SPG ACT का सेक्शन 14 पढ़े कांग्रेसी,शर्मनाक है षड्यंत्र भी-कैलाश विजयवर्गीय
एक वीडियो भी जारी किया है,जो सीधे इस षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा है
पीएम की सुरक्षा में सेंध, चूक नहीं साजिशhttps://t.co/GIaqQJPohZ
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) January 6, 2022
भारतीय राजनीति के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब किसी प्रधानमन्त्री के काफिले को किसी राज्य सरकार ने सभी प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए उन्हें भीड़ के हवाले कर दिया हो। राजनीति में दल,मत ,विचार,अभिव्यक्ति में अन्तर हो सकता है लेकिन क्या वह राष्ट्रीयता के विरुद्ध होना चाहिए? पंजाब के बठिंडा में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के काफिले को प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने लगभग बीस मिनट तक फ्लाईओवर में रोके रखा। राज्य की पुलिस का सुरक्षा के लिए कहीं अता-पता नहीं था! ऐसा क्यों? यह सब कैसे संभव हुआ? नरेन्द्र मोदी से राजनैतिक खुन्नस, ईर्ष्या हो सकती है,लेकिन राष्ट्र के प्रधानमन्त्री की सुरक्षा व्यवस्था को ताक पर रख देना क्या यह साजिश नहीं है? वे भारत के प्रधानमन्त्री हैं। और उनकी सुरक्षा से हाय-तौबा करके मदान्ध रहना यह राष्ट्रघात है। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार प्रधानमन्त्री ने जब यह कहा – “अपने मुख्यमन्त्री को थैंक्स कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक वापस जिन्दा लौट आया”
क्या प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का यह बयान अपने आप में कँपा देने वाला नहीं है। अपने विभिन्न दौरों में प्रोटोकॉल को तोड़कर सभी लोगों से मिलने वाले नरेन्द्र मोदी को अपने कार्यकाल में पहली बार इस प्रकार का बयान देना पड़ा।जब उन्हें अपनी जान खतरे में महसूस हुई। यह बेहद गम्भीर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा में सुनियोजित ढँग से की गई सेंधमारी है। सोचिए! यदि प्रधानमन्त्री को कुछ हो गया होता,तब क्या हुआ होता? किसी भी राज्य सरकार के पास क्या इतनी शक्ति होती है कि वह भारत के प्रधानमन्त्री की सुरक्षा व्यवस्था को ताक पर रख दे?
तीन कृषी कानून वापस लेने के फ़ैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली बार पंजाब के फिरोज़पुर में रैली होने वाली थी लेकिन उसे रद्द कर दिया गया। इस रैली की तैयारी भारतीय जनता पार्टी काफ़ी दिनों से कर रही थी। बताया जा रहा है कि ऐन मौक़े पर सुरक्षा के मद्देनज़र रैली को रद्द किया गया। वहीं पंजाब सरकार पीएम की सुरक्षा चूक होने की बात से पल्ला झाड़ते हुए नज़र आ रही है। पंजाब दी गल में आज हम आपको कुछ इसी तरह की चटपटी ख़बरों से रूबबरू करवाने जा रहे हैं। आख़िर क्यों पंजाब सरकार फिरोज़पुर के एसएसपी को बली का बकरा नहीं बनानना चाहती है। क्या किसानों की मांगें होंगी पूरी, भाजपा कार्यकर्ताओं ने रैली स्थल पर जाने से रोकने का लगाया आरोप। इस तरह की और भी कई खबरों से आपको आज वाक़िफ़ करवाएंगे।
भाजपा नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप
पीएम मोदी की रैली में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता नहीं पहुंच पाए उन्होंने आरोप लगया कि पंजाब पुलिस को निर्देश दिया गया था कि भाजपा कार्यकर्ताओं पीएम मोदी की फिरोजपुर में होने वाली रैली स्थल पर पहंचने नहीं दिया जाए। भाजपा पंजाब के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि बड़ी तादाद में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बसों और दूसरी वाहनो से रैली में शामिल होने जा रहे थे उन्हें रैली स्थल पर जाने से रोका गया। उन्होंने कहा कि पंजाब में लोकतंत्र नहीं बचा है इसलिए ही उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को 21 जगह पर रोक दिया गया ताकि वह रैली स्थल नहीं पहुंच सके। वहीं भाजपा नेता हरजीत सिंह ग्रेवाल ने दावा करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई और कुछ बसों के शीशे तोड़ दिये गये। भाजपा नेता सुभाष शर्मा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन करने के बहाने जगह-जगह बैरिकेड लगा दिये थे।
SSP को सस्पेंड करने के आदेश वापस
5 जनवरी को पंजाब के फिरोज़पुर में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली होने वाली थी जिसे रद्द कर दिया गया। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी की फिरोजपुर यात्रा के दौरान उनके सुरक्षा में बड़ी चूक हुई इसलिए रैली को रद्द करना पड़ा। सूत्रों की मानें तो जब पीएम मोदी की रैली रद्द हुई तो आनन फानन में पहले फिरोजपुर के एसएसपी को सस्पेंड कर दिया गया। लेकिन कुछ देक बात मौखिक आदेश को वापस ले लिया गया। वहीं पंजाब सरकार पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक होने की बात से पल्ला झाड़ते हुए नज़र आ रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मुताबिक पीएम मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में किसी भी अफसर को सस्पेंड नहीं किया गया। सूत्रों के मुतबिक एसएसपी को सस्पेंड करने के मौखिक आदेश को इसलिए वापस लिया गया ताकि सरकार और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े ना हो। क्योंकि अगर एसएसपी सस्पेंड होते तो यह सवाल उठता कि चूक हुई इसलिए सस्पेंड किया गया । लेकिन यहां पंजाब सरकार ने सुरक्षा में चूक मामले से पल्ला ही झाड़ लिया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करना था। फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी को एक जनसभा को भी संबोधित करना था। पूरे दौरे की जानकारी पंजाब की कांग्रेस सरकार को पहले से दी जा चुकी थी। पंजाब सरकार की ओर से आश्वस्त भी कराया गया था। इसके बाद भी सुरक्षा में सेंध लग गई। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक कांग्रेसी सरकार की सोची-समझी साजिश का नतीजा था। कांग्रेसी साजिश इससे भी समझ सकते है कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान उनके साथ ना तो राज्य के मुख्यमंत्री, ना मुख्य सचिव और ना राज्य के पुलिस प्रमुख थे। जो कि आम तौर पर प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान होते हैं। इस मामले पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का बयान तो और गैरजिम्मेदाराना रहा। प्रधानमंत्री को रिसीव करने नहीं जाने पर उन्होंने सफाई दी कि कोरोना संक्रमितों के संपर्क मे आने के कारण एयरपोर्ट नहीं गए, जबकि बुधवार शाम को वे बिना मास्क के प्रेस कॉन्फ्रेंस करते नजर आए। देश-दुनिया में फजीहत होने पर कांग्रेस ने रैली में भीड़ का बहाना बनाया। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर कांग्रेस ने शर्मनाक बयान देते हुए कहा कि फिरोजपुर की रैली में भीड़ नहीं आई तो सुरक्षा में चूक का बहाना बनाकर इसे रद्द किया गया। जबकि फिरोजपुर में मौसम खराब होने के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी की रैली के लिए लाखों की संख्या में लोग मौजूद थे। आप भी देखिए-
इस खराब मौसम में लोग छाता लगाकर खड़े हैं और चमचे चीख रहे हैं कि भीड़ नहीं आई.. pic.twitter.com/u7guoF7hOd
— बिमल सक्सेना #TeamHHB🚩 (@aarablko) January 5, 2022
टीवी चैनल कांग्रेस नेताओं के बयान के आधार पर कह रहे हैं कि 70000 के लिए कुर्सियाँ और 700 आए, इसलिए @narendramodi लौट गए। यह वीडियो रैली स्थल पर मौजूद मेरे एक ग़ैर भाजपाई साथी ने भेजा, बिना संपादन के जस का तस डाल रहा हूँ। #FactsMatter मुझसे कहा-पंजाब में मोदी का साथ देना पड़ेगा pic.twitter.com/IIjQEx0lBv
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी 🇮🇳Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) January 5, 2022
they are afraid of BJP. they are in assumption where the left over Punjab also goes to BJP #BharatStandsWithModiJi #khalistani #कांग्रेस_ही_कलंक_है #कांग्रेस_का_खूनी_पंजा #कांग्रेस_पर_थूकता_है_भारत pic.twitter.com/XgBTOT1d0E
— Aruj Joshi (@JoshiAruj) January 6, 2022
हाँ, ये भीड़ तो आपके बारात में आई थी। https://t.co/f729N19N3y pic.twitter.com/QFIrP5gZmz
— Santosh Verma (@Santos___h) January 6, 2022