हमले वाली रात से पहले भी सैफ अली खान के घर आ चुका था शहजाद, हिंदू पहचान से पुलिस को गुमराह कर रहा था ‘बांग्लादेशी’: नकाब से चेहरा छिपा फ्लैट में घुसा था
वरिष्ठ भाजपा नेता
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि ये चिंता का विषय है. बंगाल सरकार द्वारा कई बांग्लादेशियों को भारत में तस्करी कर लाया जा रहा है, उनके आधार कार्ड हिंदू नामों से बनाए जा रहे हैं. यहां आने के बाद वे अपराध कर रहे हैं. अभी साइबर अपराध बढ़ रहा है, जो बांग्लादेश के लोगों द्वारा किया जा रहा है।
आरोपित हाउसकीपिंग कंपनी में काम करने के दौरान घर पर आया था और 16 जनवरी को लूटपाट के इरादे से घर में घर में घुसा था। अपार्टमेंट में आने से पहले उसने देखा कि बिल्डिंग का सुरक्षाकर्मी सो रहा था। उसने मौके का फायदा उठाकर एंट्री ली और मुँह नकाब से ढककर ऊपर तक चढ़ता गया।
11वीं मंजिल पर पहुँचने के बाद उसने शाफ्ट का इस्तेमाल करके सैफ अली खान के फ्लैट में एंट्री की और बाद में बच्चों के कमरे से सटे बाथरूम में छिप गया।
हमलावर 5-6 महीने पहले मुंबई आया था और हाउसकीपिंग एजेंसी में काम करता था। उसका ठिकाना वर्ली में था, लेकिन घटना के लिए उसने ठाणे जाने के लिए ट्रेन ली थी। उसके बाद उसे कोई बाइक पर लेने आया था। अब पुलिस ने उसे अरेस्ट कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद मुंबई पुलिस के डीसीपी दीक्षित गेडम ने बताया कि उन्होंने उसके विरुद्ध केस को दर्ज कर लिया है।
उन्होंने कहा, “मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद ने सैफ के निवास स्थान पर लूट की नीयत से प्रवेश किया था। उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। प्रथम दृश्टया में पता चलता है कि वो बांग्लादेश से है। उसके पास कोई भारतीय दस्तावेज नहीं है। उसने विजय दास के नाम से पहचान बताई हुई थी”
उल्लेखनीय है कि 16 जनवरी 2025 को सैफ अली खान के घर पर हमला करने के बाद शरीफुल इस्लाम 3 दिन से न्यूज देख देखकर लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था। आखिर में गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने ठाणे वेस्ट के हीरानंदानी एस्टेट के पास छापा मारा और वह टीसीएस कॉल सेंटर के पीछे चल रहे मेट्रो निर्माण स्थल पर लेबर कैंप में मिला। पुलिस ने उसे पकड़ने के बाद भारतीय पासपोर्ट अधिनियम के तहत उचित धाराएँ जोड़ी हैं।