सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के ईमेल और सोशल मीडिया अकाउंट्स से डिलीट किए जा चुके डेटा को वापस पाने के लिए औपचारिक तौर पर अमेरिका से मदद मांगी है। सीबीआई यह जांच करना चाहती है कि क्या ऐसा कभी कुछ हुआ था जिसका नाता 14 जून 2020 से हो यानी वह दिन जब सुशांत सिंह अपने घर में मृत पाए गए थे।
सूत्रों ने हमारे सहयोगी हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि सीबीआई की ओर से यह जानकारी एमएलएटी यानी म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी के तहत कैलिफोर्निया स्थित गूगल और फेसबुक से मांगी गई है। दोनों कंपनियों से डिलीट किए जा चुके मेल और चैट की सभी जानकारियां मांगी गई हैं।
भारत और अमेरिका के बीच एमएलएटी है जिसके तहत दोनों पक्ष घरेलू मामलों की जांच में जानकारी मांग सकते हैं। भारत में गृह मंत्रालय एमएलएटी के तहत किसी भी जानकारी को भेजने या पाने का केंद्र है तो वहीं अमेरिका में इस तरह की जानकारी एटॉर्नी जनरल के ऑफिस से प्राप्त होती है।
नाम न बताने की शर्त पर एक ऑफिसर ने कहा, ‘हम केस के निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले कोई भी पहलू अछूता नहीं रहने देना चाहते। हम जानना चाहते हैं कि क्या कोई ऐसी डिलीट की हुई चैट या पोस्ट हैं जो इस केस में मददगार हो सकती हैं।’
इसका अर्थ यह है कि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच पूरी होने में अभी कुछ और समय लग सकता है क्योंकि एमएलएटी के तहत जानकारी पाने में काफी समय लगता है। सुशांत सिंह के परिवार के वकील विकास सिंह ने सीबीआई की इस कोशिश को सराहा और कहा है कि उन्हें इससे कोई हैरानी नहीं हो रही क्योंकि एजेंसी हर पहलू पर जांच करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सुशांत केस में कई मिस्ट्री हैं क्योंकि इसका कोई गवाह नहीं है।
सुशांत सिंह राजपूत पिछले साल 14 जून को मुंबई स्थित अपने घर पर मृत पाए गए थे। सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना पुलिस में रिया चक्रवर्ती, उनके भाई और माता-पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने अगस्त 2020 में इस मामले की जांच संभाली थी। इस केस की जांच में प्रवर्तन निदेशालय और एनसीबी भी जुड़ी हुई है।