हिंदू से मुस्लिम बनीं तीन लेडी टीचर आईं सामने, गंगा-जमुना स्कूल पर कही बड़ी बात
Damoh Lady Teacher Conversion Case: दमोह के गंगा-जमुना स्कूल में तीन लेडी टीचर हिंदू से मुस्लिम बनीं हैं। विवाद बढ़ने के बाद तीनों ने कहा है कि स्कूल आने से पहले ही हमने अपनी मर्जी से धर्मांतरण किया था। इसमें स्कूल का कोई रोल नहीं है।
दमोह: एमपी (MP School Conversion Case) के दमोह जिला स्थित गंगा-जमुना स्कूल में धर्मांतरण का मामला सामने आया है। स्कूल पर आरोप है कि हिंदू बच्चों को मुस्लिम धर्म की आयतें पढ़ाई जाती हैं। इसके साथ ही स्कूल पर आरोप है कि कुछ लेडी टीचरों का धर्मांतरण करवाया गया है। वहीं, जिन टीचरों को धर्मांतरण हुआ है, वो विवाद बढ़ने के बाद सामने आईं हैं। तीनों टीचर पहले हिंदू थीं अब मुस्लिम बन गई हैं। मीडिया के सामने आकर तीनों ने कहा है कि हमारा धर्मांतरण नहीं हुआ है। हम स्कूल ज्वाइन करने से पहले ही अपनी मर्जी से धर्म बदल लिया था।
गंगा-जमुना स्कूल में पढ़ाने वाली तीन लेडी टीचर ऐसी हैं, जो पहले हिंदू थीं। धर्म परिवर्तन कर वह मुस्लिम बन गईं। इसमें सबसे पहला नाम प्राची जैन का है जो अब तबस्सुम बानो हैं। अनीता यदुवंशी अब अनीता खान बन गई हैं और दीप्ति श्रीवास्तव अब अफशा शेख बन गई हैं। तीनों एक साथ विवाद के बाद मंगलवार को अपना डॉक्यूमेंट लेकर दमोह कलेक्टर के पास पहुंची। अधिकारियों से मिलने के बाद तीनों ने कहा कि हमारा धर्मांतरण नहीं हुआ है। हमने अपनी मर्जी से धर्म बदला है। संविधान ने हमें अधिकार दिया है। हम किसी भी धर्म को अपनी मर्जी से मान सकते हैं।
प्राची जैन से तबस्सुम बानो बनी टीचर ने कहा कि 2004 में मेरी मर्जी से मेरा निकाह हुआ था। इसमें किसी का कोई दबाव नहीं था। स्कूल के संचालक हाजी सर का इसमें कोई रोल नहीं है। गंगा जमुना स्कूल 2012 में खुला है। इसके बाद हमारी ज्वाइनिंग यहां हुई है। स्कूल के संचालक को परेशान किया जा रहा है। तबस्सुम बानो ने कहा कि दमोह में ही मेरा निकाह हुआ था।
अनिता यदुवंशी अब नीता खान बन गई है। वह गंगा जमुना स्कूल में टीचर है। नीता खान ने कहा कि मेरी शादी 2013 में हुई है। मैंने स्कूल 2021 में ज्वाइन किया है। मेरे धर्म बदलने में स्कूल संचालक का कोई रोल नहीं है। सिर्फ उनके खिलाफ आरोप लगाया जा रहा है। हमलोग धर्म परिवर्तन के बारे में नहीं जानते हैं। धर्म बदलने का फैसला व्यक्तिगत है। हम किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। धर्म परिवर्तन को स्कूल से नहीं जोड़ा जाए।
स्कूल आने से पहले किया धर्म परिवर्तन
दीप्ति श्रीवास्तव ने धर्म बदलकर अफशा शेख बन गई है। उन्होंने कहा कि मैंने स्कूल आने से पहले ही धर्म परिवर्तन किया था। मेरा निकाह 2000 में हो गया है। इसके सारे कागजात हमारे पास हैं। स्कूल में धर्मांतरण को इससे नहीं जोड़ा जाना चाहिए। अब 21 साल की मेरी बेटी है। बालिग होने के बाद मैंने अपनी मर्जी से लव मैरिज की थी।
गौरतलब है कि एमपी की सियासत में यह मामला तूल पकड़ लिया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा है कि मैं मुख्यमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि इस जिहादी साम्राज्य के खिलाफ उन्होंने विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। स्कूल प्रबंधन की भूमिका की हर एंगल से जांच हो।
मस्जिद से भी दमोह के हिजाबी स्कूल का रास्ता, तिलक लगाने-कलावा बाँधने पर पाबंदी: भारत के मानचित्र से भी छेड़छाड़
मध्य प्रदेश के दमोह के गंगा जमुना हायर सेकेंडरी स्कूल को लेकर लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार स्कूल से एक रास्ता मस्जिद को भी जाता है। छात्रों के तिलक लगाने और कलावा बाँधने पर पाबंदी थी। हिजाब पहनना और उर्दू पढ़ना अनिवार्य था।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस स्कूल की मान्यता स्थायी रूप से समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने 7 जून 2023 को किए एक ट्वीट में बताया है, “दमोह के कलेक्टर को नया नोटिस जारी किया है। जिला प्रशासन द्वारा दर्ज FIR में बच्चों के बयान के आधार पर मध्य प्रदेश धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम, राष्ट्र के मानचित्र के साथ छेड़खानी एवं संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन की धाराएँ बढ़ाने तथा स्कूल के अस्थायी निलंबन के स्थान पर स्थायी रूप से मान्यता समाप्त करने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।”
इससे पहले उन्होंने स्कूल के लोगो में भारत के नक्शे के साथ छेड़छाड़ को भी उजागर किया था। यह स्कूल जाँच के दायरे में भी NCPCR की पहल के बाद ही आया था। आयोग को स्कूल की गैर मुस्लिम छात्राओं को भी हिजाब पहनाने की शिकायत मिली थी। इसको लेकर स्थानीय प्रशासन को कानूनगो ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
टीवी9 भारतवर्ष ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस स्कूल के पास एक मस्जिद भी है। इस मस्जिद से भी एक रास्ता स्कूल को जाता है। हिंदू छात्रों से बातचीत का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चों को एक भी श्लोक या सरस्वती वंदना नहीं आती। लेकिन कुरान की आयतें उन्हें याद है। बच्चों के अनुसार कुरान की आयतें याद नहीं होने पर शिक्षक पिटाई करते थे। रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के किए जा रहे ब्रेनवॉश की अभिभावकों को खबर नहीं थी।
दैनिक भास्कर ने इस स्कूल की कक्षा 9 की एक छात्रा के हवाने से बताया है कि हिजाब पहनना अनिवार्य था। उसने बताया, “मैं नर्सरी से गंगा जमुना स्कूल में पढ़ रही हूँ। ड्रेस हमें स्कूल से ही मिलती है। हिजाब पहनना अनिवार्य है। नहीं पहनने पर शिक्षक टोकते हैं। हम घर से हिजाब पहनकर नहीं निकलते थे। स्कूल गेट पर पहुँचकर हिजाब पहनते थे।” इस छात्रा के अनुसार, “पहली कक्षा से ही उर्दू की पढ़ाई अनिवार्य है। स्कूल में तिलक लगाना और कलावा बाँधना प्रतिबंधित है। ऐसा करने पर शिक्षक रोकटोक करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि जब गैर मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनाने का मामला सामने आया था तो स्कूल प्रबंधन ने सफाई देते हुए इसे ‘स्कार्फ’ बताया था। साथ ही कहा था कि इसे पहनना जरूरी नहीं है। बाद में प्रबंधन ने इसके लिए खेद भी जताया था। लेकिन मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निर्देश पर जब मामले की जाँच आगे बढ़ी तो इस स्कूल की पोल पट्टी खुलती गई। यह बात भी सामने आ चुकी है कि स्कूल में काम कर रही कई शिक्षिकाओं ने इस्लामी धर्मांतरण कर रखा है।