Wednesday, October 30, 2024
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राहुल,सोनिया,कांग्रेस ने घुटने टेके असदुद्दीन ओवैसी के आगे

राहुल गाँधी जिसे बताते हैं ‘मोदी का यार’, उस ओवैसी के खिलाफ कैंडिडेट नहीं देगी कॉन्ग्रेस: तेलंगाना के पार्टी महासचिव बोले- वोटों का बँटवारा रोकने को करेंगे समर्थन

लोकसभा चुनाव 2024 में कॉन्ग्रेस पार्टी हैदराबाद में अपना उम्मीदवार नहीं देगी। यह बात तेलंगाना कॉन्ग्रेस के महासचिव ने कही है। उन्होंने कहा है कि वोटों का बँटवारा रोकने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का समर्थन करेगी।

कॉन्ग्रेस नेता फिरोज खान ने यह बात ऐसे समय में कही है, जब इस बार हैदराबाद लोकसभा सीट से AIMIM के मुखिया की राह मुश्किल बताई जा रही है। बीजेपी ने यहाँ से माधवी लता को उम्मीदवार बनाया है, जिन्हें उनके समर्थक ‘हिंदू शेरनी’ कहते हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि आज ओवैसी के खिलाफ कैंडिडेट नहीं देने की बात करने वाली कॉन्ग्रेस उन्हें ‘बीजेपी का बी-टीम’ बताती रही है। कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ओवैसी को ‘मोदी का यार’ कहते रहे हैं।

कॉन्ग्रेस ने किया ओवैसी को समर्थन देने का ऐलान

टाइम्स नाउ से बातचीत में तेलंगाना प्रदेश कॉन्ग्रेस कमेटी के महासचिव और हैदाराबाद लोकसभा सीट से साल 2019 में लोकसभा चुनाव हार चुके कॉन्ग्रेस नेता मोहम्मद फिरोज खान ने इस बात का ऐलान किया। उन्होंने कहा, “हैदराबाद में दो लोकसभा सीटें हैं, सिकंदराबाद और हैदराबाद लोकसभा। मेरा निर्वाचन क्षेत्र सिकंदराबाद में है, हैदराबाद में नहीं। हैदराबाद में ओवैसी जीतेंगे, क्योंकि AIMIM और कॉन्ग्रेस पार्टी के बीच ‘कॉम्प्रोमाइज’ हो गया है, असदुद्दीन निश्चित तौर पर हैदराबाद जीतेंगे।” बता दें कि तेलंगाना में कॉन्ग्रेस ने 17 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान किया है, लेकिन हैदराबाद सीट को लेकर चुप्पी साध रखी है।

कॉग्रेस द्वारा असदुद्दीन ओवैसी को समर्थन देने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए हैदराबाद से बीजेपी उम्मीदवार कोम्पेला माधवी लता ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “कॉन्ग्रेस AIMIM के साथ गठबंधन, लेकिन दावा यह कि वो बीजेपी की बी टीम है। सीपीआई बंगाल में INDI गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन केरल में नहीं। AAP दिल्ली में गठबंधन है, लेकिन पंजाब में नहीं। कॉन्ग्रेस के साथ समस्या यह है कि उसे यह स्पष्ट नहीं है कि क्या करना है। कॉन्ग्रेस मुक्त भारत = प्रगति युक्त भारत।”

कॉन्ग्रेस के भीतर उठा विरोध, तहसीन पूनावाला ने जताई नाराजगी

हैदराबाद लोकसभा सीट पर असदुद्दीन ओवैसी को समर्थन देने पर कॉन्ग्रेस के भीतर ही नाराजगी दिख रही है। महत्वपूर्ण मुद्दों पर कई बार पार्टी से अलग लाइन लेने वाले राजनीतिक विश्लेषक एवं कॉन्ग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “अभी तक कॉन्ग्रेस पार्टी की तरफ से आधिकारिक बयान नहीं आया है कि वो जनाब असदुद्दीन ओवैसी को हैदराबाद लोकसभा सीट पर ‘फ्री रन’ देगी। हालाँकि कॉन्ग्रेस अगर ओवैसी साहब के खिलाफ उम्मीदवार न उतारने का फैसला लेती है, तो ये अपराध करने जैसा होगा। ऐसा करना कॉन्ग्रेस के लिए बड़ी भूल साबित होगी, जो अंतत: कॉन्ग्रेस की ताकत खत्म कर देगी।”

उन्होंने आगे लिखा, “असदुद्दीन ओवैसी पर कभी विश्वास नहीं किया जा सकता। उनका मिशन है कॉन्ग्रेस को बर्बाद करना। उन्होंने हमेशा राहुल गाँधी जी का मजाक उड़ाया है और बेईज्जती की है। अगर कॉन्ग्रेस पार्टी ओवैसी को समर्थन देती है, तो मैं इसके बिल्कुल खिलाफ हूँ। अगर कॉन्ग्रेस पार्टी नफरत के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, तो फिर लड़ाई लड़कर ही अंतर पैदा किया जा सकता है। असदुद्दीन ओवैसी और उनकी जहरीली राजनीति वापस लोकसभा में नहीं पहुँचनी चाहिए। कॉन्ग्रेस पार्टी की असदुद्दीन ओवैसी जैसे सांसद को हराना एक जिम्मेदारी भी है।”

राहुल ने ओवैसी को कहा था ‘मोदी का यार’

बता दें कि कुछ माह पहले ही हुए तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी। उस चुनाव के दौरान राहुल गाँधी ने असदुद्दीन ओवैसी और तेलंगाना के तत्कालीन मुख्यमंत्री केसीआर को पीएम मोदी का यार कहा था। तेलंगाना में केसीआर की बीआरएस और असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM का गठबंधन है।

बता दें कि हैदाबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी का सीधा मुकाबला बीजेपी की प्रत्याशी माधवी लता से है। हैदराबाद की हिंदू शेरनी कही जाने वाली माधवी लता पहली बार चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन राजनीतिक हलकों में ये बाद उठ रही है कि वो असदुद्दीन ओवैसी पर सीधे मुकाबले में भारी पड़ रही हैं। माधवी लता हैदराबाद की जानी-मानी समाजसेविका हैं और उनके नाम की अब पूरे देश में चर्चा हो रही है। बहरहाल, तेलंगाना कॉन्ग्रेस ने ओवैसी के समर्थन की जो घोषणा की है, उस पर अभी कॉन्ग्रेस के हाई कमान की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। हैदराबाद लोकसभा सीट पर कॉन्ग्रेस अगर ओवैसी को समर्थन देती है, तो इसका असर पूरे देश की राजनीति पर देखने को मिल सकता है।

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