और खालिस्‍तानी (Khalistani) गुटों के बीच मारकाट की आशंका है. भारतीय एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि खालिस्तानी गुट अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए विदेशी धरती पर छिपे गैंगस्टर्स को अपनी तरफ खींच रहे हैं. यहां बहुत तेजी से सरगर्मियां बढ़ रही हैं और खालिस्‍तानी गुटों के बीच अपने वर्चस्व को कायम रखने के लिए खींचतान मची हुई है. यह भिड़ंत हिंसक होगी और खालिस्‍तानी इसको लेकर बड़ी तैयारी कर रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक कनाडा में गैंगस्टर सुखदुल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की हत्या के बाद एक तरफ खालिस्तानी मूवमेंट पर बड़ा असर है तो वहीं अब विदेशी धरती पर गैंग वॉर के संकेत मिल रहे हैं. खालिस्तानी नेतृत्व के आका खुद को कमजोर नहीं होने देना चाहते हैं. भारतीय एजेंसियों को गैंगस्टर्स के बीच बड़ी वॉर के इनपुट मिले हैं. उनका कहना है कि खालिस्तानी ग्रुप्स के आका खुद को कमजोर नहीं होने देना चाहते हैं. सूत्रों ने कहा कि खालिस्तानी मूवमेंट विदेशी धरती पर पनाह लिए गैंगस्टरों को अपने संगठन और बैनर तले आगे रखकर खुद की बुझती हुई चिंगारी को सुलगाना चाहते हैं.

 

खालिस्‍तान के आतंक को लेकर दुनिया भर में चर्चासूत्रों के मुताबिक ये हालात तब बन रहे हैं जब कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर और सुक्खा दुनेके की दर्दनाक हत्या हुई है. भारतीय एजेंसियों ने बताया कि आतंकवाद फैलाने वाला संगठन खालिस्‍तान को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. कनाडा में खालिस्‍तानी इन दिनों भारी दबाव में हैं. खालिस्तानी लीडर, गैंगस्टरों से गठजोड़ कर अपनी पहचान बनाए रखने के लिए वे बड़ी वारदात कर सकते हैं. विश्‍व स्तर पर भारतीय दबाव बढ़ने के बाद कनाडा में खालिस्तान के खिलाफ माहौल बन गया है.

कनाडा में हुई हत्‍याएं गैंगस्टरों की आपसी दुश्मनी के कारणभारत के वांटेड क्रिमिनल्स की हत्याओं को अंजाम देने के पीछे गैंगस्टरों की आपसी दुश्मनी को बड़ा कारण माना जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक इस समय भारत के सभी भगौड़े गैंगस्टर्स कनाडा की अलग-अलग लोकेशन या उसके आसपास पनाह लेकर बैठे हैं और अपने गैंग को कनाडा से बाहर भी बढ़ाने की कोशिश रहे हैं. इसका सीधा फायदा अब खालिस्तानी मूवमेंट के लीडर्स उठाना चाहते हैं ताकि वो कनाडा में अपनी पैठ और मौजूदगी को दिखा सकें.

गैंगस्टरों की कमाई और फंडिंग का जरिया क्या
सुक्खा की हत्या के बाद भारतीय एजेंसियों ने उन गैंगस्टरों पर शिकंजा कसने का प्लान बनाया है जो कनाडा में बैठकर हिन्दुस्तान में गैंग चला रहे हैं. लेकिन एक सवाल सभी के जेहन में खड़ा हो जाता है कि आखिर इन गैंगस्टरों की कमाई और फंडिंग का जरिया क्या है? खुलासा हुआ है कि ड्रग्स का कारोबार और हवाला का इस्तेमाल इन गैंग्स्टरों और आतंकियों की फूडपाइपलाइन है जिसे काटना बेहद जरूरी है.
इन आतंकियों को तलाश रही हैं भारतीय एजेंसियां
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर अब मारा जा चुका है. 20 सितंबर को गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके भी मारा गया. ये दो सिर्फ नाम नहीं हैं बल्कि नुमाइंदे हैं कनाडा में पनाह पाने वाले उन गुनहगारों के, जिनकी तलाश हिन्दुस्तान के कानून और तमाम एजेंसियों को है. अब इस लिस्ट में शामिल जरा कुछ और नामों पर गौर कीजिए-

– अर्शदीप डल्ला
– लखबीर लांडा
– गोल्डी बरार
या फिर
– गुरपतवंत सिंह पन्नू
अमेरिका से कनाडा तक ये सारे के सारे खुलेआम घूमते हैं और इन सारे गैंगस्टर्स और आतंकवादियों के गठजोड़ को कनाडा की जमीन मिल गई है जहां पर ये लोग बेखौफ फलफूल रहे हैं. पंजाब के गैंग के लोग पाकिस्तान से ड्रग्स लाकर पंजाब में बेचते हैं. इससे मिला पैसा कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों तक जाता है. खुलासा यहां तक है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक गैंगस्टर्स ड्रग्स के धंधे में शामिल हैं. ड्रग्स की बेहिसाब कमाई के बंटवारे को लेकर ही गैंगवॉर छिड़ती रहती है.
NIA की चार्जशीट में सबूत
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों केंद्रीय जांच एजेंसी NIA ने चार्जशीट दाखिल की है जिसके पेज नंबर 68 से 72 पर जिस बात का जिक्र है वो गौर करने लायक है. उसके मुताबिक, हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के पैसों से ही कनाडा में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की फंडिंग हो रही है. नशे की सौदागरी से जो रकम इकट्ठा होती है, उसका इस्तेमाल आतंकवाद को पोसने और फिल्म इंडस्ट्री में लगाने के लिए किया जा रहा है.

लॉरेंस बिश्नोई के साथ हवाला लेन-देन
ये आतंकी कनाडा के खेलों में भी ड्रग्स की कमाई का बड़ा हिस्सा लगाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. चार्जशीट के हवाले से खुलासा हुआ है कि लॉरेंस बिश्नोई के साथ हवाला लेनदेन के सबूत भी सामने आए हैं. साल 2019 से 2021 के बीच लॉरेंस बिश्नोई और दूसरे गैंग्स ने 13 बार हवाला के जरिये खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को 5 लाख से 60 लाख रुपये की रकम भेजी. 2021 में गोल्डी बरार को हर महीने 2 लाख रुपेय भेजे जाने का खुलासा हुआ है. अकेले 2020 में 20 लाख की दो पेमेंट भेजने की बात सामने आई. खालिस्तान समर्थक आतंकवादी सतबीर सिंह सैमको को 2020 में 50 लाख रुपये भेजे गए. जबकि 2021 में सैम और बराड़ को 60 लाख रुपये भेजे गए. इसी तरह 2021 में 40 लाख और 20 लाख की दो और पेमेंट्स सैम को भेजी गई हैं.
साफ है कि जिस रकम का हवाला सामने आया है वो किसी नेक काम में तो नहीं लगा होगा. और कनाडा में पनाह लिए बैठे खालिस्तानी आतंकी और पंजाब के गैंग्स्टर की ये तो अभी आधी पिक्चर है. पूरी पिक्चर तो अभी बाकी है.

 

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