Sunday, December 22, 2024
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3000 करोड़ की वक़्फ़ संपत्ति पर कब्जा करके बैठा है असदुद्दीन ओवैसी,11 हज़ार महीने किराये पर? मुसलमान नेताओ की चारागाह है वक़्फ़ बोर्ड,गरीब मुसलमान को मिलता सिर्फ आश्वासन

अकेले ओवैसी के पास लगभग 3 हजार करोड़ की संपत्ति, वक्फ में बदलाव जरूरी:

जावेद अहमद

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के पास वक्फ की 3 हजार करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी है. उनके अलावा भी बहुत से लीडर और मजहबी संस्थाएं हैं, जिन्होंने वक्फ की संपत्ति लीज पर ले रखी है. मामूली किराये के साथ ये प्रॉपर्टी सालों से उनके पास है. इसका फायदा जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा. वक्फ एक्ट में संशोधन हुआ तो काफी कुछ सामने आएगा.

 

वक्फ वेलफेयर फोरम के चेयरमैन जावेद अहमद प्रस्तावित बिल को सही ठहरा रहे हैं.

संसद में जल्द ही वक्फ एक्ट संशोधन बिल पेश हो सकता है. असदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम लीडर इस बदलाव को धार्मिक आजादी से छेड़छाड़ बता रहे हैं. इस बीच वक्फ वेलफेयर फोरम के चेयरमैन जावेद अहमद ने सरकार की मंशा सही बताते हुए दावा किया कि नया बिल अगर ढंग से लागू हो सका तो माइनोरिटी को काफी फायदा होगा.

सवाल-10 साल पहले वक्फ में बदलाव हुआ था, क्या फिर बदलाव की जरूरत है?

जवाब- हां, अमेंडमेंट सरकार की रेगुलर प्रक्रिया का हिस्सा है. बदलाव उस दौर की जरूरत के मुताबिक होते हैं. जैसे साल 2013 में जो भावना थी, संशोधन उसे देखते हुए हुए. लेकिन सुधार की गुंजाइश रह गई थी. इसलिए अब दोबारा सुधार की बात उठी. मिसाल के तौर पर वक्फ के पास बेजा कब्जा हटाने की पावर नहीं. वे कह तो सकता है लेकिन डीएम उसे मानने को बाध्य नहीं. इस वजह से वक्फ की जमीन पर अतिक्रमण हो जाता है.

सवाल- कहा तो ये जाता है कि वक्फ ही लोगों की प्रॉपर्टी कब्जा लेता है. जैसे दक्षिण का गांव या हजारों साल पुराने मंदिर.

जवाब- देखिए. ये सब एक सिस्टम है. सिस्टम में गलतियां रह जाती हैं. अक्सर एक मछली तालाब को गंदा करती है, लेकिन आरोप सबपर आ जाता है अगर कोई ऐसे उलजुलूल दावे कर दे तो इसका मतलब ये नहीं कि पूरा बोर्ड ही गलत है.
सवाल- वक्फ क्लेम कर दे तो प्रॉपर्टी के कच्चे कागजों वाला सच्चा मालिक भी पीछे रह जाता है. वन्स ए वक्फ…ऑल्वेज वक्फ भी कहा जाता रहा. इसका क्या मतलब है.

जवाब- सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में ये बात कही थी. वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं. वक्फ पूरे होशोहवास में अल्लाह के नाम पर होता है. एक बार अल्लाह के नाम पर कोई दौलत की गई तो फिर उसका रेफरेंस नहीं बदल सकता. इसलिए ही एक बार वक्फ…हमेशा वक्फ कहा जाता है. लेकिन गलत दावा करके संपत्ति हथियाने जैसा नैरेटिव गलत है.

 

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