पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने अपनी ही पार्टी के विधायक वैशाली डालमिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया। टीएमसी ने यह फैसला अनुशासनात्मक समिति की बैठक के बाद लिया है। आपको बता दें कि वैशाली डालमिया बीसीसीआई की पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी है। बेल्ली से विधायक डालमिया टीएमसी नेतृत्व के एक वर्ग के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपनी बात रख चुकी हैं।
साथ ही उन्होंने दावा किया था कि पार्टी में ईमानदार लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। टीएमसी ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को उसकी अनुशासन समिति की बैठक हुई, जिसमें डालमिया को पार्टी से निष्कासित करने का फैसला लिया गया। इससे कुछ ही घंटे पहले टीएमसी के ही वरिष्ठ नेता राजीव बनर्जी ने ममता बनर्जी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। डालमिया ने बनर्जी के इस्तीफे के लिए भी पार्टी नेतृत्व की आलोचना की थी।
शुक्रवार को बनर्जी के पार्टी से जाने के बाद डालमिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि कई नए विधायकों को हावड़ा जिला इकाई के अध्यक्ष और मंत्री अरूप रॉय की ओर से स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी गई थी। उन्होंने यहां तक आरोप लगाया कि रॉय ने उन्हें अपनी परियोजनाओं का उद्घाटन तक नहीं करने दिया।
वहीं, टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी ने डालमिया को निष्कासित करके सही काम किया। पार्टी के खिलाफ बयान देने वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। मुख्यमंत्री ने 2016 के चुनावों में डालमिया को मैदान में उतारा क्योंकि वह विकास परियोजनाओं में विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को शामिल करना चाहती थीं। उन्होंने कहा कि ऐसे कई लोग हैं जो बिना शिकायत किए काम कर रहे हैं।
ममता बनर्जी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी नेताओं के एक धड़े के खिलाफ आवाज उठाने पर उनके खिलाफ हो रहे व्यक्तिगत हमलों से बेहद आहत हो कर उन्होंने राज्य के वन मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है। बनर्जी ने हालांकि आने वाले दिनों में पार्टी छोड़ने की योजना के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया।
उन्होंने राज भवन में राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मुझे कुछ शिकायतें थीं और मैंने पार्टी नेतृत्व को उस बारे में बता दिया था। पार्टी प्रमुख के साथ मेरी बात भी हुई थी,लेकिन कुछ नहीं हुआ। बल्कि नेताओं के एक धड़े ने मुझ पर व्यक्तिगत हमले किए।