Thursday, September 19, 2024
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सरकारी डिजिटल करेंसी शुरू:सरकारी गारंटी के साथ, बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्टो करेंसी जैसी नही जिनकी कोई गारंटी नहीं

देश की डिजिटल करेंसी- ‘डिजिटल रुपया’ (Digital Rupees) का पहला पायलट टेस्टिंग मंगलवार यानी एक नवंबर को शुरू होगा जिसमें नौ बैंक सरकारी सिक्योरिटीज़ में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का इस्तेमाल करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा, ”डिजिटल रुपये (थोक खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज़ में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा।”

कैसे काम करेगी डिजिटल करेंसी (Digital Currency)
डिजिटल करेंसी एक ऐसी करेंसी है, जिसे देख या छू नहीं सकते लेकिन यह आम करेंसी की तरह ही काम करेगी. बस यह डिजिटल फॉर्मेट में होगी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी. डिजिटल करेंसी से लेनदेने, बिल जमा आदि जैसे काम किए जा सकेंगे. इस डिजिटल करेंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रखा जा सकेगा. डिजिटल करेंसी को भी सामान्य करेंसी की तरह देश में कानूनी मान्यता प्राप्त होगी.

डिजिटल करेंसी के चलन के बाद जेब में कैश रखने से छूट मिल जाएगी. इसकी वैल्यू भी रुपए के बराबर होगी. इसे मोबाइल वॉलेट में रखा जा सकेगा और इसे रखने के लिए बैंक अकाउंट भी जरूरत नहीं होगी. डिजिटल करेंसी के बाद नोट छापने की लागत घटेगी और नगद अर्थव्यवस्था घटाने में भी मदद मिलेगी. डिजिटल करेंसी को नोट से भी बदला जा सकेगा. कैश के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित तरीके से डिजिटल करेंसी से खरीददारी की जा सकेगी.

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, ईथर आदि एक प्राइवेट वर्चुअल करेंसी हैं, जबकि डिजिटल करेंसी को सरकार से कानूनी मान्यता प्राप्त है और इसमें जोखिम नहीं होता है. क्रिप्टोकरेंसी से मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकियों की आर्थिक मदद जैसे खतरे हैं लेकिन डिजिटल करेंसी में ये खतरा नहीं है. अगर आप यूपीआई से बैंक अकाउंट के बजाय डिजिटल करेंसी में भुगतान करते हैं तो इससे इंटरबैंक सेटलमेंट की जरूरत नहीं होगी और इसमें पेमेंट्स से लागत भी कम आएगी. दुनिया के 9 देशों में अब तक डिजिटल करेंसी लॉन्च हो चुकी है और दुनिया के कई अन्य देश भी इसे लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं.

आरबीआई ने ‘केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा’ (central bank digital currency OR CBDC) लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है। थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले इस परीक्षण में नौ बैंक शिरकत करेंगे। इन बैंकों की पहचान भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी के रूप में की गई है। आरबीआई की डिजिटल मुद्रा में सौदों का निपटान करने से निपटान लागत में कमी आने की संभावना है।

इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपये (खुदरा खंड) का पहला पायलट परीक्षण एक महीने के भीतर शुरू करने की योजना है। यह परीक्षण विशेष उपयोगकर्ता समूहों के बीच चुनिंदा स्थानों में किया जाएगा, जिसमें ग्राहक और कारोबारी शामिल हैं। रिजर्व बैंक के मुताबिक, भविष्य के पायलट परीक्षणों में थोक स्तर पर होने वाले अन्य सौदों एवं सीमापार भुगतान पर भी ध्यान दिया जाएगा।

आरबीआई ने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के बारे में पेश अपनी संकल्पना रिपोर्ट में कहा था कि यह डिजिटल मुद्रा लाने का मकसद मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूरक तैयार करना है। इससे उपयोगकर्ताओं को मौजूदा भुगतान प्रणालियों के साथ अतिरिक्त भुगतान विकल्प मिल पाएंगे। CBDC किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाले मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी लाने की संभावनाओं को टटोल रहे हैं। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोषणा की थी।

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