Mnsnews > Uncategorized > या तो मुसलमान बनो या मरो Uncategorizedया तो मुसलमान बनो या मरोaaashuNo commentposted on Aug. 12, 2024 at 1:02 am मौलाना का कहना है कि मुसलमान आबादी इतनी हो गयी कि अब हिंदुओं को मुसलमान बनने से बचाएगा कौन….. ‘इस्लाम या मौत ! हिन्दुओं को सिर्फ दो विकल्प मिलने चाहिए..’, बांग्लादेश नरसंहार पर बोला इस्लामी उपदेशक अबू नज्म, दिया किताबों का हवाल ढाका: बांग्लादेश में कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा हिंदुओं का नरसंहार किए जाने से दुनिया भर के कई इस्लामवादियों की हत्या की कल्पनाएँ बढ़ गई हैं, जो इस बात का इंतज़ार कर रहे हैं कि बांग्लादेश का आखिरी हिन्दू भी ख़त्म कर दिया जाएगा। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) में रहने वाला अबू नज्म फर्नांडो बिन अल-इस्कंदर भी ऐसा ही एक कट्टरपंथी है, जो वह “इस्लामिक अध्ययन” में विशेषज्ञता वाला PhD छात्र होने का दावा करता है और खुद को “स्वदेशी मुसलमान” बताता है। उसने 20 से ज़्यादा साल ‘इस्लामिक विज्ञान’ पर शोध और अध्यापन में बिताए हैं, लेकिन उसका मुख्य पेशा कुफ़र या काफ़िर (गैर-मुस्लिम) के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाना और मुसलमानों को उनकी हत्या के लिए भड़काना ही है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और बांग्लादेश में हिन्दु विरोधी हिंसा के बाद, अबू नज्म ने इस विनाशकारी घटनाक्रम पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया और देश से हिंदुओं के पूर्ण विनाश की वकालत की। उसने सोशल मीडिया पर लिखा कि, यह तथ्य कि ‘अहल अस-सुन्नाह’ (पैगंबर मुहम्मद की परंपराएं और प्रथाएं जो मुसलमानों के लिए एक आदर्श हैं) के लिए न्यायशास्त्र के चार स्कूलों में से तीन का मानना है कि हिंदुओं के पास केवल दो विकल्प होने चाहिए, इस्लाम अपनाना या मर जाना।’ ध्यान रखिए, कट्टरपंथी, अबू नज्म ने ये बात सभी हिन्दुओं के लिए कही है, इसमें यदव, दलित, आदिवासी, ब्राह्मण, बनिए, ठाकुर अलग नहीं हैं। बता दें कि, अफ़ग़ानिस्तान में भी तालिबान शासन आने के बाद हिन्दू-सिखों को यही विकल्प दिए गए थे, 1990 में कश्मीर में भी यही विकल्प थे । अबू नज्म ने कोई नई बात नहीं कही है, ये तो सदियों से होता ही आया है, लेकिन आबादी बढ़ने के बाद। अबू नज्म ने अपनी पोस्ट में कहा कि, “हिंदुओं को आभारी होना चाहिए कि वे हनफियों के साथ व्यवहार कर रहे हैं, न कि मालिकियों, शफीइयों या हनबलीयों के साथ।” उन्होंने सुन्नी इस्लामी विचारधाराओं का नाम लेते हुए उनका मजाक उड़ाया और कहा कि वे गैर-मुसलमानों के प्रति कहीं अधिक हिंसक और शत्रुतापूर्ण हैं तथा बांग्लादेश में कमजोर हिंदुओं के साथ और भी अधिक क्रूरता से पेश आते। उसने सऊदी अरब और कतर में प्रमुख सुन्नी स्कूल, न्यायशास्त्र के हनबली स्कूल से इस्लामी कानून का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है, “संरक्षण के अनुबंध के तहत गैर-मुसलमानों को अपने सिर के आगे के हिस्से को मुंडवाकर और बिना बालों को अलग किए कटवाकर खुद को मुसलमानों से अलग करना होता है, क्योंकि पैगंबर मुहम्मद ने अपने बालों को अलग किया था। ऐसा यह दिखाने के लिए किया जाता है कि गैर-मुसलमानों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए, क्योंकि उन्हें मुसलमानों से कमतर माना जाता है।” इस्लामी विद्वान अबू नज्म ने यह आश्वासन देकर अपनी ‘उदारता’ भी दिखाई कि उन्हें उन हिंदुओं से कोई समस्या नहीं है, जो मुस्लिम देशों में रहते हुए भी उनकी अधीनस्थ स्थिति को स्वीकार करते हैं, और अपने धर्म को त्याग देते हैं जिसे उन्होंने “शिर्क” (मूर्तिपूजा, बहुदेववाद और अल्लाह से जुड़ाव) कहा है और इस्लामी कानूनों और नियमों के अनुसार जीवन जीते हैं। उन्होंने आगे उम्मीद जताई कि “बांग्लादेश हिंदू प्रभाव और हस्तक्षेप से मुक्त हो जाएगा”। इस्लामी विद्वान ने प्रसिद्ध बांग्लादेशी गायक राहुल आनंदा पर हुए हमले के बारे में एक पोस्ट के जवाब में भी अल्लाह का शुक्रिया अदा किया, जिनके घर को लूट लिया गया और आग लगा दी गई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी मुस्लिम देश में कोई मूर्ति नहीं होनी चाहिए और कहा कि, “जो कोई भी उनके पक्ष में तर्क देता है, उसे शिर्क (गैर-मुस्लिम) की भूमि पर निर्वासित कर दिया जाना चाहिए।” यह बात उसने बांग्लादेश में इस्लामवादियों से एक देवता की मूर्ति की रक्षा करने वाले एक हिंदू ब्राह्मण के पोस्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। गौर करने वाली बात ये भी है कि, कट्टरपंथी अबू नज्म ने अपनी बातों में इस्लामी किताबों का हवाला भी दिया है, जिससे ये स्पष्ट होता है कि, ये किताबें गैर मुस्लिमों को किस रूप में देखती हैं और मुस्लिमों को क्या सिखाती हैं। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में ‘उदारवादी’ हनफियों के साथ अपनी हताशा को फिर से व्यक्त किया और दावा किया कि जबकि वे अन्य सुन्नी विचारधाराओं की तरह गैर-मुस्लिम पूजा स्थलों को ध्वस्त करने के लिए बाध्य नहीं हैं, उनसे काफिरों को वहां प्रार्थना करने से रोकने और उन्हें निवास में बदलने की अपेक्षा की जाती है। उन्होंने कहा, “यह हास्यास्पद है कि बांग्लादेश और अन्य जगहों पर कितने कम विद्वान मुसलमानों को इन इस्लामी कानूनों की याद दिला रहे हैं।” उसने यह भी कहा कि अल्लाह को खुश करने का एक भ्रामक वादा और हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुँचाने के लिए परलोक में सज़ा का ख़तरा लोगों को उनकी “रक्षा” करने के लिए उकसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अबू नज्म ने लिखा कि, “विद्वानों को आगे आकर इन कानूनी फ़ैसलों के बारे में सच्चाई बताने की ज़रूरत है। उन्हें बांग्लादेश और अन्य मुस्लिम देशों में मुसलमानों को उचित सलाह देने की भी ज़रूरत है जहाँ इन कानूनी फ़ैसलों का खुलेआम उल्लंघन और निंदा की जा रही है।” बांग्लादेश को “इस्लाम द्वारा जीती गई भूमि” बताते हुए उसने कहा कि अगर मुसलमान इस्लामी कानून का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें कुफ्र (मूर्ति पूजा, जिसे मुसलमान पाप समझते हैं) की वापसी और मुस्लिम देशों पर काफिरों के कब्जे के ज़रिए अल्लाह द्वारा दंडित किया जाएगा, जिसके तहत उन्हें उन क्षेत्रों में गैर-मुस्लिम पूजा स्थलों को ध्वस्त करना होगा, जिन पर उन्होंने विजय प्राप्त की है। उसने कहा कि, “यह इस्लाम में दायित्वों को पूरा करने से इनकार करने के लिए परलोक में मिलने वाली सज़ा से अलग है।” एक अन्य ट्वीट में उसने बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए अपनी इच्छा जताई कि उन्हें (हिन्दुओं को) “भारत में मुसलमानों द्वारा महसूस किए जाने वाले अपमान से 10 गुना अधिक अपमान” का सामना करना पड़े और कहा, “जो कोई भी इससे अलग कुछ मांग रहा है, उसे हसीना के साथ चले जाना चाहिए।” अबू नज्म ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि काफिरों (गैर-मुस्लिमों) के लिए इस्लामी राज्य में कोई जगह नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के लिए अलग-अलग नियम होने चाहिए क्योंकि गैर-मुस्लिम कमतर हैं और उन्हें अमानवीय तरीके से जीने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए जबकि उन्हें जजिया (इस्लामी शासन में गैर मुस्लिमों से लिया जाने वाला टैक्स) का भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। अपने दावों का समर्थन करने के लिए उसने इस्लामी किताबों के हवाले दिए हैं। बता दें कि, बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद से ही हिन्दुओं का नरसंहार शुरू हो चुका है। कट्टरपंथी मुस्लिम, अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की हत्या कर रहे हैं, उनकी महिलाओं के साथ बलात्कार कर रहे हैं और उनके मंदिरों और संपत्तियों को नष्ट करने के साथ-साथ उन्हें लूट रहे हैं। वहीं, भारत में रहने वाले मुसलमान, वामपंथी और विपक्षी, हिन्दू नरसंहार की बात मानने से ही इंकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि, बांग्लादेश की जनता ने शेख हसीना की तानाशाही के खिलाफ आवाज़ उठाई और वहां लोकतंत्र की जीत हुई है। शायद अबू नज्म फर्नांडो बिन अल-इस्कंदर जैसे जिहादियों की बातें सुनकर उनकी आँखें खुलें और उन्हें पता चले कि कट्टरपंथी, काफिरों के बारे में क्या सोच रखते हैं ? Share on FacebookShare on TwitteraaashuAugust 12, 2024previous articleआइए जाने जलेबी का इतिहास,कुछ जिहादी ,कुछ दलाल लेखक,कुछ बिकाऊ पत्रकार इसको ईरान का बता रहेnext articleदलाल नेता ढूंढता रह गया हिंडनबर्ग जिससे रायता फैलवाता ,सेबी ने और भारतीय उद्योगपतियों ने औकात में ला दिया,धोखेबाज को,…शेयर की शार्टसेलिंग करके अरबों बनाता है दोगला Leave a Reply Cancel replyWrite your comment hereName Email Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. You Might Also LikeUncategorized27 मुसलमान ढाबों के लाइसेंस निरस्त,हिंदू देवी देवताओं के नाम रख कर दे रहे थे धोखाFebruary 5, 2025Uncategorizedअमेरिका का नेहरू पर सनसनी खेज खुलासा, तत्कालीन राष्ट्रपति कैनेडी के केबल हुए डी कोडFebruary 5, 2025Uncategorizedअब मुसलमान लड़के निकाह नही कर सकेंगे अपनी,नानी दादी,सौतेली माँ,सौतेली नानी,परदादी,नातिन पोती समेत 74 सेFebruary 3, 2025Uncategorizedमुसलमान बेच रहे हिन्दू लड़कियां 2 से 3 लाख में,मोहम्मद मौसम हिंदू नाम ऋषभ शाह, आफताब खान हिंदू नाम अंकित तिवारी, मोहम्मद रफी हिंदू नाम राजीव शाहFebruary 3, 2025Uncategorizedमुसलमान अमन शेख ने हिंदू छात्रा को चाकू मारे,फरार होने से पहले गिरफ्तारFebruary 1, 2025Uncategorizedमोहम्मद मुबारक बलात्कारी गिरफ्तारJanuary 29, 2025
Uncategorized27 मुसलमान ढाबों के लाइसेंस निरस्त,हिंदू देवी देवताओं के नाम रख कर दे रहे थे धोखाFebruary 5, 2025
Uncategorizedअमेरिका का नेहरू पर सनसनी खेज खुलासा, तत्कालीन राष्ट्रपति कैनेडी के केबल हुए डी कोडFebruary 5, 2025
Uncategorizedअब मुसलमान लड़के निकाह नही कर सकेंगे अपनी,नानी दादी,सौतेली माँ,सौतेली नानी,परदादी,नातिन पोती समेत 74 सेFebruary 3, 2025
Uncategorizedमुसलमान बेच रहे हिन्दू लड़कियां 2 से 3 लाख में,मोहम्मद मौसम हिंदू नाम ऋषभ शाह, आफताब खान हिंदू नाम अंकित तिवारी, मोहम्मद रफी हिंदू नाम राजीव शाहFebruary 3, 2025