Sunday, December 22, 2024
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22 साल बाद पकड़ाया गैंगरेप का सरगना,1999 में मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन ली थी इस कांड ने

ओडिशा (Odisha) में एक IFS अधिकारी की पत्नी से हुए गैंगरेप के सनसनीखेज मामले के मुख्य आरोपी को 22 सालों बाद महाराष्ट्र में पकड़ लिया गया है. यह ऐसा मामला था, जिसकी वजह से तत्कालीन मुख्यमंत्री जे बी पटनायक (JB Patnaik) को इस्तीफा देना पड़ा था. 9 जनवरी, 1999 को सामने आए इस मामले में तीन आरोपी हैं, जिनमें से दो आरोपियों को घटना के सात दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन मुख्य आरोपी बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन दो दशक से ज्यादा समय से फरार था, जिसे अब महाराष्ट्र के लोनावला में आम्बी घाटी से गिरफ्तार कर लिया गया है.
साल 1999 में तीन लोगों ने IFS अधिकारी की पत्नी के साथ उस समय गैंगरेप किया था, जब वह अपने एक पत्रकार दोस्त के साथ कार से कटक जा रही थीं. तीनों आरोपियों ने जनवरी की रात में बारंगा के निकट महिला की कार रोक ली थी और उसके साथ गैंगरेप किया था. इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपी गई थी. दो आरोपियों को घटना के सात दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था और दोषी ठहरा दिया गया था.

Odisha gangrape: 22 साल बाद गैंगरेप का आरोपी अरेस्ट, ओडिशा सीएम को देना पड़ा था इस्तीफा…जानें क्या है केस

1999 में 9 जनवरी की देर रात में बारंगा (Baranga gang rape) के पास आईएफएस महिला (IFS gang rape case) की कार रोक गई और उससे सामूहिक बलात्कार (Odisha gang rape) किया गया था। इस घटना के बाद मामला सियासी तूल पकड़ा और तत्कालीन ओडिशा के सीएम जेबी पटनायक को इस्तीफा देना पड़ा था। तब से घटना का मुख्य आरोपी फरार था, जिसे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है।

1999 में ओडिशा में एक आईएफएस महिला के साथ हुआ था गैंगरेप

बारंगा से कार में गुजर रही आईएफएस की कार रोककर तीन लोगों ने बनाया था शिकार

दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था जबकि मुख्य आरोपी हो गया था फरार

मामला इतना सियासी तूल पकड़ा था कि मुख्यमंत्री जेबी पटनायक को देना पड़ा था इस्तीफा

मामले की सीबीआई को दी गई थी जांच, अब 22 साल बाद मुख्य आरोपी को पकड़ा जा सका

भुवनेश्वर
ओडिशा में आईएफएस अफसर की पत्नी से सामूहिक बलात्कार के मामले के मुख्य आरोपी को महाराष्ट्र में गिरफ्तार किया गया है। इस मामले की वजह से ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री जे.बी. पटनायक को 1999 में इस्तीफा देना पड़ा था।

भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त एस. सारंगी ने सोमवार को बताया कि बिबेकानंद बिस्वाल उर्फ बिबन को महाराष्ट्र के लोणावला में ऐम्बी घाटी से पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि बिबन वहां जालंधर स्वैन की फर्जी पहचान के साथ प्लंबर के रूप में काम कर रहा था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी को पकड़ने के लिए तीन महीने पहले ‘ऑपरेशन साइलेंट वाइपर’ शुरू किया गया था, जिसके बाद उसे पकड़ा जा सका।

तीन आरोपियों में से दो पहले पकड़े जा चुके थे
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तीन लोग आरोपी हैं, जिनमें से दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था और दोषी ठहराया गया था। बिबन दो दशक से अधिक समय से फरार था। मामले के एक दोषी प्रदीप साहू उर्फ पाडिया की पिछले साल फरवरी में हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में सबसे पहले 15 जनवरी, 1999 को पाडिया को गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई को दी गई थी मामले की जांच
इन तीनों लोगों ने 1999 में 9 जनवरी की देर रात में बारंगा के पास महिला की कार रोक ली थी और उससे सामूहिक बलात्कार किया था। महिला अपने एक पत्रकार दोस्त के साथ कार से कटक जा रही थी। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस अब बिबन को सीबीआई को सौंपेगी, जो उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार करेगी। महिला ने मुख्य आरोपी को फांसी देने की मांग की है।

 

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