बिहार की सियासत में राज्यसभा चुनाव के ठीक पहले लालू प्रसाद यादव की बहू और तेजस्वी की पत्नी राजश्री सक्रिय हो गई हैं. दरअसल, लालू परिवार राजश्री को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. लालू यादव अपनी पत्नी और बेटी के बाद अब अपनी बहू को भी सियासी मैदान में उतरने की तैयारी में. राजद कोटे की राज्यसभा की दो सीट खाली हो रही हैं. एक सीट पर राजश्री यादव को राज्यसभा भेजा जा सकता है.
बता दें, बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव की शादी राजश्री से साल 2021 में हुई थी. पहले राजश्री का नाम रेचल था. शादी के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर राजश्री कर लिया. राजश्री हरियाणा के रेवाड़ी के एक ईसाई परिवार से ताल्लुक रखती हैं और वह बचपन से ही दिल्ली में रहती थीं. तेजस्वी यादव और राजश्री ने नई दिल्ली के आरके पुरम में डीपीएस स्कूल में एक साथ पढ़ाई की है. राजश्री शादी से पहले एक एयर-होस्टेस के रूप में काम करती थीं. राजश्री ने बताया था कि उन्होंने ग्रैजुएशन तक की पढ़ाई की है.
अब खबर आई है कि राजश्री भी राजनीति में एंट्री ले रही हैं. बता दें, बिहार की छह राज्यसभा सीट पर चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को अधिसूचना जारी कर दी है. इन छह सीटों पर सांसदों का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है. इसी के साथ राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 15 फरवरी को समाप्त हो जाएगी. इन आधा दर्जन सीट में से तीन-तीन सीट राज्य के सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और महागठबंधन के पास हैं. जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाल ही में पाला बदलने से महागठबंधन फिलहाल राज्य में विपक्ष की भूमिका में है.
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इस तारीख को वोटिंग
राज्यसभा सीट के लिए मतदान 27 फरवरी को होगा. स्थापित परंपरा के अनुसार मतदान सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा, जबकि मतगणना उसी दिन शाम पांच बजे से होगी. जिन सांसदों का मौजूदा कार्यकाल समाप्त होने वाला है उनमें वशिष्ठ नारायण सिंह और अनिल हेगड़े (जदयू), सुशील कुमार मोदी (भाजपा), मनोज कुमार झा और अशफाक करीम (राजद) और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह शामिल हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग के तीन उम्मीदवार आसानी से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं.
बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी अपने बेहतर संख्या बल को देखते हुए इस बार दो उम्मीदवार मैदान में उतारेगी, जबकि सहयोगी जदयू को एक सीट जीतने में मदद करेगी. वर्ष 2018 के पिछले द्विवार्षिक चुनाव में तत्कालीन वरिष्ठ भागीदार जदयू को दो सीट मिली थीं, जबकि भाजपा को एक सीट मिली थी.