Sunday, December 22, 2024
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जब तक मुसलमान समझ नही जाएं,देश पहले इस्लाम बाद में,चलता रहेगा शिविर,चीन की साफ बात

चीन ने स्पष्ट कर दिया है जबतक उईगर मुसलमानों को समझ नही आ जाता कि देश पहले और मज़हब बाद में है तब तक ट्रेनिंग चलती रहेगी।

चीन ने अपने बदनाम यातना शिविरों की संख्या बढ़ाते हुए, सबसे बड़ा यातना शिविर तैयार कर लिया है। इतना ही नहीं, अक्खड़ चीन ने पत्रकारों को उस जगह का दौरा भी कराया है। एजेंसी की रपट बताती है कि यह नया यातना शिविर लगभग 220 एकड़ में बना है यानी वेटिकन के क्षेत्रफल से दोगुना जगह में बनाया गया है उइगरों और अन्य अल्पसंख्यकों का कथित नया यातना शिविर। बताते हैं, इस शिविर में एक बार में 10 हजार लोगों को रखा जा सकता है। इस खबर से सिंक्यांग में बचे—खुचे उइगरों और दूसरे देशों में जान बचाकर जा बसे उनके नाते—रिश्तेदारों में खासा भय व्याप्त है।

चीन ने यह सबसे बड़ा यातना शिविर पश्चिमी सिंक्यांग के सबसे अलग—थलग इलाके में खड़ा किया है। करीब 220 एकड़ इलाके में इस शिविर के अंतर्गत तरह—तरह के केन्द्र बनाए गए हैं। रक्षा विश्लेषक बताते हैं कि अंदाजन 10 हजार से भी ज्यादा लोगों को रखने की जगह बनाने का उद्देश्य उइगरों को नए सिरे से आतंकित करना ही है, क्योंकि हान जाति के लोगों को कई तरह की छूट और सुविधाएं दी जाती हैं, जबकि उइगर मुस्लिमों को बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा जाता है। जिन पत्रकारों को उस शिविर तक ले जाया गया था उन्हें भी उसके कुछ ही हिस्सों तक जाने की अनुमति दी गई थी।

दमन की शुरुआत
बताते हैं कि सिंक्यांग में चीन की कम्युनिस्ट सत्ता का दमन इधर कुछ वर्षों में बढ़ा है। इसके पीछे उइगर मुस्लिम बहुल इस सूबे में कुछ कट्टर मजहबी तत्वों द्वारा कथित हिंसक गतिविधियां कारण रही हैं। इलाके में कुछ जगह तब बम आदि भी फोड़े गए थे। ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी के बाद चीन ने पिछले कुछ साल से वहां कड़ाई करते हुए अंदाजन एक लाख या उससे अधिक उइगरों या अन्य अल्पसंख्यकों को ऐसे यातना शिविरों में कैद किया हुआ है। हालांकि कम्युनिस्ट सत्ता इस आतंकरोधी लड़ाई का हिस्सा बताती आ रही है और इस पर मानवाधिकार उल्लंघन के दुनिया भर के मंचों के आरोपों को लगातार खारिज करती आ रही है।

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