Sunday, December 22, 2024
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पूरा प्रदेश रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ,राहुल गांधी का मुसलमान विधायक उनके साथ

 

 

‘मियाँ मुस्लिमों से खाली कराओ इलाक़ा, वरना…’: गैंगरेप के बाद 30 संगठनों का सरकार को अल्टीमेटम, कॉन्ग्रेस MLA बलात्कारियों की जगह प्रदर्शनकारियों का कर रहे विरोध

असम के ढिंग में गुरुवार (22 अगस्त, 2024) को कक्षा 8 में पढ़ने वाली एक नाबालिग लड़की का गैंगरेप हुआ था। इस गैंगरेप का आरोप मुस्लिम समुदाय के 3 लोगों पर लगा था। इस घटना के बाद अब प्रदेश भर में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इन प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने मियाँ मुस्लिमों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदर्शन में शामिल कई संगठनों ने मियाँ मुस्लिमों (बांग्लादेशी घुसपैठियों) को ऊपरी असम खाली कर देने का अल्टीमेटम दिया है। इन प्रदर्शनकारियों ने मियाँ मुस्लिमों को समाज के लिए नासूर बताया है। वहीं कॉन्ग्रेस विधायक ने इस मुद्दे पर प्रदर्शनकारी संगठनों को चैलेन्ज दे कर माहौल को और भड़का दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्वी और ऊपरी असम के 30 से अधिक संगठन ढिंग की रेप पीड़िता के लिए न्याय की माँग कर रहे हैं। इन सभी ने एक स्वर में मियाँ मुसलमान कहे जाने वाले बांग्लादेशी मुस्लिमों को 7 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए इलाका छोड़ देने के लिए कहा है। ताई अहोम युवा परिषद नाम के संगठन ने कहा, “पूरी घटना मियाँ मुस्लिमों द्वारा की गई है। मियाँ मुसलमान अब असम के लिए नासूर बन गए हैं। निचले असम में भी कई मियाँ मुसलमान हैं। वे बलात्कार, डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं। इनसे लोग बेहद परेशान हैं।”

‘ताई अहोम युवा परिषद’ ने आगे कहा कि निचले असम जैसी घटनाएँ अब ऊपरी असम में भी हो रहीं हैं। परिषद ने सरकार को 7 दिनों का अल्टीमेटम दिया है कि वो बांग्लादेशी घुसपैठियों यानी कि मिया मुस्लिमों को फ़ौरन बाहर खदेड़े। इस तय समय सीमा में कोई कदम नहीं उठाने पर ‘ताई अहोम युवा परिषद’ ने बल प्रयोग कर के खुद मिया मुस्लिमों को बाहर निकालने की घोषणा की है। अपने इस संकल्प को संगठन ने अंतिम शब्द बताया है जिसमे कोई समझौता होने की गुंजाईश नहीं है।

ताई अहोम युवा परिषद द्वारा उठाई गई मिया मुस्लिमों को बाहर करने की माँग को असम के कई अन्य संगठनों का भी समर्थन मिला है। इसमें असोमिया युवा मंच, असोमिया महिला मंच, बीर लचित सेना, ऑल असम आदिवासी छात्र संघ, कृषक मुक्ति संग्राम समिति, छात्र मुक्ति संग्राम समिति, असम सब्स आदिवासी छात्र संघ, गरिया मारिया देसी जातीय परिषद, चुटिया जातीय युवा सम्मेलन, ऑल असम चुटिया छात्र संघ, ऑल असम सोनोवाल कछारी छात्र संघ, ताई अहोम युवा परिषद, ऑल असम सोनोवाल कछारी छात्र संघ, ताई अहोम युवा परिषद ऑल मोरन छात्र संघ, और अहोम सेना आदि शामिल हैं।

कॉन्ग्रेस विधायक की चुनौती

वहीं असम से कॉन्ग्रेस विधायक अब्दुर रशीद मंडल द्वारा मिया मुस्लिमों को निकालने का ऐलान कर रहे संगठनों को चुनौती दी गई है। उन्होंने चैलेन्ज दे कर कहा कि प्रदर्शनकारी ऊपरी असम से मियाँ मुसलमानों को नहीं निकाल पाएँगे। ढिंग की घटना की निंदा करते हुए अब्दुर रशीद ने आगे कहा कि कुछ लोगों की गलती के लिए सबको दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। कॉन्ग्रेस विधायक का दावा है कि मियाँ मुस्लिम असम के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे कार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने ऐसे तनावपूर्ण हालातों के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की टिप्पणियों को जिम्मेदार बताया।

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