बारां। जिले के छबड़ा उपखंड मुख्यालय पर रविवार दोपहर बाद तक हालात बेकाबू रहे, सुबह से शाम पांच बजे तक दोनों समुदायों के असामाजिक तत्व जमकर उत्पात मचाते रहे। उपद्रवियों ने एक-दूसरे समुदाय के लोगों को निशाना बनाते हुए दर्जनों दुकानें आग के हवाले कर दी। पुलिस ने हवाई फायर करने के बाद आसू गैस के गोले दागना शुरू किया तो उत्पातियों ने पुलिस को निशाना बनाना शुरू रि दिया। कस्बे में शनिवार रात को हुई वारदात के बाद पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की होती तो सुबह से कस्बे में ऐसे हालात नहीं बनते। कस्बे में दो समुदायों के बीच हो रहे संघर्ष की शुरुआत से पूर्व ही पहले से पुख्ता प्रबंध किए गए होते तो यह हालात नहीं बनते। दोपहर में यहां पहुंचे पुलिस अधीक्षक विनीत बंसल मीडिया के सवालों से बचते रहे। उन्होंने इतना ही कहा कि हालात को जल्द नियंत्रित कर लिया जाएगा। पुलिस के बड़े अधिकारी भी भारी लवाजमे के साथ पहुंच रहे हैं।
दुकानों में लूटपाट और बाइकें फूंकी; पुलिस पर पथराव के बाद लाठीचार्ज, इलाके में इंटरनेट सेवा बंद, बिजली भी गुल
बारां जिले के छबड़ा में शनिवार को हुई मामूली कहासुनी में हुई चाकूबाजी की घटना रविवार को बड़े उपद्रव में तब्दील हो गई। यहां दो समुदाय आपस में भिड़ गए। दोनों तरफ से जमकर पत्थरबाजी की गई। वहीं, करीब 6 दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। वहां खड़े वाहनों में भी आग लगा दी। कई दुकानों में लूटपाट भी की। बेकाबू भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज करके खदेड़ा। आगजनी की घटना के बाद क्षेत्र में बिजली बंद कर दी गई। हालातों को देखते हुए रविवार शाम 4 बजे कलेक्टर ने आदेश जारी कर छबड़ा में कर्फ्यू लगा दिया। संभागीय आयुक्त ने आदेश जारी कर छबड़ा में इंटरनेट बंद कर दिया है।
घटन की शुरुआत शनिवार शाम को हुई। कस्बे के धरनावदा चौराहे पर फलों के ठेले पर अहमदपुरा निवासी कमल सिंह फल खरीद रहे थे। तभी वहां किसी बात पर तीन युवकों-फरीद, आबिद समीर से उनकी मामूली कहासुनी हो गई। इस दौरान युवकों ने उन पर चाकू से हमला कर दिया। कमल को बचाने के लिए पास के दुकानदार राकेश नागर दौड़े। युवकों ने उन पर भी हमला कर दिया। वारदात में घायल दोनों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने थाने पहुंचकर आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की। इसके बाद पुलिस ने फरीद, आबिद, समीर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
रविवार सुबह फिर आमने-सामने हुए दोनों समुदाय
रविवार सुबह लोग फिर धरनावदा चौराहे पर एकजुट हुए। लोग आपस में बातचीत कर रहे थे, इसी दौरान दूसरे पक्ष के लोग भी वहां जुट गए। दोनों समुदाय के लोग फिर आमने-सामने हो गए। दोनों तरफ से एक दूसरे पर पत्थरबाजी की गई। ऐसे में वहां भगदड़ की स्थिति मच गई। कुछ ही मिनटों में पूरे बाजार में तनाव हो गया। बेकाबू भीड़ ने एक के बाद छह दुकानों में आग लगा दी। कई दुकानों में सामान की लूटपाट की। एक मोबाइल की दुकान को अराजक भीड़ ने लूट लिया।
मामले में 3 लोग गिरफ्तार
मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में रविवार सुबह आक्रोश बढ़ गया। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भीड़ बेकाबू हो गई। कई दुकानों, बस, वाहनों में आगजनी की गई। आग बुझाने पहुंची छबड़ा थर्मल की दमकल में तोड़फोड़ कर दी। सब्जीमंडी, अलीगंज बाजार, बस स्टैंड, पुराना बाजार सहित विभिन्न स्थानों पर दुकानों, गुमटियों, वाहनों को आग के हवाले कर दिया। बेकाबू भीड़ के सामने पुलिस बेबस दिखाई दी। भीड़ को नियंत्रित करने पहुंची पुलिस पर पथराव हुआ। पथराव मे कई लोगों के साथ लगभग एक दर्जन पुलिस वालो के भी चोटें आई है।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया
पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज भी किया। भीड़ ने आगजनी व हिंसा की। इसे रोकने में पुलिस-प्रशासन नाकाम दिखाई दिए। हालात ऐसे थे कि छबड़ा के आसमान में हर तरफ आगजनी का धुंआ दिखाई दे रहा था। मामले की सूचना मिलते ही बारां से एसपी विनित कुमार बंसल, कलेक्टर राजेंद्र विजय ने छबड़ा पहुंचकर हालात का जायजा लिया। एसपी ने जाप्ते के साथ बाजार में फ्लैग मार्च किया।
आग बुझाने आई दमकल में भी तोड़फोड़
भीड़ इस कदर अनियंत्रित थी कि दुकानों में लगी आग को बुझाने के लिए पहुंची दमकल में भी तोड़फोड़ की। वहां अराजकता की स्थिति बन गई। शुरू में पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही। लेकिन बाद में जब कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची तो पुलिस हरकत में आई। उपद्रव कर रहे लोगों को पुलिस ने लाठी लेकर दौड़ाया। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है। घटना के बाद आसपास के थानों से भी पुलिस फोर्स को मौके पर बुलाया गया है। कोटा आईजी भी मौके पर मौजूद हैं।
छबड़ा में पुलिस की नाकामी से हुई घटना- सिंघवी
विधायक एवं पूर्व मंत्री प्रताप सिंह सिंघवी ने रविवार को छबड़ा में हुई घटना को निंदनीय बताया। उन्होंने कहा कि शनिवार शाम दो समुदायों के लड़कों के बीच हुई घटना को अगर स्थानीय पुलिस गंभीरता से लेती तो आज की घटना को टाला जा सकता था। शनिवार शाम की घटना के बाद अगर वहां के स्थानीय लोगों को लगता कि पुलिस सुस्ती छोड़कर कार्रवाई कर रही है तो आज की दुर्घटना घटित नहीं होती। सिंघवी ने कहा कि यह स्थानीय पुलिस की नाकामी है कि आजाद सर्किल से लेकर अलीगंज एवं लोटाभैरुं में भारी नुकसान हुआ। जिसमें निरपराध व्यापारियों की दुकानें जला दी गई। यदि पुलिस प्रशासन समय पर चेत गया होता तो यह नुकसान टाला जा सकता था। सिंघवी ने लोगों से शांति और सद्भावना बनाए रखने की अपील की और पुलिस को आगाह किया कि बेकसूर लोगों को झूठे मुकदमों में न फंसाया जाए, जिससे क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनी रह सके।