28 दिसंबर से एमपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही थी। इसे लेकर विधानसभा में पूरी तैयारी कर ली गई थी। सत्र से पहले विधानसभा के कई कर्मी और विधायक कोरोना से संक्रमित हो गए थे। शीतकालीन सत्र से पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान का भी कोरोना टेस्ट हुआ था लेकिन उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। शाम 6 बजे हुई सर्वदलीय बैठक में शीतकालीन सत्र को स्थगित करने का फैसला लिया गया है।
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 से 30 दिसंबर तक प्रस्तावित था। कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सत्र से एक दिन पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में सीएम शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी शामिल हुए थे। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में यह बैठक हुई थी। बैठक के बाद रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सर्वसम्मति से शीतकालीन सत्र स्थगित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के ताजा मामलों को देखते हुए विधानसभा का 28 दिसंबर से प्रस्तावित शीतकालीन सत्र फिलहाल स्थगित करने का फैसला लिया गया है। आगे का निर्णय नेता प्रतिपक्ष के सुझाव के मुताबिक विधायकों की समिति के साथ चर्चा कर लिया जाएगा।
वहीं, कमलनाथ ने कहा कि हमारी आवाज को दबाने और कुचलने की कोशिश न की जाए। नियम के अनुसार जैसा सदन चल सकता है, वैसा चलाएं, नहीं चल सकता है तो नहीं चलाएं। लेकिन हमारी आवाज भी सुनी जाए।
लटक गया लव जिहाद बिल
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश होने थे। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के भी चुनाव होते। लेकिन सत्र स्थगित होने के बाद धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 भी लटक गया है। इस बिल को 26 दिसंबर को आयोजित स्पेशल कैबिनेट में मंजूरी मिल गई थी।