Thursday, September 18, 2025
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65 करोड़, कुंभ में संख्या कैसे जानी गई,कुछ जाहिल सेक्यूलर दोगले सवाल कर रहे 65 करोड़ पर

एक सवाल लोगों के मन में ये है
कि सरकार ने महाकुम्भ में आए
65 करोड़ लोगों की गिनती कैसे की !!
आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश तो नहीं किया गया है !!
ये सवाल पहले दिन से ही पूछा जा रहा है

हमारे देश में बहुत सारे लोग और नेता ऐसे हैं
जिन्हें इन आंकड़ों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है

लेकिन आज हम आपको बताना चाहते हैं
कि योगी सरकार ने लोगों की गिनती करने के लिए पहली बार Artificial Intellegence का इस्तेमाल किया है

महाकुम्भ में ऐसे 500 कैमरे लगाए गए हैं
जो AI की मदद से इस्तेमाल होते हैं
और ये मेला क्षेत्र में आने वाले लोगों की गिनती
#तीन तरीकों से करते हैं

#पहला – ये भीड़ के घनत्व का अनुमान लगाकर लोगों की गिनती करते हैं
इसमें ये देखा जाता है
कि कितने क्षेत्र में एक वक्त पर कितने लोग मौजूद थे

#दूसरा – मेला क्षेत्र में ऊपर से Head Count
यानी लोगों के जो सिर दिख रहे होते हैं
उससे उनकी गिनती की जाती है

#तीसरा तरीका है – Facial Recognition का
जिसमें AI कैमरों से लोगों के चेहरों की पहचान करके उनका एक Data बनाया जाता है
और ये सुनिश्चित किया जाता है
कि जिन लोगों की गिनती हो रही है
उनमें एक व्यक्ति को एक से ज्यादा बार ना गिना जाए

हालांकि यहां आपको ये बात पता होनी चाहिए
कि अगर कोई व्यक्ति आज महाकुंभ के मेला क्षेत्र में आया है… और इसके बाद
वो अगले दिन फिर से ”मेला क्षेत्र” में आता है
तो उसकी गिनती दो बार होती है

इसीलिए आप ये मानकर चलिए
कि जो लोग एक से ज्यादा दिन महाकुम्भ के मेला क्षेत्र में आए होंगे
उन्हें एक से ज्यादा बार गिना गया होगा

हालांकि अनुमान है कि ऐसे लोगों की गिनती
1% से भी कम होगी

और ये ऑटो डिलीट हो जाता है।
जिससे सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर
बहुत ज्यादा फर्क नही पड़ेगा

मौजूदा समय में पूरी दुनिया में भीड़ की गिनती करने के लिए इसी AI सिस्टम की ही मदद ली जाती है
दुनिया में इसका सक्सेस रेट सबसे ज्यादा है और ये 90 से 99 पर्सेंट के बीच है

इससे भी बड़ी बात ये है
कि जब वर्ष 2022 में कतर में फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था
या पिछले साल जब मक्का में हज यात्रा हुई थी
या उससे पहले वर्ष 2021 में
जब टोक्यो में ओलम्पिक खेलों का आयोजन हुआ था

तब इन सारे आयोजनों में शामिल होने वाले लोगों की गिनती AI टेक्नोलॉजी से ही की गई थी

लेकिन इन देशों में इस पर कोई विवाद नहीं हुआ
दुनिया में किसी ने ये नहीं कहा
कि उन्हें AI द्वारा प्राप्त हज यात्रियों के आंकड़ों पर विश्वास नहीं है !!

लेकिन जब भारत में इसी AI मॉडल से
महाकुम्भ में हिन्दू श्रद्धालुओं की गिनती हुई है
तब दो दो कौड़ी के टुच्चे से टुच्चे नेता भी
इन आंकड़ों पर शक जता रहे हैं !!
इस भीड़ के सबूत मांग रहे हैं !!

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