बेंगलुरु में काम करने वाले 32 वर्षीय मोगिल अशरफ नाम के आईटी इंजीनियर को बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में कार्यरत महिला के खिलाफ लव जिहाद और यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पीड़िता ने अशरफ पर उसके साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर पुलिस से मदद मांगी थी.
पीड़िता ने दावा किया कि अशरफ ने उसे प्यार के जाल में फंसाया और उससे शादी करने का वादा किया, लेकिन उसने शादी की संस्था का पालन करने से इनकार कर दिया. उसके लगातार दबाव के बाद, वह अंततः उसके साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगी, इस दौरान अशरफ ने उसके साथ जबरन अप्राकृतिक यौन संबंध स्थापित किए.
इसके अलावा, महिला ने आरोप लगाया कि जब उसने शादी पर जोर दिया, तो अशरफ ने उस पर इस्लाम अपनाने का दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिससे धर्म परिवर्तन को लेकर चिंताएं बढ़ गईं. जब उसे कोई सहायता नहीं मिली तो उसने सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया पर मामले की जानकारी दी.
7 सितंबर को कर्नाटक पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की और उसके बाद आरोपियों का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए. पीड़िता ने अपने पोस्ट में बेंगलुरु पुलिस के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को भी टैग किया था. कर्नाटक पुलिस उनके पोस्ट पर संज्ञान लेने के बाद उन तक पहुंची थी.
गौरतलब है कि इससे पहले 17 नवंबर, 2022 को पीड़िता ने एक पोस्ट में तत्कालीन बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर और मौजूदा बीजेपी नेता भास्कर राव को संबोधित करते हुए पूछा था, ‘अगर मैं कहूं कि एक हिंदू लड़की को शादी का वादा किया गया था और फिर एक कश्मीरी ने उसे छोड़ दिया? मुस्लिम लड़का, क्या तुम मदद करोगे?”