लोकसभा चुनाव का औपचारिक ऐलान होना बाकी है लेकिन राजनीति बिसात बिछनी शुरू हो गई है। पुराने साथी फिर से एकजुट हो रहे हैं तो कई साथी छूट भी रहे हैं। इस सबके बीच बसपा सुप्रीमो मायावती पर सबकी निगाहें हैं। हालांकि मायावती कई बार कह चुकी हैं वह लोकसभा का चुनाव अकेले ही लड़ेंगी। अब एक नई चर्चा है जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कहा जा रहा है कि मायावती जल्द ही ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल होने वाली हैं। इतना ही नहीं, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की पहल पर मायावती को ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो 2024 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को मायावती चुनौती देती दिखाई देंगी।
बीते कई दिनों से इसे लेकर लखनऊ से दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गर्म है। अब एक फोन कॉल ने इन चर्चाओं को और हवा दे दी है। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि खुद प्रियंका गांधी ने इस बारे में मायावती से संपर्क साधा है। कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने फोन पर मायावती से लंबी बातचीत की है। चर्चाएं हैं कि सोनिया गांधी चाहती हैं कि मायावती साथ आएं और ‘इंडिया’ गठबंधन के साथी मिलकर मायावती को प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार घोषित करें।
लंबे समय से मायावती की भी चाहत रही है कि वह प्रधानमंत्री बनें। गाहे-बगाहे बीएसपी के नेता भी इस बात को कहते नजर आते रहे हैं कि अगर मायावती को पीएम कैंडिडेट बनाया जाए तो बसपा भी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हो सकती है। फिलहाल, अभी तक ‘इंडिया’ गठबंधन ने अपनी ओर से किसी को पीएम कैंडिडेट नहीं बनाया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भी कहा था कि वह मायावती को प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं लेकिन वह साथ नहीं आना चाहतीं।
दरअसल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, तेलंगाना और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में मायावती भले ही अकेले सीटें जीत न पाएं लेकिन वह कई जगहों पर गणित बिगाड़ने का माद्दा रखती हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में यही देखने को मिला था जब त्रिकोणीय लड़ाई हुई और उत्तर प्रदेश में एनडीए गठबंधन 73 सीटें जीत गया। वहीं, 2019 में जब सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़ी तो खुद मायावती की पार्टी के 10 सांसद जीत गए।
लंबे समय से सत्ता से दूर चल रहीं मायावती की पार्टी की संगठन भी बिखरता जा रहा है। ऐसे में ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ जाकर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनना उनके लिए भी घाटे का सौदा नहीं होगा। तमाम दलों को भी मायावती का चेहरा स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं है। अखिलेश यादव के अलावा अब एनडीए में जा चुके ओम प्रकाश राजभर जैसे नेता सार्वजनिक मंचों से कहते रहे हैं कि अगर मायावती पीएम कैंडिडेट हों तो वह हमेशा उनके साथ ही खड़े होंगे। अगर ऐसा होता है तो विपक्ष के पास एक ऐसा चेहरा हो जाएगा जो राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी के चेहरे को चुनौती दे सके। मायावती एक ऐसा चेहरा हैं जो किसी नेता के परिवार से नहीं आतीं और उनकी छवि भी दूसरे नेताओं की तुलना में बेहतर मानी जाती है। इसके अलावा, एक कुशल प्रशासक के रूप में चर्चित रहीं मायावती मोदी मॉडल को चुनौती देने का माद्दा भी रखती हैं।
हालांकि, इस बारे में बसपा या मायावती की ओर से कोई औपचारिक बयान नहीं जारी किया गया है। चर्चा है कि अगले एक हफ्ते के अंदर या फिर चुनाव की घोषणा होते ही मायावती भी इस पर फैसला ले सकती हैं। अगर बातचीत सकारात्मक रहती है और मायावती यह ऑफर स्वीकार करती हैं तो एक हफ्ते के अंदर इसका ऐलान भी किया जा सकता है।