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कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए इस्तेमाल हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीदी पर बवाल मचा है। छत्तीसगढ़ सरकार करीब 90 हजार रेमडेसिविर खरीदने जा रही है, जिसकी कीमत महाराष्ट्र सरकार की तुलना में दोगुनी से ज्यादा है। चौंकाने वाली बात यह है कि छत्तीसगढ़ सरकार भी उसी कंपनी से खरीदी कर रही है, जिससे महाराष्ट्र सरकार ने खरीदी की है।
प्रदेश में यह खरीदी छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन सीजीएमएससी के माध्यम से की जा रही है। इधर ज्यादा दाम पर खरीदी को लेकर विपक्ष आक्रामक हो गया है। भाजपा ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें कहा है कि ज्यादा कीमत पर इंजेक्शन खरीदी करके सरकार सात करोड़ का भ्रष्टाचार कर रही है।
यहां यह बताना जरूरी है कि राज्य सरकार ने रेमडेसिविर की खरीदी के लिए पहले एक कंपनी को आर्डर दिया था, लेकिन कंपनी ने इंजेक्शन की सप्लाई नहीं की। अब उस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि रेमडेसिविर की खरीदी टेंडर के माध्यम से की जा रही है। सीजीएमएससी के अधिकारियों ने बताया कि खरीदी 14 सौ रुपये में की जा रही है।
इसके साथ वैट कंपनी जोड़ेगी। सिंहदेव ने बताया कि इंजेक्शन की सप्लाई शुरू हो गई है। प्रदेश में 90 हजार इंजेक्शन की खरीदी की गई है। वहीं, केंद्र सरकार भी रेमडेसिविर के 48 हजार 250 इंजेक्शन 30 अप्रैल तक राज्य को उपलब्ध कराएगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने रोटेशन जारी कर दिया है।
भाजपा बोली-श्वेत पत्र जारी करे सरकार
भाजपा ने रेमडेसिविर ज्यादा दाम पर खरीदी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से सवाल किया है। भाजपा ने पूछा है कि यह किसके इशारों पर हो रहा है, इनकी सत्यता की जांच जरूरी है। पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेमडेसिविर की खरीदी 14 सौ रुपये में हो रही है, जबकि महाराष्ट्र में खरीदी 595 रुपये में हो रही है। इस खरीदी में सात करोड़ 24 लाख 50 हजार का भ्रष्टाचार नजर आ रहा है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से यह उम्मीद नहीं है, लेकिन यह किसके इशारे पर हो रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि सरकार इंजेक्शन खरीदी पर श्वेत पत्र जारी करे।