Sunday, December 22, 2024
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हिन्दू की हत्या के आरोपी इस्लामी आतंकवादी पांव पर नही चल पा रहे,अंतर्राष्ट्रीय साज़िश नही,लोकल गद्दारों का साथ

उदयपुर: उदयपुर के धानमंडी इलाके में 2 दिन पहले कन्हैया लाल साहू हत्याकांड मामले में गिरफ्तार दोनों आतंकियों को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। गुरुवार शाम 5:50 पर दोनों आरोपियों को बख्तरबंद जिला न्यायालय में लाया गया। इस दौरान दोनों आरोपियों की करीब 45 मिनट तक सुनवाई हुई। आरोपियों को पुलिसकर्मी हाथो पर उठाकर कोर्ट में जज के सामने ले गए। सुनवाई के दौरान सबसे पहले जज ने आरोपियों से उनका नाम पूछा। इसके बाद उन्होंने पांव से नहीं चल पाने का कारण पूछा तो आरोपियों ने कहा कि हत्या के बाद जब भाग रहे थे तो पांव में चोट लग गई। पुलिस के पकड़ने से पहले से पांव में चोट थी।13 जुलाई तक सेंट्रल जेल में रहेंगेएसआईटी टीम के साथ एएसपी अनंत कुमार के नेतृत्व में टीम आरोपी को लेकर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंची। सेशन न्यायधीश से दोनों आरोपियों को पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने का निवेदन किया। एएसपी अनन्त कुमार ने करीब 40 मिनट में पूरे घटनाक्रम और पुलिस, SIT द्वारा की जा रही जांच के बारे में बताया। APP कपिल टोटावत ने बताया कि दोनों आरोपियों को 14 दिन न्याययिक अभिरक्षा में भेजा गया। वो 13 जुलाई तक उदयपुर की सेंट्रल जेल में रहेंगे। इससे पहले NIA या कोई भी दूसरी एजेंसी वापस आरोपियों को कोर्ट पेश कर सकती है।आरोपियों की पैरवी नहीं करेगा बार एसोसिएशनआरोपियों को कोर्ट में पेश किए जाने की जानकारी मिलते ही दोपहर 4 बजे से वकील कोर्ट में जमा हो गए। पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भी लगाया गया था। आरोपियों की बस आते देखते ही वकीलों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वंदेमातरम और भारत माता के जयकारे हुए आरोपियों को फांसी देने की मांग हुई। इससे पहले बार एसोसिएशन द्वारा किसी भी वकील द्वारा पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया गया था। कोर्ट से जाते हुए आरोपियों की बस पर वकीलों ने मुक्के भी मारे।पुलिस लगातार आरोपियों को कड़ी मशक्कत के बाद बस से कोर्ट में ले जा पाई। पुलिस और वकीलों के बीच 5 बार धक्का मुक्की की नौबत भी आई।अलग-अलग थानों में रखा गया अपराधियों कोपुलिस ने आतंकियों को कोर्ट में पेश करने से पहले तीन दिन अलग-अलग थानों में रखा। पुलिस ने आतंकियों को जिस दिन गिरफ्तार किया उस दिन भीम थाना इलाके में रखा गया। उसके अगले दिन चारभुजा थाने में रखा गया। वहीं एक दिन पहले देलवाड़ा थाने रखा गया। उदयपुर में आक्रोश की संभावना के चलते पुलिस अपराधियों को उदयपुर नहीं लाई।

एनआईए के मुताबिक, हत्या की वारदात को अंजाम देना सिर्फ दो लोगों का काम नहीं, बल्कि एक ग्रुप का काम है. इन दोनों के पीछे भी लोग हैं. एनआईए ने कहा कि फिलहाल आरोपियों के किसी बड़े आतंकी संगठन से जुड़े होने के सबूत अभी नहीं मिले हैं. इस हत्याकांड को पूरी तैयारी और साजिश के बाद अंजाम दिया गया. फिलहाल दोनों आरोपियों को 13 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
एनआईए का कहना है कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया और जिस तरह वीडियो बनाया गया, उसके पीछे कोई खास प्लान था. जांच में और लोगों के शामिल होने की पूरी आशंका है. यह एक बड़ा ग्रुप हो सकता है और उन्हीं का काम लग रहा है. इस तरह की वारदात को अंजाम देकर आरोपी अपनी कम्युनिटी में हीरो बनना चाह रहे थे. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कन्हैयालाल पर पहले से नजर रखी जा रही थी. उसकी हर एक एक्टिविटी पर आरोपियों की नजर थी.

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