Sunday, December 22, 2024
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कांग्रेस में नेता खत्म हुई,अब सिर्फ चापलूसी की प्रतियोगिता जारी,सिर्फ गांधी वाड्रा की हां में हाँ

कांग्रेस में नेताओ की कमी हो गयी।है और चापलूस बड़ गए हैं।नेहरू गांधी वाड्रा कुछ भी कहें उसको सच साबित करने में लग जाते हैं।

 

कॉन्ग्रेस नेताओं में अपने शीर्ष नेतृत्व के प्रति इतनी अधिक वफादारी है कि यदि गाँधी परिवार से कोई कुछ फर्जीवाड़ा भी कर दे, तो भी वह उस पर यकीन नहीं करते। मंगलवार (फरवरी 9, 2021) को कुछ ऐसा ही कॉन्ग्रेस नेता डॉ विनीत पुनिया के साथ हुआ। विनीत पुनिया ने अपनी वफादारी सिद्ध करने के लिए पॉलिटिकल कीड़ा नाम के सक्रिय ट्विटर हैंडल पर ऊँगली उठाई और दावा किया कि प्रियंका गाँधी ने फर्जी तस्वीर शेयर ही नहीं की। नतीजतन कुछ ही देर में सबूत सामने आए व उन्हें खुद सबके सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।

दरअसल, पिछले दिनों किसान आंदोलन को भावनात्मक तड़का देने के लिए एक फोटो शेयर की गई। इस फोटो में सेना का जवान अपने पिता से मिल रहा था। सोशल मीडिया पर इस फोटो को ये कहकर बेचा गया कि जवान छुट्टी मिलते ही सीधे दिल्ली बॉर्डर पर आया, जहाँ पिता को देख उसकी आँख भर आई।

प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी इस तस्वीर को 6 फरवरी 2021 को शेयर किया। अपने ट्वीट पर दो तस्वीरें डालकर प्रियंका ने लिखा, “छुट्टी मिलते ही अपने पिता से दिल्ली बॉर्डर पर मिलने आए जवान की आँखे भर आईं। 75 दिनों से इनके पिता अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। और पूँजीपतियों की सरकार की यह हिमाक़त कि उन्हें आतंकवादी, देशद्रोही, षड्यंत्रकारी कहते हैं? शर्म आनी चाहिए मौक़ापरस्त बेईमानों की सरकार को।”

प्रियंका गाँधी के अलावा कॉन्ग्रेस ने भी यह तस्वीर को ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। कॉन्ग्रेस ने लिखा, “जिस किसान और जवान को इस भाजपाई हुकूमत के अहंकार ने आमने-सामने खड़ा कर दिया है, वो दोनों ही देश सेवा के लिए समर्पित हैं और उनमें एक-दूसरे के प्रति सहयोग का भाव है। भाजपा की साजिशें हमारे किसान और जवान को बांँट नहीं सकती।”

अब वर्तमान में इस तस्वीर को प्रियंका गाँधी के हैंडल से डिलीट कर दिया गया है। वहीं कॉन्ग्रेस का ट्वीट खबर लिखने तक अकॉउंट पर मौजूद है। कॉन्ग्रेस नेता पुनिया का कहना है कि फर्जी पॉलिटिकल कीड़ा को शर्म आनी चाहिए, क्योंकि ‘प्रियंका जी’ ने ऐसा ट्वीट किया ही नहीं है।

हालाँकि, पूनिया के इस आरोप के बाद पॉलिटिकल कीड़ा ने प्रियंका के ट्वीट का अर्काइव पेश कर दिया है। हैंडल ने बताया है कि वे लोग कॉन्ग्रेस की भाँति कोई भी दावा बिना सबूत के नहीं करते हैं।

बता दें कि जिन तस्वीरों को लेकर कॉन्ग्रेस समेत कई लोग किसान आंदोलन पर भावनात्मक पोस्ट कर रहे हैं उसकी सच्चाई यह है कि ये तस्वीर दिल्ली की है ही नहीं। ये पंजाब की है। जिसका फैक्ट चेक इंडिया टुडे ने भी किया है। इसके अलावा पॉलिटिकल कीड़ा का कहना है कि ये तस्वीर लुधियाना के बस स्टैंड से है जहाँ ऐसे भावनात्मक पल अक्सर दिखते रहते हैं।

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