Friday, October 18, 2024
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फिर झूठ बोला राहुल गांधी ने,फिर पकड़ा गया,चमचो की फौज लगी हुई थी सही साबित करने में

‘प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB)’ ने रेलवे के प्राइवेटाइजेशन को लेकर राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) द्वारा किए गए दावों को फर्जी करार दिया है। राहुल गाँधी ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें कहा गया था कि भारतीय रेलवे ने 151 ट्रेनों का निजीकरण कर दिया है।

राहुल गाँधी के इस दावे को लेकर ‘पीआईबी फैक्ट चेक‘ ने उनके एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा, “एक ट्वीट में फर्जी दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे की 151 ट्रेनों, रेलवे संपत्ति, स्टेशनों और अस्पतालों का निजीकरण कर दिया गया है। ये दावे पूर्णतः फर्जी एवं तथ्यहीन हैं। रेल मंत्रालय अपनी किसी संपत्ति का निजीकरण नहीं कर रहा।”

 

प्रधानमंत्री जी, रेलवे देश की संपत्ति है, इसे निजीकरण नहीं, सशक्तिकरण की ज़रूरत है। बेचिए मत।”

 

राहुल गाँधी ने जो वीडियो शेयर किया था, उसमें वह दक्षिण मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के सदस्य भरणी भानु प्रसाद व अन्य लोगों से बातचीत करते दिख रहे हैं। इस वीडियो में रेलवे के निजीकरण को लेकर बात कही गई है।

उक्त वीडियो में राहुल गाँधी ने रेलवे कर्मचारी संघ के सदस्य भरणी भानु प्रसाद से पूछा, “वे भारतीय रेलवे के किस हिस्से का निजीकरण कर रहे हैं?” इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “रेलवे स्टेशन, रेलवे वर्कशॉप, रेलवे मेडिकल हॉस्टिपल और रेलवे प्रतिष्ठानों का निजीकरण होने जा रहा है।” राहुल गाँधी ने आगे पूछा, “वे ऐसा करने की योजना कब बना रहे हैं? क्या वे पहले से ही इसे धीरे-धीरे कर रहे हैं?” इस पर कहा गया “हाँ सर।”

इसके बाद राहुल गाँधी ने आगे पूछा, “वे इसे किसे दे रहे हैं? बड़ी कंपनियाँ या छोटी कंपनियाँ?” इस पर रेलवे यूनियन संघ के सदस्यों ने एक स्वर में कहा, “बड़ी कंपनियाँ, ज्यादातर अंबानी और अडानी की कंपनियाँ।” इसके अलावा वीडियो में यह भी कहा गया है, “भारत में पहले से ही निजी ट्रेनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 151 ट्रेनों का निजीकरण कर दिया गया है।”

इसके अलावा वीडियो में भरणी भानु प्रसाद ने यह भी कहा, “भारतीय रेलवे के 170 साल के इतिहास में हमने निजीकरण के बारे में पहले कभी नहीं देखा या सुना है। अब हम इस निजीकरण का विरोध कर रहे हैं।” बता दें कि कॉन्ग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेता रेलवे के निजीकरण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तरह-तरह के आरोप लगाते रहते हैं। इसी कड़ी में राहुल गाँधी ने भी झूठ फैलाने का प्रयास किया था। जिसे अब पीआईबी (PIB) ने फर्जी बता दिया है।

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