ममता बनर्जी की परेशानी नए सिरे से बडी हुई है,ममता के तानाशाही रवैये से परेशान पार्टी विधायक नई दिशा तलाशने के इच्छुक बताए जा रहे हैं,यह भी कहा जा रहा है कि यह संख्या तीन अंकों में भी हो सकती है।
प्रभारी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एक बातचीत में स्पष्ट कहा कि दो तिहाई सीट तो बुनियादी लक्ष्य है लेकिन तीन चौथाई तक जा सकती है संख्या।
बिहार चुनाव में सफलता मिलने के बाद बीजेपी और पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह दोगुना हो गया है। बिहार के बाद अब बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी अपनी चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दे रही है। मंगलवार रात घोषित बिहार चुनाव के नतीजों में एनडीए को 243 सदस्यीय सदन में 125 सीटों पर जीत मिली है, जिनमें से 74 सीटों के साथ बीजेपी राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी है। सहयोगी जेडीयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की है।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा में 200 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य तय किया है और बिहार चुनाव होने के बाद अब उसका पूरा ध्यान राजनीतिक रूप से अहम पश्चिम बंगाल पर होगा। उन्होंने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटों को जीतकर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में गहरी पैठ बना ली है।
विजयवर्गीय का दावा, दो तिहाई बहुमत से जीतेंगे
बीजेपी ममता सरकार पर आखिरी दौर का हमला शुरू करने के लिए बिहार चुनावों के खत्म होने का इंतजार कर रही थी। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी की जीत बड़ी होगी और वह चुनाव में दो तिहाई बहुमत हासिल करेगी। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से ऊब चुकी है और अब वे बदलाव चाहते हैं।’
‘भगवा लहर पश्चिम बंगाल में तृणमूल का सफाया कर देगी’
पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने उनका समर्थन करते हुए कहा, ‘बिहार के बाद बीजेपी के लिए पश्चिम बंगाल होगा।’ उन्होंने कहा, ‘पड़ोसी राज्य बिहार में भगवा की लहर थी और यह तृणमूल की पश्चिम बंगाल सरकार का भी सफाया कर देगी। दोनों राज्यों में बस इतना अंतर होगा कि बिहार में हम करीब 15 साल से सत्ता में है जबकि पश्चिम बंगाल में हम चुनौती दे रहे हैं।’
बिहार चुनाव के नतीजों से संकेत लेकर तैयारियों में जुटी बीजेपी
बीजेपी नेताओं के एक धड़े का मानना है कि बिहार चुनाव के नतीजों का असर सीमावर्ती इलाकों को छोड़ पश्चिम बंगाल में बहुत कम होगा लेकिन यह पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने में मददगार होगा। राज्य के कई बीजेपी नेताओं ने कहा कि बिहार चुनाव के नतीजों से संकेत लेकर पार्टी पश्चिम बंगाल में अपनी रणनीति को नए सिरे से धार दे रही है। तृणमूल कांग्रेस को घेरने के लिए बीजेपी अबतक कुशासन, कानून-व्यवस्था, हिंसा, भ्रष्टाचार और राज्य सरकार के कोविड-19 से निपटने के तरीकों का मुद्दा उठा रही थी। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘बिहार चुनाव के नतीजों से पता चला कि बेरोजगारी, मजदूरों का पलायन संकट का मुद्दा कई सीटों पर महत्वपूर्ण रहा। इसलिए हमें इन मुद्दों पर भी जोर देने की जरूरत है।’