कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की उस मांग को सिरे से खारिज़ कर दिया, जिसमें वह राज्य के चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करने के लिये नेतृत्व पर दवाब बना रहे थे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार सिद्धू को साफ कर दिया गया है कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व की अगुवाई में चुनाव लड़ेगी। सामूहिक नेतृत्व की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, सुनील जाखड़ और नवजोत सिद्धू को सौंपी गयी है। सोनिया ने सामूहिक नेतृत्व का फैसला राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, पवन बंसल और अंबिका सोनी से चर्चा के बाद लिया।
हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के समय उनका चेहरा मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी चुनाव में उतरी थी। सिद्धू उसी परंपरा की दलील देकर यह मांग उठा रहे थे। दरअसल सिद्धू स्वयं मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं जिसे वह नेतृत्व पर चुनाव के पहले दबाव बना कर सुनिश्चित कर लेना चाहते थे।
लेकिन सुनील जाखड़ ने इसका खुला विरोध किया। इधर बंसल और अंबिका सोनी ने नेतृत्व को समझाया कि मुख्यमंत्री का चेहरा पार्टी घोषित करती है तो चुनाव से पहले पार्टी में गुटबाज़ी के अलावा फूट पड़ सकती है, जिसकी भारी कीमत चुनाव में चुकानी पड़ सकती है।