कोलकाता। पूर्वी मिदनापुर जिले में सोमवार को भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष की कार पर हमला हुआ। वह आज सुबह एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए 10-12 कारों के काफिले के साथ जिले में पहुंचे थे। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। घोष ने दावा किया कि पूर्वी मिदनापुर के कोंटई में हमला तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ‘‘करतूत’’ है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इस आरोप को नकारा।
बंगाल में असेंबली इलेक्शन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। सत्ता में लौटने के बीच पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)-भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच उठापटक मची हुई है। अलीपुरद्वार के नजदीक गुरुवार को पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रमुख दिलीप घोष के काफिले पर हमला हुआ। यही नहीं, प्रदर्शनकारियों ने उन्हें काले झंडे दिखाने के साथ ही वापस जाओ के नारे भी लगाए।
दिलीप घोष ने कहा, ‘इसमें कुछ नया नहीं है। मुझ पर पहले भी कई बार हमला हो चुका है। बीजेपी को राज्य में जैसे-जैसे लोकप्रियता मिल रही है टीएमसी की ओर से इस तरह के हमले सामने आ रहे हैं क्योंकि ये लोग खीझ गए हैं। हमें राजनीतिक हिंसा रोकने के लिए बंगाल में बदलाव की जरूरत है।’
‘राज्य में प्रतिशोध का माहौल व्याप्त है’
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले में पथराव के बाद उसमें शामिल कारों के क्षतिग्रस्त होने के बाद गुरुवार को कहा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा के नियंत्रण का कोई संकेत नहीं है। राज्यपाल पड़ोसी कूच बिहार जिले के दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा और प्रतिशोध का माहौल व्याप्त है।
लोक सेवक राजनीतिक कार्यकर्ता बन गए’
धनखड़ ने कूचबिहार में कहा, ‘राजनीतिक हिंसा के नियंत्रण का कोई संकेत नहीं है। इसका कारण यह है कि लोकसेवक राजनीतिक कार्यकर्ता बन गए हैं।’ धनखड़ उत्तर बंगाल के एक महीने के दौरे पर हैं। उन्होंने इससे पहले भी आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में पुलिस और नौकरशाही का राजनीतिकरण किया जा रहा है। उन्होंने लोकसेवकों को राजनीतिक पदाधिकारियों की तरह काम नहीं करने के लिए कहा था।
बहरहाल, पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाया जा रहा है कि हमले के पीछे किन उपद्रवियों का हाथ है। अधिकारी ने कहा, ‘‘कोंटई सेंट्रल बस स्टैंड के पास पार्टी के एक बैठक स्थल में प्रवेश के वक्त घोष को काले झंडे दिखाए गए, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। उपद्रवियों ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कार की खिड़कियों के शीशे भी तोड़ दिए।’’ बहरहाल, अधिकारी ने स्पष्ट किया कि हालात काबू में है और घोष की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार हो रही है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘पुलिसकर्मियों को बड़ी संख्या में इलाके में तैनात किया गया है और हम हालात पर नजर रख रहे हैं। उप्रदवियों की पहचान करने की कोशिश हो रही है।’’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हमले के बाद 10 कार्यकर्ताओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया, ‘‘तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मेरी कार की खिड़की के शीशे तोड़ दिए और काफिले में शामिल 30 मोटरसाइकिलों को नुकसान पहुंचाया। हमारे कम से कम 10 कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।’’ भाजपा नेता ने कहा कि उन पर पहले भी ऐसे हमले हो चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि तृणमूल कांग्रेस और उसका नेतृत्व समझता है कि वे ऐसे तौर-तरीके अपनाकर भाजपा को रोक लेंगे तो वे मुगालते में हैं। बंगाल के लोग हमारे साथ हैं।’’ घोष ने आरोप लगाया कि उपद्रवियों की ओर से जब उनकी कार पर हमला किया जा रहा था, उस वक्त तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय सांसद दिव्येंदु अधिकारी वहां मौजूद थे। बहरहाल, अधिकारी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह घटनास्थल के आसपास भी नहीं थे। उन्होंने कहा कि यह हमला भाजपा की अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है।