Thursday, November 14, 2024
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बचा लिया 5 बच्चों को जमील हुसैन,सरीफुल हुसैन और आयशा बेगम से,नही तो वो होता जो….

एक मौलवी ने सलाह दी और दोनो तैयार हो गए 5 बच्चों की बलि देने को और चाह थी खजाना पाने की।
यहाँ पर दो भाइयों ने छिपे हुए खजाने को पाने के लिए अपने पाँच बच्चों की कुर्बानी देने की कोशिश की। घटना शनिवार (नवंबर 14, 2020) आधी रात की है। जमील हुसैन और उसके भाई सरिफुल हुसैन ने आयशा बेगम के साथ मिलकर आधी रात 12 बजे अपने पाँच बच्चों को जान से मारने की तैयारी की थी। लेकिन स्थानीय लोगों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने सतर्कता दिखाते हुए आखिरी समय में बच्चों को बचा लिया।

घटना असम में शिवसागर जिले के डिमू मुख क्षेत्र में बमबारी में हुई, जहाँ जादू-टोना करने वाली एक महिला और एक मौलवी ने जमील और सरिफुल को सलाह दी कि वे जमीन में दबे हुए सोने और अन्य खजाने को पाने के लिए अपने बच्चों की कुर्बानी दें। इसके साथ ही उन्होंने दोनों भाइयों से यह भी कहा कि ऐसा करने से उनके परिवार की सारी समस्याएँ समाप्त हो जाएँगी। इतना सुनने के बाद जमील और सरिफुल अपने पाँचों बेटों की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए।

बच्चों को जमील के घर के पीछे एक आम के पेड़ से बाँधा गया था। काली पूजा के दौरान आधी रात को उनकी कुर्बानी दी जानी थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों में दोनों भाइयों के गतिविधियों ने स्थानीय लोगों के बीच संदेह पैदा कर दिया था, जिसकी वजह से वह उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहे थे। शनिवार आधी रात को उन्होंने देखा कि बच्चे आम के पेड़ से बँधे थे और रो रहे थे। यह देखकर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। स्थानीय लोगों ने बच्चों के पिता को पकड़ लिया और फिर उन्हें पुलिस को सौंप दिया। इसके साथ ही उन्होंने उस महिला को भी पुलिस के हवाले कर दिया, जो उनके साथ अपराध में शामिल थी।

पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से बच्चों को छुड़ाया और थाने ले आई। पुलिस ने जमील हुसैन, सरिफुल हुसैन और आयशा बेगम को गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे आरोपितों से पूछताछ कर रहे हैं और जल्द ही FIR दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया हैं कि यह मानव कुर्बानी का प्रयास था, फिर भी वे उस एंगल से घटना की जाँच कर रहे हैं। पुलिस ने बच्चों को पेड़ से बँधा हुआ पाया, हालाँकि उनका कहना है कि अभी तक मानव कुर्बानी के प्रयास का कोई सबूत मौके पर नहीं मिला है।

स्थानीय लोगों के अनुसार, जब उन्होंने इस घटना के बारे में पिता से सवाल किया, तो उन्होंने स्वीकार किया कि बच्चों की कुर्बानी दी जानी थी, लेकिन वे खुद ऐसा नहीं करने वाले थे। उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई और आने वाला था। साथ ही यह भी पता चला है कि पाँच बच्चों को कुर्बानी की तैयारी में पिछले कई दिनों से एक कमरे में बंद रखा गया था। जमील ने पास के मोरान के एक जादू-टोना करने वाले का नाम भी लिया है, जिसने उन्हें अपने बच्चों की कुर्बानी देने की सलाह दी थी।

 

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