खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की मौत को लेकर कनाडा ने भारत पर इल्जाम लगाया है।
हालांकि, कनाडा ने अभी भी इस बात का सबूत नहीं दिया कि निज्जर की हत्या में भारत के खुफिया एजेंटों का हाथ था।
कनाडाई खुफिया विभाग लगातार इस दावे को आगे बढ़ा रहा है कि निज्जर कनाडा के सरे में गुरु नानक गुरुद्वारे का निर्दोष और धार्मिक प्रमुख था।
भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा तैयार किए गए एक डोजियर में दावा किया गया है कि निज्जर कोई धार्मिक गुरु नहीं बल्कि एक हत्यारा था।
निज्जर ने अपने चचेरे भाई और गुरुद्वारे के पूर्व अध्यक्ष रघबीर सिंह निज्जर को धमकी देकर सिख मंदिर का प्रमुख बन गया था।
डोजियर में कहा गया है कि निज्जर खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के आतंकवादी गुरदीप सिंह उर्फ दीपा हेरनवाला का पुराना सहयोगी था, जो 1980 के दशक के अंत और 1990 के दशक की शुरुआत में पंजाब में 200 से अधिक हत्याओं में शामिल था। उसे एक अन्य गिरोह के सरगना गुरनेक सिंह उर्फ नेका ने अपराध में शामिल किया था।
डोजियर में कहा गया है कि निज्जर 1996 में “रवि शर्मा” के नाम पर जाली पासपोर्ट पर कनाडा भाग गया और ट्रक ड्राइवर और प्लंबर के रूप में अपनी पहचान बना ली। इसमें कहा गया है कि वह पाकिस्तान स्थित केटीएफ प्रमुख जगतार सिंह तारा के संपर्क में आया और अप्रैल 2012 में बैसाखी जत्था सदस्य होने की आड़ में पाकिस्तान का दौरा किया।
तारा के संपर्क में आते ही वह कट्टरपंथी बन गया था और पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) द्वारा ट्रेन किया गया था। तारा ने उसे 2012 और 2013 में हथियार और विस्फोटक प्रशिक्षण दिया था।