Friday, November 28, 2025
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13 नक्सलियों को ढेर किया,बाकी को घेरा… C 60 कमांडो के आगे बेबस

 

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में पुलिस और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर जारी है। पुलिस की सी-60 यूनिट ने गढ़चिरौली के एटापल्ली के वन क्षेत्र में अभी तक 13 नक्सलियों को मार गिराया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने गढ़चिरौली के डीआईजी संदीप पाटिल ने के हवाले से यह जानकारी दी है।
गढ़चिरौली जिले के एटापल्ली के वन क्षेत्र से शुक्रवार को कम से कम 13 नक्सलियों के शव बरामद किए गए, जहां महाराष्ट्र पुलिस की सी -60 इकाई और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही है। गढ़चिरौली के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) संदीप पाटिल के अनुसार, ऑपरेशन महाराष्ट्र पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता थी और संभावना है कि मुठभेड़ में और नक्सलियों का सफाया हो।

महाराष्ट्र पुलिस और नक्सलियों के बीच शुक्रवार तड़के एटापल्ली के पयडी-कोटमी जंगल में मुठभेड़ शुरू हो गई।
गढ़चिरौली के पुलिस उप-महानिरीक्षक संदीप पाटिल ने बताया कि यह मुठभेड़ एटापल्ली के कोटमी के पास जंगल में सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुई। उन्होंने बताया कि तब वहां नक्सली एक बैठक के लिए एकत्र हुए थे। पाटिल ने बताया विशिष्ट सूचना के आधार पर पुलिस के दल और सी-60 कमांडो ने जंगल में खोज अभियान शुरु किया। उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने पुलिस दल को देखा और गोलीबारी शुरू कर दी। सी-60 कमांडो ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें 13 नक्सली मारे गए।
गढ़चिरौली के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने बताया कि मुठभेड़ करीब एक घंटे तक चली। शेष नक्सली घने जंगल में भाग निकले। उन्होंने बताया कि घटनास्थल से नक्सलियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। खोज अभियान अभी जारी है।

 

Gadchiroli Naxali Encounter: कौन हैं ये C-60 कमांडो, जिनके नाम से ही कांप उठते हैं नक्सली; आज ही 13 को किया ढेर
यहां होती है C-60 कमांडो की ट्रेनिंग
यहां होती है C-60 कमांडो की ट्रेनिंग

C-60 कमांडो घने जंगलों और पहाड़ी क्षेत्रों में ऑपरेशन के लिए ट्रेन किए जाते हैं. C-60 कमांडो की ट्रेनिंग देश के बेहतरीन संस्थानों जैसे- नेशनल सिक्योरिटी गार्ड कैंपस, मानेसर, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, हजारीबाग, जंगल वॉरफेयर कॉलेज, कांकेर और अनकंवेशनल ऑपरेशन ट्रेनिंग सेंटर, नागपुर में की जाती है. (फाइल फोटो/साभार-PTI)

ऑपरेशन के अलावा C-60 कमांडो सरेंडर में करते हैं मदद
ऑपरेशन के अलावा C-60 कमांडो सरेंडर में करते हैं मदद

जंगल में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के अलावा C-60 कमांडो का काम नक्सली लोगों का सरेंडर और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना भी है. इसके लिए C-60 कमांडो की यूनिट नक्सलियों के परिवार से मिलती है और उन्हें पूर्व में नक्सली रहे लोगों के लिए सरकार की स्कीमों के बारे में बताती है. (फाइल फोटो/साभार-PTI)

ऐसे हुआ C-60 कमांडो की टीम का गठन
ऐसे हुआ C-60 कमांडो की टीम का गठन

बता दें कि 1980 के दशक में नक्सलियों की एक्टिविटी पहले महाराष्ट्र और फिर आंध्र प्रदेश में तेजी से बढ़ना शुरू हुई. महाराष्ट्र का गढ़चिरौली जिला इससे सबसे ज्यादा प्रभावित था. यहां नक्सलियों की हिंसा की घटनाएं बढ़ने लगी थीं. फिर साल 1990 में पुलिस ऑफिसर केपी रघुवंशी को नक्सलियों के खिलाफ टीम बनाने की जिम्मेदारी दी गई. उन्होंने कमांडो फोर्स का गठन किया. (फाइल फोटो/साभार-PTI)

कैसे पड़ा ‘C-60’ कमांडो नाम
कैसे पड़ा 'C-60' कमांडो नाम

इस प्रकार गढ़चिरौली में 60 कमांडो की एक टीम को तैयार किया गया. इन कमांडो को उसी इलाके से चुना गया था, जहां से नक्सली अपने फाइटर भर्ती करते थे. इन्हें ही C-60 कहा गया. उसी इलाके से होने की वजह से ऑपरेशन के दौरान C-60 कमांडो को राज्य की दूसरी यूनिट के मुकाबले एडवांटेज रहता था क्योंकि वे इलाके से पूरी तरह से वाकिफ थे. C-60 कमांडो जंगल में तेजी से मूवमेंट करते थे और लोकल लोगों से भी उनका अच्छा संपर्क था. (फाइल फोटो/साभार-PTI)

C-60 कमांडो की दूसरी ब्रांच कब बनी
C-60 कमांडो की दूसरी ब्रांच कब बनी

नक्सलियों की बढ़ती गतिविधि को देखते हुए साल 1994 में C-60 कमांडो की दूसरी ब्रांच का गठन किया गया. C-60 कमांडो यूनिट का मोटो है ‘वीर भोग्या वसुंधरा.’ (फाइल फोटो/साभार-PTI)

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