Sunday, June 22, 2025
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ओवैसी का बड़ा हमला मोहन भागवत पर: मुसलमान ने अनुमति मांगी कब मोहन भागवत से,और हैं कौन ये अनुमति बांटने वाले

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की भारत में इस्लाम को कोई खतरा नहीं वाली टिप्पणी पर अब सियासत तेज हो गई है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत को आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि, “मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने…

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की भारत में इस्लाम को कोई खतरा नहीं वाली टिप्पणी पर अब सियासत तेज हो गई है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भागवत को आढ़े हाथों लेते हुए कहा कि, “मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की “अनुमति” देने वाले मोहन कौन होते हैं? हम भारतीय हैं क्योंकि अल्लाह ने चाहा। उन्होंने हमारी नागरिकता पर “शर्तें” लगाने की हिम्मत कैसे की?

ओवैसी ने कहा कि हम यहां अपने विश्वास को “समायोजित” करने या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं। मोहन भागवत कहते हैं कि भारत को कई बाहरी खतरा नहीं है। आरएसएस की विचारधारा भारत के भविष्य के लिए खतरा है। औवैसी ने कहा कि भारतीय असली ‘आंतरिक शत्रुओं’ को जितनी जल्दी पहचान लें, उतनी ही अच्छा होगा। कोई भी सभ्य समाज धर्म के नाम पर इस तरह की नफरत और कट्टरता को बर्दास्त नहीं कर सकता। AIMIM चीफ ने कहा कि मोहन भागवत को हिन्दुओं का प्रतिनिधि किसने चुना? 2024 में चुनाव लड़ रहे हैं? हम स्वागत सकते हैं।’

मोहन भागवत का बयान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था, “सीधी सी बात है हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है… इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। लेकिन मुसलमानों को खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी छोड़ देनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “हम एक महान नस्ल के हैं; हमने एक दौर में इस देश पर राज किया था, और हम फिर से उस पर राज करेंगे; सिर्फ हमारा रास्ता सही है, बाकी सब गलत हैं; हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे; हम साथ मिलकर नहीं रह सकते…..; मुसलमानों को इस अवधारणा को छोड़ देना चाहिए। यहां रहने वाले सभी लोगों को, चाहे वे हिंदू हों या वामपंथी, इस भाव को त्याग देना चाहिए।

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