Friday, August 1, 2025
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4 और रोहिंग्या मुसलमान गिरफ्तार, उत्तरप्रदेश चुनाव पर कब्जा चाहते रोहिंग्या मुसलमान?…मदद कर रहे सेक्युलर गद्दार

 

यूपी एटीएस (UP ATS) ने मेरठ से 4 रोहिंग्या (Rohingya) को गिरफ्तार किया है. यह सभी अवैध तरीके से यहां रह रहे थे. इनकी उम्र 20 से 35 साल के बीच है. बीते 24 घंटे के अंदर रोहिंग्या के खिलाफ यह दूसरा ऑपरेशन है. गिरफ्तार किए गए चारों रोहिंग्या को 8 जून को पकड़े गए मास्टर माइंड नूर आलम उर्फ रफीक के इनपुट पर पकड़ा है. पकड़े गए रोहिंग्या के पास से फर्जी दस्तावेज मिले हैं. यूपी एटीएस का 1 महीने में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या के खिलाफ यह तीसरा एक्शन है.

अवैध दस्तावेज बनवाता है यह गिरोह
ADG कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि रोहिंग्यो को भारत भेजने वाले गिरोह के 4 सदस्य को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है. देश मे इस वर्ष सर्वाधिक 15 रोहिंग्या की UP से  गिरफ्तारी हुई है. ये गिरोह म्यामांर-बांग्लादेश के रोहिंग्या को भारत भेजता है. मानव तस्करी के साथ ये गिरोह अवैध दस्तावेज बनवाता था.

3 महिलाओ को भेज चुके हैं मलेशिया
ADG कानून-व्यवस्था ने आगे बताया कि मेरठ में हाफिज शफीक रोहिंग्याओ का गिरोह चला रहा था. महिलाओं की हवाई मार्ग से मलेशिया जैसे देशों में तस्करी की जाती थी. यह गिरोह गलत दस्तावेजों के जरिये नौकरियां दिलाकर कमीशन लेते थे. साथ ही हवाला के जरिये काला धन का  आदान-प्रदान करते थे.गिरफ्तार रोहिंग्या के पास से सोने जैसी धातुए भी बरामद हुई है. फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद करने वालो की भी तलाश हो रही है.

नूर आलम सबसे बड़ा दलाल
8 जून को गाजियाबाद से पकड़ा गया नूर आलम बंग्लादेश के रास्ते रोहिंग्या नागरिकों को देश में लाने का सबसे बड़ा दलाल है. आमिर हुसैन देश में अवैध तरीके से एंट्री करके करीब दो साल से दिल्ली के खजुरी खास थानाक्षेत्र की श्रीराम कॉलोनी में ठिकाना बनाकर रह रहा था.

चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं रोहिंग्या
प्रशांत कुमार के मुताबिक रोहिंग्या इस समय हर विधानसभा क्षेत्र में रह रहे हैं. इनकी पहचान कर पाना इस वजह से मुश्किल होता है क्योंकि इनके पास आधार कार्ड और वोटर कार्ड मौजूद रहते हैं. वह आम जनता में घुल-मिल जाते हैं और चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं. इसके लिए इनको अच्छी खासी रकम भी दी जाती है.

विधानसभा चुनाव से पहले बसाने की तैयारी
एटीएस ने पकड़े गए रोहिंग्याओं से रिमांड पर लेकर पूछताछ की तो पता चला कि यह और इनके जैसे तमाम देशभर में फैले रोहिंग्या और बंग्लादेशी नागरिकों को यूपी में ठिकाना बनाने के लिए कहा गया है. विधानसभा चुनाव से पहले बसने वाली जगह का राशन कार्ड, पैन कार्ड बनवाकर वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना इनका लक्ष्य है. इसलिए नूर आलम एक-एक करके दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान की तरफ बसे इन घुसपैठियों को यूपी में रहने वाले इनके रिश्तेदारों और करीबियों तक पहुंचा रहा है. इसके एवज में उसे अच्छी खासी रकम भी मिल रही है.

भारत में अवैध रूप से घुसपैठ कर रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं (Intruder Bangladeshi and Rohingiyas) को लेकर देश की सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हैं. पिछले कुछ दिनों के दौरान उत्तर प्रदेश में कई रोहिंग्याओं की गिरफ्तारी भी हुई है. मीडिया में आईं खबरों की माने तो यूपी की एटीएस (UP ATS) ने गाजियाबाद जिले से दो रोहिंग्या (Rohingya) नागरिकों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक का नाम आमिर हुसैन तो दूसरे का नाम नूर आलम है. यूपी एटीएस इन दोनों को 5 दिनों की रिमांड लेकर लखनऊ ले आई जहां पूछताछ के दौरान इन दोनों रोहिंग्या नागरिकों ने कई बड़े खुलासे किए है.

मस्जिदों में तकरीर देते हैं रोहिंग्या
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये रोहिंग्या फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर बांग्लादेश के रास्ते भारत में अवैध तरीके से प्रवेश करते हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में बस रहे हैं. गाजियाबाद से गिरफ्तार नूर आलम रोहिंग्या को भारत में अवैध रूप से बसाने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड है. यूपी एटीएस ने अब तक नूर समेत 11 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. ये सभी पड़ोसी मुल्कों में रोहिंग्याओं के साथ हो रही ज्यादती के बारे में मस्जिदों में तकरीर भी देते थे.

चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं रोहिंग्या
प्रशांत कुमार के मुताबिक रोहिंग्या इस समय हर विधानसभा क्षेत्र में रह रहे हैं. इनकी पहचान कर पाना इस वजह से मुश्किल होता है क्योंकि इनके पास आधार कार्ड और वोटर कार्ड मौजूद रहते हैं. वह आम जनता में घुल-मिल जाते हैं और चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं. इसके लिए इनको अच्छी खासी रकम भी दी जाती है.

साल 2021 में पकड़े गए कई रोहिंग्या
एटीएस ने इसी साल 6 जनवरी को संत कबीर नगर जिले के समर्थन गांव में बसे रोहिंग्या अजीजुल्लाह को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद 28 फरवरी को अलीगढ़ के कमेला रोड पर रहे मोहम्मद फारुख और हसन को पकड़ा था. फिर फारुख के भाई शाहिद को 1 मार्च को उन्नाव से दबोचा गया. इसके साथ ही साथ अन्य तार जोड़ते हुए शाहिद के बहनोई जुबेर के बारे में भी जानकारी मिली, लेकिन वह एटीएस के हाथ नहीं लगा.

शाहिद के पास से 5 लाख रुपये के साथ भारतीय नागरिकता से जुड़े कई दस्तावेज मिले थे, जो फर्जी तरीके से बनाए गए थे. इन सब से पूछताछ में बांग्लादेशी रिश्तेदारों की बात सामने निकल कर आई थी और बताया गया था यहां पर वो अपने रिश्तेदारों की मदद से रहने आए थे. जिसकी वजह से हजारों रोहिंग्या यहां आ गए हैं और स्थानीय निवासी बन गए हैं.

रोजगार के लिए बूचड़खाने चलाते हैं रोहिंग्या
रोजगार के लिए ये प्रदेश के बूचड़खाने में काम करते हैं. अलीगढ़, आगरा, उन्नाव में स्लॉटर हाउस मौजूद हैं, यहां पर ये मोटा पैसा कमाते हैं. इनसे पैसा कमाने के एवज में दलाल इनसे कमीशन लेते हैं और इनको इस काम के लिए लगातार लाते रहते हैं.

साल 2021 में पकड़े गए कई रोहिंग्या
एटीएस ने इसी साल 6 जनवरी को संत कबीर नगर जिले के समर्थन गांव में बसे रोहिंग्या अजीजुल्लाह को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद 28 फरवरी को अलीगढ़ के कमेला रोड पर रहे मोहम्मद फारुख और हसन को पकड़ा था. फिर फारुख के भाई शाहिद को 1 मार्च को उन्नाव से दबोचा गया. इसके साथ ही साथ अन्य तार जोड़ते हुए शाहिद के बहनोई जुबेर के बारे में भी जानकारी मिली, लेकिन वह एटीएस के हाथ नहीं लगा.

शाहिद के पास से 5 लाख रुपये के साथ भारतीय नागरिकता से जुड़े कई दस्तावेज मिले थे, जो फर्जी तरीके से बनाए गए थे. इन सब से पूछताछ में बांग्लादेशी रिश्तेदारों की बात सामने निकल कर आई थी और बताया गया था यहां पर वो अपने रिश्तेदारों की मदद से रहने आए थे. जिसकी वजह से हजारों रोहिंग्या यहां आ गए हैं और स्थानीय निवासी बन गए हैं.

रोजगार के लिए बूचड़खाने चलाते हैं रोहिंग्या
रोजगार के लिए ये प्रदेश के बूचड़खाने में काम करते हैं. अलीगढ़, आगरा, उन्नाव में स्लॉटर हाउस मौजूद हैं, यहां पर ये मोटा पैसा कमाते हैं. इनसे पैसा कमाने के एवज में दलाल इनसे कमीशन लेते हैं और इनको इस काम के लिए लगातार लाते रहते हैं.

सीएए विरोधी प्रदर्शन में भी संलिप्तता आई थी सामने
>नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 31 जनवरी 2019 को देशभर में प्रदर्शन और हिंसा हुई, जिसमें रोहिंग्याओं की भूमिका सामने आई थी. कानपुर में हिंसा भड़काने के आरोप में पीएफआई सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. मोहम्मद उमर सैयद, अब्दुल हाशमी, फैजान मुमताज, मोहम्मद वासिम और सरवर आलम आदि रोहिंग्याओं के पीएफआई के संपर्क में होने का दावा किया गया.

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