सरकार ने पेंशन लेने वाले बुजुर्गों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (Digital Life Certificate) पाने के संबंध में नए नियम जारी कर दिए हैं. इसके तहत अब पेंशनरों को डिजिटल तौर पर जीवन प्रमाण पत्र लेने के लिए आधार कार्ड (Aadhaar Card) को ऑप्शनल बना दिया गया है.
सरकार ने बेहतर प्रशासन संचालन (सामाजिक कल्याण, इनोवेशन, ज्ञान) रेगुलेशन 2020 के तहत अपनी इंस्टेंट समाधान वाली ऐप संदेश (Sandesh App) और सार्वजनिक ऑफिसों में अटेंडेंस लगाने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को ऑप्शनल कर दिया गया है.
NIC को दिया ये आदेश
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है, ‘जीवन प्रमाण के लिए आधार की ऑथेंटिसिटी ऑप्शनल होगी और इसका इस्तेमाल करने वाले संगठनों को जीवन प्रमाणपत्र देने के लिए वैकल्पिक तरीके निकालने चाहिए. इस मामले में राष्ट्रीय सूचना-विज्ञान केंद्र (NIC) को आधार कानून 2016, आधार रेगुलेशन 2016, ऑफिस मेमोरेंडम और UIDAI द्वारा समय-समय पर जारी सकुर्लर और दिशानिर्देशों का अनुपालन करना होगा.’
पेंशनरों को इस तरह मिलेगी राहत
पेंशनरों के लिए जीवन प्रमाण पत्र की शुरुआत तब की गई जब कई बुजुर्गों को पेंशन लेने के लिए अपने जिंदा होने के सबूत के लिए लंबी यात्रा कर पेंशन देने वाली एजेंसी के सामने उपस्थित होना पड़ता था. या फिर वह जहां नौकरी करते रहे हैं वहां से उन्हें जीवन प्रमाणपत्र लाना होता था, और उसे पेंशन देने वाली एजेंसी के पास जमा काराना होता था. डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा मिलने के बाद पेंशनरों को खुद लंबी यात्रा कर संबंधित एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने की अनिवार्यता से से निजात मिल गई.
सरकार को क्यों लेना पड़ा फैसला?
लेकिन कई पेंशनरों ने अब इस मामले में शिकायत की है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उन्हें पेंशन मिलने में कठिनाई उठानी पड़ रही है. अथवा उनके अंगूठे का निशान मेल नहीं खा रहा है. इसके लिए कुछ सरकारी संगठनों ने जहां 2018 में वैकल्पिक रास्ता निकाला था, वहीं अब जारी अधिसूचना के जरिए आधार को डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए ऑप्शनल बना दिया गया है